नई दिल्ली:उत्तर भारत में सर्दी ने इस बार समय से पहले दस्तक दे दी है। कश्मीर में पारा लगातार शून्य से नीचे जा रहा है, जबकि हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में भी ठंड ने लोगों को कंपकंपी महसूस करानी शुरू कर दी है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट होगी तथा कई राज्यों में शीतलहर के हालात बन सकते हैं।

कश्मीर घाटी में बर्फबारी के बाद से ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान माइनस में पहुंच गया है। सुबह और देर शाम इलाके घने कोहरे की चादर में ढके रहते हैं, जबकि पर्यटकों के लिए यह बर्फबारी किसी आकर्षण से कम नहीं है। स्थानीय निवासी हालांकि ठंड के कारण रोजमर्रा के कामकाज में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
गुलमर्ग में भारी बर्फबारी से बदला नजारा
कश्मीर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग भारी बर्फबारी से सफेद चादर में लिपट चुका है। होटल बुकिंग्स में तेजी आई है और पर्यटक स्कीइंग व अन्य बर्फीले खेलों का आनंद ले रहे हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यहां तापमान शून्य से नीचे ही रहेगा।
हिमाचल में बर्फबारी और पाला पड़ने की चेतावनी
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों—कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और मनाली—में भी बर्फबारी के बाद ठंड और बढ़ गई है। कई जगहों पर सड़कें जम गई हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल उद्योग में रौनक लौटी है, लेकिन स्थानीय लोगों को पाला और जमाव से दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ऊंचाई वाले इलाकों में अगले 48 घंटे तक पाला पड़ सकता है।
उत्तराखंड में शीतलहर के आसार
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों—चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बद्रीनाथ—में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। देहरादून और ऋषिकेश में सुबह-शाम की ठंड बढ़ने लगी है और कोहरे का असर दिखने लगा है। चारधाम मार्गों पर भी बर्फबारी के कारण आवाजाही में दिक्कतें बनी हुई हैं।
राज्य में अगले हफ्ते शीतलहर चलने की संभावना जताई जा रही है।
दिल्ली-एनसीआर कोहरे की चपेट में
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। कई इलाकों में सुबह घना कोहरा छा जा रहा है, जिससे दृश्यता कम हो रही है और यातायात प्रभावित हो रहा है। एयर क्वालिटी भी इस समय खराब बनी हुई है, जिस कारण मौसम का प्रभाव और ज्यादा महसूस किया जा रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर के पहले सप्ताह में ठंड और तेज होगी और तापमान में 2 से 3 डिग्री की और गिरावट संभव है।
पंजाब-हरियाणा में खेतों पर पाला का असर
पंजाब और हरियाणा में भी तापमान सामान्य से नीचे पहुंच गया है। अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और अंबाला में सुबह के समय कोहरा और धुंध की मोटी परत छाती दिख रही है। किसानों को आशंका है कि यदि तापमान इसी तरह गिरता रहा तो खेतों में पाला फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है।
राज्य सरकारों ने किसानों से सलाह दी है कि वे खेतों में सिंचाई करके नमी बनाए रखें ताकि फसलों को ठंड से बचाया जा सके।
राजस्थान में भी रातें सर्द, दिन में गिरा पारा
राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और चूरू में रात के पारे में तेज गिरावट देखी जा रही है। दिन के तापमान में भी 3 से 4 डिग्री की कमी आई है। चूरू, जो अक्सर देश का सबसे ठंडा स्थान बनता है, इस बार भी ठंड की मार झेल रहा है।
स्थानीय बाजारों में गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है और शाम होते ही सड़कें खाली नजर आने लगती हैं।
मध्य भारत में भी बढ़ी ठंड
मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में भी सर्दी तेजी से बढ़ी है। कई जगहों पर हवा की गति कम होने से शाम के बाद तापमान अचानक गिर जाता है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर भारत की ठंडी हवा और पश्चिमी विक्षोभ के असर से यह गिरावट दर्ज की जा रही है।
पूर्व भारत में भी हल्की ठंड की दस्तक
झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी सर्दी ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। हालांकि यहां अभी ठंड उतनी तीखी नहीं है, लेकिन अगले एक हफ्ते में तापमान में गिरावट के आसार जताए जा रहे हैं।
दक्षिण भारत में मौसम अभी सामान्य
दक्षिण के राज्यों—केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश—में मौसम सामान्य है। यहां हल्की ठंड का अहसास जरूर बढ़ा है, लेकिन तापमान अभी उत्तर भारत की तुलना में काफी ऊपर है।
हालांकि, रात और सुबह के समय हल्की सर्दी महसूस की जा रही है।
क्या कहता है मौसम विभाग?
IMD के अनुसार—
IMD के अनुसार—
पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है।
तापमान में अब लगातार गिरावट होगी।
उत्तर भारत में अगले 5 दिनों तक शीतलहर जैसी स्थितियाँ बन सकती हैं।
मैदानी इलाकों में घना कोहरा जारी रहेगा।
देश के कई राज्यों में लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग खास ध्यान रखें, गर्म कपड़ों का उपयोग बढ़ाएँ और कोहरे के समय यात्रा में सतर्कता बनाए रखें।
