
श्रावण की पहली सोमवारी पर बाबाधाम जाने की जबरदस्त तैयारी: ट्रेनें फुल, गाड़ियों की बुकिंग जोरों पर, किराया भी पहुंचा 20 हजार तक।
देवघर। सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसी दिन इस वर्ष की पहली सोमवारी पड़ रही है। इस खास अवसर पर बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। रांची, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग समेत झारखंड के कई जिलों से बड़ी संख्या में भक्त बाबाधाम पहुंचने की तैयारी में जुटे हैं।
रेलवे टिकटों पर जबरदस्त दबाव
श्रावण की पहली सोमवारी को देखते हुए रेलवे टिकटों की बुकिंग चरम पर है। खासतौर से रांची से देवघर और आसपास के इलाकों में जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देखी जा रही है।
18603 रांची-गोड्डा एक्सप्रेस में 10 जुलाई की स्थिति चिंताजनक है। स्लीपर क्लास में 115 वेटिंग, जबकि थर्ड एसी में 35 वेटिंग दिख रही है।
15027 मौर्य एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में 9 और 13 जुलाई को टिकट पूरी तरह बुक हो चुके हैं, यानी टिकट बुकिंग “रेगरेट” स्थिति में है। हालांकि थर्ड एसी में अब भी 100 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं।
18105 राउरकेला-जयनगर एक्सप्रेस में 10 और 12 जुलाई को स्लीपर कोच में आरएसी (Reservation Against Cancellation) चल रही है।
17005 हैदराबाद-रक्सौल एक्सप्रेस में भी 11 जुलाई के लिए 8 से 10 वेटिंग नजर आ रही है।
निजी वाहनों की मांग बढ़ी, किराया हुआ महंगा
सिर्फ ट्रेनें ही नहीं, बल्कि निजी गाड़ियों की बुकिंग भी जोर पकड़ चुकी है। रांची से देवघर तक जाने के लिए टूर एंड ट्रैवल एजेंसीज ने गाड़ियों की एडवांस बुकिंग शुरू कर दी है।
टूर एंड ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरदीप सहाय के अनुसार, पहली सोमवारी को देवघर जाने वालों की संख्या बहुत अधिक होती है, ऐसे में लोग निजी गाड़ियों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
4 पहिया वाहनों का किराया 16,000 से 20,000 रुपए तक पहुंच चुका है।
इसमें खासतौर पर इनोवा, स्कॉर्पियो, बोलेरो जैसी बड़ी गाड़ियों की डिमांड अधिक है।
मंदिर प्रशासन भी तैयारी में जुटा
देवघर मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन भी भारी भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाएं करने में लगा हुआ है। मंदिर में दर्शन व्यवस्था, लाइन नियंत्रण, मेडिकल सुविधाएं, सुरक्षा और साफ-सफाई को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
नोट: अगर आप भी इस सावन में बाबाधाम जाकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करना चाहते हैं, तो यात्रा की योजना अभी से बना लें। ट्रेनों और गाड़ियों में सीमित सीटें हैं, देर करने पर यात्रा में दिक्कत हो सकती है।
श्रावण की पहली सोमवारी का पुण्य लाभ लेने का अवसर न चूकें – जय भोलेनाथ!