दिल्ली से रांची आने वाली इंडिगो की फ्लाइट एक बड़ी लापरवाही का कारण बन गई, जब कई यात्रियों ने रांची एयरपोर्ट पहुंचने के बाद पाया कि उनके चेक-इन बैग दिल्ली एयरपोर्ट पर ही छूट गए थे। बुधवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर यात्रियों की नाराज़गी और अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। कई यात्री अपनी यात्रा समाप्त होने के बाद जब लगेज बेल्ट तक पहुंचे, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनके बैग गंतव्य तक नहीं आए। इसके बाद यात्रियों ने एयरलाइन के खिलाफ जमकर नाराज़गी जाहिर की।

कैसे सामने आई लापरवाही?
यात्रियों के अनुसार, इंडिगो की विमान में लगी लगेज बेल्ट की तकनीकी खराबी की वजह से कई बैग विमान में लोड ही नहीं किए जा सके। परिणामस्वरूप, यात्रियों के सामान दिल्ली में ही रह गए और वे रांची नहीं पहुंच पाए।
कुछ यात्रियों के चार में से तीन बैग मिसिंग मिले, तो किसी के तीन में से सिर्फ दो बैग ही पहुंचे। बैग न मिलने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई लोगों के जरूरी दस्तावेज, कपड़े, चाबियाँ और मूल्यवान सामान उन्हीं बैग में रखे थे।
यात्रियों ने जताई कड़ी नाराज़गी
रांची एयरपोर्ट पर उतरने के बाद जब यात्रियों को अपना लगेज नहीं मिला तो उन्होंने तुरंत एयरलाइन काउंटर का रुख किया।
कई यात्रियों का कहना था कि ऐसी लापरवाही एक बड़े सवाल को जन्म देती है—क्या इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर उतनी ही जिम्मेदार है जितना दावा करती है?
एक यात्री ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा:
“हमने समय से चेक-इन किया, बैग को सही तरीके से लोड करवाया। इसके बाद भी बैग गंतव्य पर नहीं पहुंचते हैं तो यह सीधी लापरवाही है। हमारे जरूरी सामान की वजह से हमें बड़ी दिक्कत हो रही है।”
इंडिगो ने मांगा 24 घंटे का समय
घटना के बढ़ने पर इंडिगो की ओर से एयरपोर्ट प्रबंधन को स्थिति संभालने का जिम्मा सौंपा गया। एयरलाइन ने यात्रियों से 24 घंटे के भीतर सभी छूटे हुए बैग रांची पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
इंडिगो के स्टाफ ने बताया कि ऐसे मामलों में पहले शिकायत दर्ज करनी होती है और फिर बैग को अगले उपलब्ध फ्लाइट से भेजा जाता है। यात्रियों को बताया गया कि एयरलाइन की वेबसाइट पर भी स्पष्ट निर्देश हैं—
यदि किसी यात्री का सामान गंतव्य पर नहीं पहुंचता है, तो तुरंत बैगेज काउंटर पर शिकायत दर्ज करें।
क्या कहता है एयरलाइन का पोर्टल?
इंडिगो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार:
यदि सामान मिसिंग मिलता है, तुरंत एयरपोर्ट के baggage claim counter पर रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए।
इसके बाद यात्री को एक Property Irregularity Report (PIR) नंबर दिया जाता है।
इस रिपोर्ट की मदद से यात्रियों को अपने सामान की स्थिति की जानकारी मिलती रहती है।
यदि बैग में देरी होती है, तो इंडिगो की कस्टमर सपोर्ट टीम और नोडल अधिकारी से संपर्क करने की सलाह भी दी जाती है।
इसके बावजूद यात्रियों का कहना है कि ऐसी घटनाएँ बार-बार हो रही हैं। इससे एयरलाइन की संचालन और सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठते हैं।
यात्रियों को उठानी पड़ी असुविधा
कई यात्रियों ने बताया कि उनके पास बैग में जरूरी दस्तावेज, गर्म कपड़े और अन्य निजी वस्तुएँ थीं।
एक परिवार ने कहा—
“हम रांची किसी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, पूरा सामान बैग में था, और अब हमें बिना कपड़ों के होटल जाना पड़ रहा है। इंडिगो को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।”
एक अन्य यात्री ने शिकायत करते हुए कहा कि यदि एयरलाइन तकनीकी खराबी का बहाना बनाती है तो फिर उस समस्या को पहले ही ठीक क्यों नहीं किया गया?
लोगों का सवाल था कि जब विमान उड़ने से पहले बैग लोड नहीं हुए, तो यात्रियों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई?
इंडिगो की विश्वसनीयता पर उठे सवाल
इंडिगो लंबे समय से देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन के रूप में जानी जाती है। लेकिन हाल के महीनों में बैगेज गलत डिलीवरी, फ्लाइट देरी और कस्टमर सर्विस संबंधी शिकायतें बढ़ी हैं।
यह मामला भी उन्हीं घटनाओं में से एक है, जिसने यात्रियों की विश्वसनीयता को झटका दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएँ एयरलाइंस की ग्राउंड स्टाफ मैनेजमेंट, टेक्निकल सिस्टम, और कस्टमर सेवा पर सवाल खड़े करती हैं।
एयरपोर्ट प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल
यात्रियों की नाराज़गी एयरपोर्ट प्रबंधन को लेकर भी देखने को मिली।
कुछ यात्रियों ने कहा कि उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई।
कई लोग आधा घंटा से ज्यादा लगेज बेल्ट के पास इंतज़ार करते रहे, लेकिन बैग नहीं पहुंचे।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही उन्हें जानकारी मिली, उन्होंने इंडिगो स्टाफ के साथ मिलकर शिकायतें दर्ज करवाईं और यात्रियों को आश्वासन दिया कि बैग जल्द भेज दिए जाएंगे।
क्या कार्रवाई हो सकती है?
एविएशन नियमों के अनुसार:
एयरलाइन बैगेज में देरी या नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति देने के लिए बाध्य होती है।
यदि बैग लंबे समय तक नहीं मिलता है, तो यात्रियों को मुआवजा भी दिया जाता है।
DGCA के दिशानिर्देश स्पष्ट हैं कि यात्री की संपत्ति की सुरक्षा एयरलाइन की जिम्मेदारी है।
इस घटना की जांच की जा रही है, और यदि लापरवाही साबित होती है तो इंडिगो पर दंड या नोटिस जारी किया जा सकता है।
दिल्ली–रांची फ्लाइट में बैगेज मिसिंग की यह घटना इंडिगो के संचालन पर सीधे सवाल उठाती है।
यात्री नाराज़ हैं और उनसे 24 घंटे का समय मांगा गया है। अब देखना यह है कि एयरलाइन अपनी जिम्मेदारी कितनी गंभीरता से निभाती है और क्या सभी बैग सुरक्षित लौट पाते हैं या नहीं।
