
दिखें ये 5 लक्षण तो हो जाएं सतर्क! किडनी खराब होने के संकेत, तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
किडनी यानी गुर्दे हमारे शरीर के बेहद जरूरी अंग हैं, जो खून को फिल्टर कर शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करते हैं। लेकिन बदलती जीवनशैली, गलत खानपान और तनावपूर्ण दिनचर्या के कारण किडनी से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। नेशनल हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में हर साल लाखों लोग किडनी से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
समस्या यह है कि किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण बहुत सामान्य होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यदि समय रहते इन संकेतों को पहचान लिया जाए तो बड़ा नुकसान टाला जा सकता है।
1. लगातार थकान और कमजोरी
अगर आप बिना किसी भारी काम के भी लगातार थकान महसूस कर रहे हैं या कमजोरी हावी है, तो यह किडनी फेलियर का पहला संकेत हो सकता है। खराब किडनी शरीर से टॉक्सिन्स को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे शरीर में विषैले तत्व जमा हो जाते हैं और थकान महसूस होती है।
2. आंखों और पैरों में सूजन आना
जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में अतिरिक्त नमक और पानी जमा होने लगता है। इसका असर आंखों के नीचे सूजन के रूप में और टखनों, पैरों में सूजन बनकर सामने आता है। यह सूजन धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। इसे नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
3. बार-बार पेशाब आना या पेशाब में झाग
यदि आप दिन और रात में बार-बार पेशाब कर रहे हैं या पेशाब में झाग, झुनझुनी या जलन महसूस हो रही है, तो यह भी किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है। किडनी अगर फिल्टरिंग का काम सही ढंग से नहीं कर रही है, तो यूरिन में प्रोटीन लीक होने लगता है, जिससे झाग बनता है।
4. भूख न लगना और उल्टी आना
किडनी सही तरीके से विषैले तत्वों को बाहर न निकाल पाए तो वह शरीर में इकठ्ठा होने लगते हैं। इससे भूख में कमी, उल्टी या मतली जैसी दिक्कतें होती हैं। लंबे समय तक यह लक्षण बने रहें तो इसे हल्के में न लें।
5. त्वचा पर खुजली और रूखापन
किडनी फेल होने पर शरीर में मिनरल्स और पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ता है। इससे त्वचा पर लगातार खुजली, जलन या सूखापन हो सकता है। यह लक्षण तब और गंभीर हो जाता है जब साथ ही अन्य लक्षण भी दिखने लगें।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
यदि ऊपर बताए गए 5 में से कोई भी लक्षण लगातार कुछ दिनों से महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज मिलने से किडनी डैमेज को रोका जा सकता है और मरीज की जिंदगी बचाई जा सकती है।
किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय:
दिनभर भरपूर पानी पिएं (कम से कम 7-8 गिलास)।
ज्यादा नमक और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।
नियमित व्यायाम करें और शरीर का वजन नियंत्रित रखें।
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित रखें।
डॉक्टरी सलाह जरूरी क्यों?
कई बार मरीज लक्षणों को मामूली समझकर घरेलू इलाज या गूगल पर इलाज खोजने लगते हैं, जिससे समय निकल जाता है। जबकि किडनी से जुड़ी समस्याओं का इलाज जितना जल्दी शुरू हो, उतना ही बेहतर होता है। डॉक्टर से जांच करवाकर सही उपचार पाना ही जीवनरक्षक हो सकता है।
किडनी की बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है लेकिन अगर समय रहते लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। अपने शरीर के संकेतों को समझें और नजरअंदाज न करें। सेहत के प्रति सजग रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।