
रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर: इमरजेंसी कोटे के नियमों में बदलाव, चार्ट बनने का समय भी बदला
भारतीय रेलवे ने रिजर्वेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव करते हुए अब इमरजेंसी कोटे (Emergency Quota) की बुकिंग प्रक्रिया में संशोधन किया है। अब ट्रेन के प्रस्थान से 8 घंटे पहले ही इमरजेंसी कोटे की टिकट बुकिंग बंद हो जाएगी। यह बदलाव रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने के नए नियम के साथ लागू किया गया है। रेलवे मंत्रालय ने इस फैसले को 8 जुलाई 2025 से प्रभाव में ला दिया है। इसके तहत अब यात्रियों को इमरजेंसी बुकिंग के लिए पहले से योजना बनानी होगी।
रेलवे यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के लिए रेलवे ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब तक यात्रियों को अंतिम समय में इमरजेंसी कोटे के जरिए टिकट की सुविधा मिलती थी, लेकिन अब रेलवे ने इसमें सख्ती करते हुए इसकी प्रक्रिया को समयबद्ध बना दिया है।
रेल मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की कि अब ट्रेन के प्रस्थान से 8 घंटे पहले ही आरक्षण चार्ट तैयार कर दिया जाएगा। इस बदलाव के साथ अब इमरजेंसी कोटे की बुकिंग की समयसीमा भी बदल दी गई है। यानी अब ट्रेन के प्रस्थान से 8 घंटे पहले तक ही इमरजेंसी कोटे के लिए टिकट बुक की जा सकेगी, उसके बाद यह कोटा स्वतः बंद हो जाएगा।
क्या है इमरजेंसी कोटा?
इमरजेंसी कोटा, जिसे ‘Tatkal Emergency Quota’ या ‘EQ’ कहा जाता है, वह आरक्षण कोटा है जिसे विशेष परिस्थितियों में जरूरतमंदों के लिए आरक्षित रखा जाता है। इसके अंतर्गत सांसदों, विधायकों, न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिकारियों, सेना, पुलिस, डॉक्टरों, गंभीर रूप से बीमार मरीजों, और कुछ विशेष श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलती है।
सामान्य यात्री भी मेडिकल इमरजेंसी या अन्य गंभीर परिस्थितियों में संबंधित रेलवे कार्यालय से संपर्क कर इस कोटे के तहत टिकट बुक कर सकते हैं। इसके लिए स्टेशन मास्टर, DRM कार्यालय या रेलवे बोर्ड की अनुशंसा जरूरी होती है।
नया नियम क्या कहता है?
रेलवे के नए नियम के तहत अब इमरजेंसी कोटे से संबंधित टिकटों का आवंटन ट्रेन के चलने से ठीक 8 घंटे पहले बंद कर दिया जाएगा। इसके पीछे रेलवे की मुख्य मंशा पारदर्शिता और समय प्रबंधन को मजबूत करना है।
अब तक यह कोटा ट्रेन रवाना होने के कुछ घंटे पहले तक खुला रहता था, जिससे अक्सर भ्रष्टाचार, सिफारिश और अव्यवस्था की शिकायतें सामने आती थीं। लेकिन अब रेलवे ने इसे शेड्यूल के अनुसार नियंत्रित कर दिया है।
रेलवे ने क्यों किया बदलाव?
रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यात्रियों को समय पर और पारदर्शी सेवा देने के लिए यह बदलाव किया गया है। हाल के वर्षों में रेलवे ने डिजिटल रिजर्वेशन सिस्टम को और अधिक आधुनिक बनाया है। 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट बनाने का उद्देश्य यह है कि यात्रियों को पहले से पता हो कि उन्हें सीट मिली है या नहीं, ताकि वे यात्रा की तैयारी उसी के अनुसार कर सकें।
इसी प्रक्रिया के तहत अब इमरजेंसी कोटे की बुकिंग को भी 8 घंटे पहले तक सीमित कर दिया गया है, जिससे यह कोटा वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचे और इसका दुरुपयोग न हो।
पहले और अब के सिस्टम में अंतर:
बिंदु पहले अब
चार्ट बनने का समय 4 घंटे पहले 8 घंटे पहले
इमरजेंसी कोटे की बुकिंग अंतिम समय तक ट्रेन से 8 घंटे पहले तक
चार्ट संशोधन की संभावना सीमित पहला चार्ट 8 घंटे पहले, दूसरा चार्ट 30 मिनट पहले
यात्रियों पर असर
इस नए नियम का सबसे बड़ा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो अंतिम समय पर टिकट की उम्मीद करते हैं। अब उन्हें 8 घंटे पहले ही तय करना होगा कि वे यात्रा कर रहे हैं या नहीं। खासकर मेडिकल इमरजेंसी वाले मामलों में समय पर आवेदन जरूरी होगा, वरना टिकट मिलने की संभावना नहीं के बराबर रहेगी।
हालांकि रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि कुछ विशेष श्रेणियों के मामलों में DRM या उच्च रेलवे अधिकारी के स्तर से विशेष अनुमति के तहत टिकट जारी की जा सकती है, लेकिन यह केवल असाधारण परिस्थितियों में ही होगा।
कैसे करें इमरजेंसी कोटे के तहत आवेदन?
1. रेलवे स्टेशन मास्टर से संपर्क करें।
2. मेडिकल या सरकारी सिफारिश के प्रमाण दें।
3. डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) कार्यालय से लिखित अनुरोध करें।
4. उपयुक्त दस्तावेजों के साथ आवेदन ट्रेन के प्रस्थान से 8 घंटे पहले दें।
रेलवे मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय न केवल सिस्टम को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि दलालों और फर्जी सिफारिशों पर भी अंकुश लगाएगा। पहले यह देखा गया था कि इमरजेंसी कोटा के नाम पर सीटों की ब्लैक मार्केटिंग तक हो रही थी। इस नई प्रणाली से यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा और जरूरतमंदों को प्राथमिकता मिल पाएगी।
रेलवे का यह कदम आधुनिक आरक्षण प्रणाली की दिशा में एक और प्रयास है। यात्रियों को अब पहले से अपनी यात्रा की योजना बनानी होगी और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी कोटे में समय रहते आवेदन करना होगा। पारदर्शिता और समय प्रबंधन की दृष्टि से यह एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
इमरजेंसी टिकट चाहिए तो ट्रेन से कम से कम 8 घंटे पहले आवेदन करें।
चार्ट बनने के बाद इमरजेंसी कोटा स्वतः बंद हो जाएगा।
मेडिकल, सुरक्षा या सरकारी कार्य के दस्तावेज साथ रखें।