पिछले दो दिनों से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) से जुड़ा जो बड़ा संकट खड़ा हुआ था, वह अब लगभग खत्म होने की कगार पर है। यात्रियों को लंबे इंतज़ार, उड़ानें रद्द होने और घंटों की देरी का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब राहत भरी खबर यह है कि DGCA ने क्रू रोस्टर और साप्ताहिक आराम से जुड़े अपने विवादित आदेश को वापस ले लिया है, जिसके बाद इंडिगो के संचालन में तेजी से सुधार आने की उम्मीद है।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब लगातार दो दिनों में इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हुईं, कई रद्द हो गईं और बड़ी संख्या में यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ी। एयरलाइन और DGCA के बीच नए आराम नियमों पर असहमति का असर सीधे तौर पर उड़ानों पर दिखा। अब आदेश वापस लेने के बाद स्थिति सामान्य होने की दिशा में बढ़ रही है।
संकट कैसे शुरू हुआ?
इंडिगो में संकट की शुरुआत तब हुई जब DGCA ने हाल ही में एक नया निर्देश जारी किया था, जिसके तहत पायलटों और केबिन क्रू के साप्ताहिक आराम के नियमों में बदलाव किया गया था। इस आदेश में कहा गया था कि क्रू मेंबर्स साप्ताहिक आराम के बदले ‘अवकाश’ का उपयोग नहीं कर पाएंगे। DGCA का मानना था कि यह कदम पायलटों की थकान (Fatigue) को रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। लेकिन एयरलाइन इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनी इंडिगो ने इस नियम को “अचानक लागू” बताया और कहा कि यह संचालन को सीधे प्रभावित करेगा, क्योंकि रोस्टर पहले से तैयार थे और शेड्यूल में बदलाव से कामकाज बाधित होगा।
यही वजह रही कि पिछले दो दिनों में कई क्रू मेंबर्स के रोस्टर गड़बड़ा गए और उड़ानों पर असर पड़ा।
क्या कहता है DGCA का नया फैसला?
DGCA ने विराेध को देखते हुए अपना आदेश वापस ले लिया है।
नई स्थिति इस प्रकार है—
साप्ताहिक आराम से जुड़ा नया नियम लागू नहीं होगा।
क्रू पहले की तरह अपने आराम या अवकाश का प्रबंधन कर सकेंगे।
एयरलाइनों को समय देकर सलाह-मशविरा करने के बाद नियम लागू किए जाएंगे।
DGCA अब इस मुद्दे पर फिर से स्टेकहोल्डर्स की बैठक बुलाएगा।
इस निर्णय से एयरलाइनों और क्रू दोनों को राहत मिली है।
इंडिगो में क्या असर देखने को मिला?
DGCA के आदेश लागू होने के बाद इंडिगो के क्रू शेड्यूल में सबसे ज्यादा दिक्कतें आईं। एक ही दिन में—
100 से अधिक उड़ानें रद्द
कई घंटों की देरी
यात्रियों की लंबी कतारें
पायलटों का कार्यभार बढ़ा
एयरलाइन के शेड्यूल में भारी गड़बड़ी
पायलट एसोसिएशन ने भी कहा था कि अचानक किए गए बदलाव सुरक्षा जोखिम को बढ़ा सकते हैं, खासकर जब पायलटों की थकान पहले ही एक चिंता का विषय है।
अब DGCA के नियम वापस लेने के साथ यह स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होगी।
क्यों हुआ इतना बड़ा विवाद?
1. अचानक लागू हुआ नियम
एयरलाइंस का कहना था कि रोस्टर महीने भर पहले तैयार किए जाते हैं। ऐसे में बीच महीने अचानक नियम लागू करना व्यवहारिक नहीं है।
2. पायलटों की कमी
इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है और वर्तमान में पायलटों की उपलब्धता पहले ही चुनौती बनी हुई है। नए आराम नियमों से स्थिति और बिगड़ सकती थी।
3. समय पर सलाह-मशविरा न होना
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि DGCA को इतना बड़ा बदलाव लागू करने से पहले एयरलाइंस और पायलट एसोसिएशन से विस्तृत चर्चा करनी चाहिए थी।
DGCA का स्टैंड: सुरक्षा सर्वोपरि
DGCA का कहना रहा है कि उड़ान सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। पायलटों की थकान को लेकर कई बार अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में चिंता जताई गई है।
लेकिन DGCA ने यह भी माना कि नियम लागू करने से पहले एयरलाइनों की तैयारियों को ध्यान में रखना चाहिए।
यात्रियों को क्या राहत मिलेगी?
आदेश वापस लिए जाने के बाद एयरलाइन संचालन तेजी से पटरी पर लौटेगा। यात्रियों को—
रद्द उड़ानों में कमी
देरी में सुधार
बेहतर शेड्यूल
कम इंतजार समय
जैसे फायदे मिलेंगे। इंडिगो ने भी कहा है कि वह जल्द से जल्द सभी उड़ानें सामान्य करने की दिशा में काम कर रही है।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
उड्डयन विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला फिलहाल राहत देने वाला है, लेकिन पायलटों की थकान का मुद्दा गंभीर है और इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई एयरलाइनों में Fatigue Risk Management System (FRMS) लागू हैं। भारत में भी इसे मजबूत करने की जरूरत है।
आगे क्या होगा?
DGCA आने वाले दिनों में एयरलाइनों, पायलट यूनियनों और विशेषज्ञों के साथ विस्तृत बातचीत करेगा। यह प्रयास किया जाएगा कि—
नए नियम सुरक्षा के अनुरूप हों
एयरलाइंस को लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिले
पायलटों की थकान को वैज्ञानिक तरीके से आंका जाए
ऑपरेशनल बाधाओं को कम से कम रखा जाए
संभावना है कि आने वाले महीनों में नया संशोधित नियम एक बार फिर जारी किया जाएगा, लेकिन इस बार एयरलाइनों की सहमति और तैयारी के साथ।
इंडिगो संकट पर DGCA का आदेश वापस लेना यात्रियों के लिए राहत की खबर है। दो दिनों की भारी उथल-पुथल के बाद अब स्थिति सामान्य होती दिख रही है। विमानन क्षेत्र के लिए यह घटना एक महत्वपूर्ण सबक भी लेकर आई है कि सुरक्षा और संचालन—दोनों के बीच संतुलन बनाकर ही आगे बढ़ना होगा।
