
“स्मोकिंग नहीं की, फिर भी हो गया गले का कैंसर!” – जानिए किन कारणों से खतरे में है आपकी सेहत
अब तक माना जाता था कि गले का कैंसर सिर्फ उन लोगों को होता है जो धूम्रपान करते हैं। लेकिन ताजा मेडिकल रिपोर्ट्स और डॉक्टरों की राय कुछ और ही कहती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अब गले के कैंसर के मरीजों में बड़ी संख्या उन लोगों की है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया। इसके पीछे कुछ नए जोखिम कारक सामने आए हैं जिनका आम जीवन से सीधा संबंध है।
1. क्या है गले का कैंसर?
गले का कैंसर (Throat Cancer) एक प्रकार का हेड एंड नेक कैंसर है जो वॉइस बॉक्स, वोकल कॉर्ड्स, टॉन्सिल्स या ग्रसनी (फैरिंक्स) को प्रभावित करता है। इसमें गले की अंदरूनी परतों में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जो बाद में ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।
2. सिर्फ स्मोकिंग नहीं, अब ये कारण भी बन रहे हैं बड़ी वजह:
a. एचपीवी वायरस (HPV Infection):
डॉक्टरों के मुताबिक, Human Papillomavirus (HPV) आज गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है। यह एक यौन संक्रामक वायरस है, जो ओरल सेक्स के माध्यम से फैलता है। भारत में तेजी से फैल रहे HPV संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि HPV से जुड़ा गले का कैंसर आमतौर पर युवाओं में अधिक देखने को मिल रहा है।
b. प्रदूषण और जहरीली हवा:
शहरी इलाकों में रहने वाले लोग लगातार धूल, धुएं और जहरीले रसायनों के संपर्क में रहते हैं। दिल्ली, मुंबई, जयपुर जैसे शहरों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से गले की परतों पर लगातार असर पड़ता है, जिससे लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां पनप सकती हैं।
c. एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux):
खराब खान-पान और लाइफस्टाइल की वजह से एसिडिटी और गैस की समस्या अब आम हो गई है। गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) के कारण पेट का एसिड गले तक पहुंचता है और लगातार एसिड के संपर्क में आने से कोशिकाओं को नुकसान होता है, जो कैंसर की वजह बन सकता है।
d. शराब का सेवन:
हालांकि स्मोकिंग से कम चर्चित, लेकिन शराब का नियमित सेवन भी गले के कैंसर का बड़ा रिस्क फैक्टर है। खासतौर पर अगर व्यक्ति एल्कोहल के साथ स्मोकिंग भी करता है तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
e. जंक फूड और पोषण की कमी:
लंबे समय तक खराब डाइट जैसे अधिक तले-भुने, प्रोसेस्ड और मसालेदार भोजन का सेवन, और विटामिन्स (खासकर विटामिन A और C) की कमी भी शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर देती है। इससे कैंसर जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।
3. डॉक्टरों की चेतावनी:
जयपुर स्थित एक प्रमुख कैंसर अस्पताल के ENT स्पेशलिस्ट डॉ. अश्विनी यादव का कहना है,
“हमारे पास आने वाले लगभग 30% मरीज ऐसे होते हैं जिन्होंने जीवन में कभी धूम्रपान या तंबाकू का सेवन नहीं किया। इसके बावजूद उन्हें गले का कैंसर हो गया। इसका मुख्य कारण HPV वायरस, एसिड रिफ्लक्स और प्रदूषण है। लोगों को अब सिर्फ तंबाकू नहीं, बल्कि अन्य रिस्क फैक्टर्स पर भी ध्यान देना चाहिए।”
4. कौन-कौन हैं जोखिम में?
30 साल से ऊपर के पुरुष और महिलाएं
ओरल या अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने वाले लोग
एसिडिटी या GERD की पुरानी समस्या वाले
मेट्रो शहरों में रहने वाले और वायु प्रदूषण से प्रभावित लोग
शराब के नियमित सेवन करने वाले
5. क्या हैं शुरुआती लक्षण?
गले के कैंसर के शुरुआती लक्षण हल्के होते हैं लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है:
आवाज में बदलाव या भारीपन
गले में लगातार खराश या गांठ
निगलने में कठिनाई
कान में दर्द
वजन का अचानक कम होना
अगर ये लक्षण 2-3 हफ्तों से ज्यादा समय तक बने रहें, तो तुरंत ENT स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
6. कैसे करें बचाव?
HPV से बचने के लिए वैक्सीन:
HPV वैक्सीन युवाओं को दी जा सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
हेल्दी डाइट:
फल, सब्जियां, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है।
प्रदूषण से बचाव:
मास्क पहनना, घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग और पौधों को लगाना लाभकारी हो सकता है।
एसिडिटी का इलाज:
यदि आपको लगातार एसिडिटी की शिकायत रहती है तो लापरवाही न करें। दवा और खान-पान सुधार से इसे रोका जा सकता है।
रेगुलर मेडिकल चेकअप:
विशेष रूप से उन लोगों को जो रिस्क जोन में आते हैं, उन्हें साल में कम से कम एक बार ENT चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
गले का कैंसर अब सिर्फ धूम्रपान करने वालों की बीमारी नहीं रही। आज की जीवनशैली, खान-पान और संक्रमणों ने हर किसी को इसकी चपेट में ला दिया है। जरूरी है कि हम समय रहते सतर्क हों, जागरूक हों और अपनी सेहत के लिए आवश्यक कदम उठाएं। क्योंकि बीमारी चाहे कोई भी हो, समय पर पहचान और इलाज से ही जीवन बचाया जा सकता है।
गले के कैंसर से बचने के 5 उपाय
1. स्मोकिंग और एल्कोहल से दूर रहें
2. HPV वैक्सीन लगवाएं
3. हेल्दी डाइट लें
4. गले की परेशानी को नजरअंदाज न करें
5. सालाना मेडिकल चेकअप जरूर कराएं