पटना। उत्तर भारत में ठंड अपने चरम की ओर बढ़ रही है और इसके साथ ही एक बार फिर कोहरे का असर रेल यातायात पर दिखाई देने लगा है। घने कोहरे के कारण ट्रेन संचालन को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लेते हुए 1 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक कई ट्रेनों को रद्द करने, कुछ की आवृत्ति घटाने और कुछ के रूट व समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के करोड़ों यात्रियों पर सीधा असर पड़ेगा।

भारतीय रेलवे के अनुसार, हर साल दिसंबर से फरवरी के बीच उत्तर भारत में दृश्यता 10 से 50 मीटर तक रह जाती है, जिससे हादसों की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों पर अस्थायी रोक लगाई गई है।
रेलवे ने जारी नोटिफिकेशन में साफ कहा है कि कोहरा सीजन में ट्रेनों की स्पीड सीमित रखी जाती है, सिग्नल की दृश्यता कम हो जाती है और पायलट को ‘फॉग सेफ्टी डिवाइस’ के सहारे सावधानी से ट्रेन चलानी होती है। यही वजह है कि ट्रेनों का परिचालन सामान्य गति से करना संभव नहीं हो पाता और देरी कई घंटों तक पहुंच जाती है।
कौन-कौन सी ट्रेनें होंगी कैंसिल?
रेलवे द्वारा घोषित सूची के अनुसार उत्तर भारत से होकर गुजरने वाली करीब 60 से अधिक ट्रेनें रद्द की गई हैं। इनमें कई प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं—
पटना–आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस
डिब्रूगढ़–नई दिल्ली राजधानी स्पेशल
रांची–नई दिल्ली संपर्क क्रांति
कटिहार–दिल्ली सफदरजंग एक्सप्रेस
गया–नई दिल्ली महामना एक्सप्रेस
मुजफ्फरपुर–आनंद विहार एक्सप्रेस
इनके अलावा पूर्व मध्य रेलवे (ECR), पूर्वोत्तर रेलवे (NER) और उत्तर रेलवे (NR) के अंतर्गत आने वाली कई अन्य पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को भी तीन महीनों के लिए रद्द किया गया है।
कई ट्रेनों के फेरों में कटौती
रेलवे के अनुसार कई ऐसी ट्रेनें हैं जिनमें यात्रियों की संख्या कोहरा सीजन में काफी कम हो जाती है। ऐसे में यात्रियों की मांग कम होने के कारण इन ट्रेनों के फेरों में कटौती की गई है। उदाहरण के तौर पर—
हावड़ा–नई दिल्ली राजधानी (कई दिनों पर नहीं चलेगी)
पटना–हावड़ा जनशताब्दी (हफ्ते में सीमित फेरे)
धनबाद–नई दिल्ली राजधानी (कुछ दिन बंद)
इससे ट्रेनों पर ऑपरेशनल दबाव भी कम होगा और उपलब्ध संसाधनों का उपयोग अन्य महत्वपूर्ण मार्गों में किया जा सकेगा।
ट्रेनों की गति पर भी लगेगा कोहरे का ब्रेक
रेलवे बोर्ड के निर्देश के अनुसार पूरी विंटर सीजन में रात्रि के समय ट्रेनों की गति सीमित रखी जाएगी।
कई रूटों पर स्पीड 100–110 किमी/घंटा से घटाकर 60–70 किमी/घंटा कर दी गई
फॉग सेफ्टी डिवाइस का उपयोग अनिवार्य
सिग्नल की दृश्यता कम होने पर ट्रेन 10 किमी/घंटा की क्रॉलिंग स्पीड पर भी चलानी पड़ सकती है
इसके चलते लगभग सभी लंबी दूरी की ट्रेनें अपने निर्धारित समय से 1 से 3 घंटे तक लेट चल सकती हैं।
यात्रियों को होगी परेशानी—रेलवे ने दी एडवाइजरी
कोहरे के कारण ट्रेन रद्द और देरी से यात्रियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यात्रा की अनिश्चितता रहती है। रेलवे ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है—
यात्रा से पहले NTES ऐप पर ट्रेन की लाइव स्थिति जरूर चेक करें।
स्टेशन जाकर भी एनक्वायरी काउंटर से जानकारी लें।
रेलवे वेबसाइट पर जारी ट्रेन कैंसिल लिस्ट देखें।
रद्द ट्रेन की स्थिति में टिकट का पूरा रिफंड स्वतः मिलेगा।
बिहार–झारखंड पर असर
बिहार और झारखंड से रोजाना लाखों यात्री दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और यूपी की ओर यात्रा करते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र की कई प्रमुख ट्रेनों के रद्द होने से यात्रियों की परेशानियां बढ़ जाएंगी।
विशेष रूप से पटना, गया, भागलपुर, धनबाद, रांची, जमशेदपुर और हाजीपुर से दिल्ली रूट की ट्रेनों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।
रेलवे का दावा—सुरक्षा सर्वोपरि
रेलवे का कहना है कि कोहरा सीजन में सबसे बड़ी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है।
फॉग में संचालित ट्रेनें हमेशा देरी से चलती हैं, ऐसे में रद्दीकरण और फेरे घटाने से संभावित दुर्घटनाओं का जोखिम कम होगा।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक फॉग सेफ्टी डिवाइस, आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम और ऑटोमैटिक वार्निंग डिवाइस की मदद से कोहरे में भी ट्रेनें सुरक्षित चलाई जा रही हैं, लेकिन पूरी गति से संचालन करना संभव नहीं है।
जनवरी में बढ़ेगा कोहरा—और रद्द हो सकती हैं ट्रेनें
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी के मध्य तक उत्तर भारत में कोहरा बेहद घना होने की संभावना है।
यदि तापमान में और गिरावट जारी रही तो रेलवे फरवरी के मध्य तक और ट्रेनों को रद्द या उनके फेरे सीमित करने का फैसला ले सकता है।
कोहरे के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रेलवे का यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाला है। हालांकि इससे लाखों यात्रियों की परेशानी बढ़ जाएगी, लेकिन सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी फैसला माना जा रहा है। यात्रियों को सलाह है कि वे यात्रा से पहले अपने ट्रेन स्टेटस की जानकारी जरूर प्राप्त करें।
