
इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान की राजनीति में एंट्री, ‘पाकिस्तान रिपब्लिक पार्टी’ बनाने का ऐलान
नई पार्टी के जरिए जनता की आवाज उठाने और सत्ता को जवाबदेह बनाने का दावा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सियासत में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी और पत्रकार रह चुकीं रेहम खान ने राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने ‘पाकिस्तान रिपब्लिक पार्टी’ नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है। इस घोषणा के साथ ही पाकिस्तान की राजनीति में हलचल मच गई है, क्योंकि रेहम खान का नाम हमेशा विवादों और बेबाक बयानों के लिए जाना गया है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी आम जनता की आवाज बनेगी और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाएगी।
रेहम खान ने वीडियो संदेश में दी जानकारी
रेहम खान ने सोशल मीडिया के जरिए एक वीडियो जारी कर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अब एक नई सोच, एक नए नजरिए और सच्चे नेतृत्व की जरूरत है। उनका दावा है कि मौजूदा राजनीतिक दल जनता की जरूरतों को पूरी तरह अनदेखा कर रहे हैं और सत्ता सिर्फ एक वर्ग के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है।
“मैंने यह फैसला कोई गुस्से या बदले की भावना से नहीं लिया, बल्कि यह एक सोच-समझकर लिया गया निर्णय है। मैं चाहती हूं कि आम लोग खुद को सशक्त महसूस करें। मेरी पार्टी का मकसद सत्ता की जवाबदेही तय करना और जनता को सीधे फैसलों में शामिल करना होगा।”
राजनीति में आने की वजहें
रेहम खान ने अपनी घोषणा में यह भी बताया कि वह क्यों राजनीति में आना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सालों से पत्रकारिता के जरिए वह जमीनी हकीकतों को देखती और समझती रही हैं। उन्होंने महसूस किया कि पाकिस्तान की आम जनता को कोई नहीं सुनता और गरीब, महिलाएं, युवा और मजदूर हर सरकार में उपेक्षित ही रहते हैं।
“मैंने यह देखा है कि पाकिस्तान की राजनीति में नैतिकता और ईमानदारी की बहुत कमी है। मुझे महसूस हुआ कि अगर बदलाव चाहिए, तो खुद आगे बढ़कर प्रयास करना होगा। केवल आलोचना करने या लेख लिखने से कुछ नहीं होगा।”
पार्टी की प्राथमिकताएं
रेहम खान की पार्टी “पाकिस्तान रिपब्लिक पार्टी” किन मुद्दों को केंद्र में रखेगी, इसका भी उन्होंने खुलासा किया।
गवर्नेंस में पारदर्शिता और जवाबदेही: सत्ता में बैठे लोगों की जवाबदेही तय करना।
महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देना।
शिक्षा और स्वास्थ्य: आम जनता के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना।
युवा शक्ति का उपयोग: युवाओं को रोजगार और नेतृत्व के अवसर प्रदान करना।
अल्पसंख्यकों के अधिकार: सभी धर्मों और समुदायों को समान अधिकार और सम्मान देना।
क्या यह इमरान खान के खिलाफ कदम है?
रेहम खान की राजनीतिक एंट्री को कुछ लोग उनके पूर्व पति और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख इमरान खान के खिलाफ कदम मान रहे हैं। हालांकि, रेहम खान ने इन अटकलों को खारिज किया है। उन्होंने साफ कहा कि यह उनका निजी और स्वतंत्र फैसला है, और इसका इमरान खान से कोई लेना-देना नहीं है।
“मैं इमरान खान के नाम से अपनी पहचान नहीं बनाना चाहती। मैं अपने अनुभव, विचारों और नजरिए के साथ राजनीति में आई हूं। मेरी पार्टी किसी के विरोध में नहीं, बल्कि एक सकारात्मक बदलाव के लिए बनी है।”
रेहम खान का अब तक का सफर
रेहम खान मूल रूप से एक पत्रकार और टीवी एंकर रही हैं। ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने वहां पत्रकारिता की शुरुआत की। 2014 में उन्होंने इमरान खान से शादी की थी, लेकिन यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं चला और दोनों 2015 में अलग हो गए।
इसके बाद रेहम खान ने पाकिस्तान में कई सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलना शुरू किया। 2018 में उन्होंने एक किताब भी प्रकाशित की थी, जिसमें इमरान खान और उनकी राजनीति को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। उस समय भी उनका नाम सुर्खियों में रहा था।
चुनौतियों से भरा रास्ता
पाकिस्तान की राजनीति में नई पार्टी बनाना और खुद को स्थापित करना आसान नहीं है। देश में पहले से ही कई बड़ी और प्रभावशाली पार्टियां मौजूद हैं। ऐसे में रेहम खान को अपनी पहचान बनाने और जनता का विश्वास जीतने के लिए लंबा संघर्ष करना होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि रेहम खान की छवि एक मुखर और स्वतंत्र सोच वाली महिला की रही है, लेकिन राजनीतिक धरातल पर उन्हें संगठित प्रयास करने होंगे। उनकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह किस तरह अपनी पार्टी को जनता से जोड़ पाती हैं और जमीनी स्तर पर काम करती हैं।
आगे की रणनीति
रेहम खान ने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में वह पार्टी की औपचारिक लॉन्चिंग करेंगी और संगठन की संरचना, सदस्यता प्रक्रिया तथा चुनावी रणनीति की जानकारी देंगी। इसके अलावा, वह देशभर में जनसंपर्क अभियान भी चलाने की योजना बना रही हैं।
रेहम खान की राजनीति में एंट्री पाकिस्तान के सियासी परिदृश्य को एक नया आयाम दे सकती है। हालांकि यह शुरुआत है, लेकिन यदि वह अपनी बातों को धरातल पर उतारने में सफल होती हैं, तो वह देश की राजनीति में एक मजबूत विकल्प बन सकती हैं। आने वाला वक्त बताएगा कि रेहम खान की यह राजनीतिक यात्रा कितनी सफल होती है और वे कितनी दूर तक जनता का भरोसा जीत पाती हैं।