
India-Russia Oil: रूस से तेल खरीदना बंद करने पर कितना महंगा होगा पेट्रोल-डीजल? बाजार पर क्या असर पड़ेगा
भारत की अर्थव्यवस्था के लिए कच्चा तेल (Crude Oil) सबसे बड़ी जरूरत है। देश अपनी कुल ऊर्जा खपत का लगभग 85% आयात करता है। इनमें रूस, सऊदी अरब, इराक और अन्य देशों का बड़ा योगदान है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदकर अपने पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रखे। लेकिन अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कितना इजाफा होगा और इसका बाजार पर क्या असर पड़ेगा? आइए विस्तार से समझते हैं।
रूस से भारत की तेल खरीदारी
रूस भारत के लिए पिछले कुछ सालों से कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है।
भारत अपने कुल आयातित तेल का लगभग 35-40% रूस से लेता है।
रूस से मिलने वाला तेल अन्य देशों के मुकाबले 15-20% सस्ता पड़ता है।
इसी वजह से भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लंबे समय से स्थिर बनी हुई हैं।
अगर रूस से तेल आयात बंद हो जाए तो?
अगर भारत रूस से तेल लेना बंद कर देता है तो सबसे पहले असर कच्चे तेल की औसत कीमत पर पड़ेगा।
भारत को सऊदी अरब, अमेरिका और अन्य देशों से महंगे दामों पर तेल खरीदना पड़ेगा।
अनुमान है कि प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत 8 से 12 डॉलर तक ज्यादा चुकानी पड़ सकती है।
इसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमतों पर दिखेगा।
पेट्रोल-डीजल कितना महंगा होगा?
वर्तमान में भारत में पेट्रोल-डीजल की औसत कीमत 95-100 रुपये प्रति लीटर के आसपास है।
अगर रूस से तेल आपूर्ति बंद हो जाती है तो प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल 5 से 8 रुपये तक महंगा हो सकता है।
अगर कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव तेज हुआ तो यह बढ़ोतरी और ज्यादा हो सकती है।
महंगाई पर असर
पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से सीधे-सीधे महंगाई पर असर पड़ता है।
ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ जाएगी।
सब्जियां, फल और रोजमर्रा के सामान महंगे हो जाएंगे।
उद्योगों में प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर दबाव बढ़ेगा।
महंगाई दर (Inflation) में उछाल आ सकता है।
आम आदमी पर सीधा असर
पेट्रोल-डीजल महंगा होने से घरेलू बजट बिगड़ जाएगा।
ट्रेनों, बसों और हवाई यात्रा का किराया बढ़ सकता है।
ऑटो और टैक्सी सेवाओं के दाम बढ़ जाएंगे।
खाने-पीने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक हर चीज की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
सरकार के लिए चुनौतियां
भारत सरकार को तेल सब्सिडी और टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव करना पड़ सकता है।
राजस्व (Revenue) पर असर पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी चुनौतियां खड़ी होंगी, क्योंकि रूस के साथ भारत का ऊर्जा सहयोग मजबूत रहा है।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक जानकारों का कहना है कि भारत को रूस से तेल आयात बंद करने पर भारी आर्थिक झटका लगेगा।
भारत को तेल आयात का खर्च बढ़ाना पड़ेगा।
इससे चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) बढ़ सकता है।
रुपए की मजबूती पर दबाव आ सकता है और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो सकता है।
भारत के लिए रूस से तेल खरीदना सिर्फ आर्थिक जरूरत नहीं बल्कि रणनीतिक फैसला भी है। अगर किसी वजह से भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें 5-8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकती हैं। इसका असर आम जनता, उद्योग और पूरे बाजार पर पड़ेगा। महंगाई बढ़ेगी और सरकार के सामने आर्थिक प्रबंधन की बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी।