
International News: अमेरिका में 4 जुलाई को ‘लोन वुल्फ’ आतंकी हमलों की चेतावनी: ईरान-अमेरिका तनाव के बीच हाई अलर्ट, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क।
4 जुलाई को अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस के भव्य समारोहों से पहले देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हड़कंप मच गया है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने संभावित ‘लोन वुल्फ’ आतंकी हमलों को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। इस अलर्ट के बाद स्थानीय और संघीय एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है और संभावित आतंकवादी खतरों से निपटने की व्यापक तैयारी शुरू कर दी गई है।
क्या है ‘लोन वुल्फ’ हमला और क्यों है इसका खतरा?
‘लोन वुल्फ’ हमला उस स्थिति को कहा जाता है जब कोई व्यक्ति अकेले, बिना किसी बड़े संगठन से जुड़े हुए आतंकी गतिविधि को अंजाम देता है। इन हमलों की पहचान करना और रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि इनमें शामिल व्यक्ति अक्सर गुप्त तरीके से कार्य करता है। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय उत्सवों पर, जब सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं, तब ऐसे हमलों की आशंका अधिक होती है।
ईरान-अमेरिका तनाव बना हमले की वजह
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व अमेरिकी सीक्रेट सर्विस एजेंट माइकल वर्डन ने Fox News को दिए साक्षात्कार में कहा कि ईरान के साथ हालिया तनाव के चलते अमेरिका में आतंकी हमलों का खतरा तेजी से बढ़ गया है। दरअसल, 22 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिसके बाद से ईरान द्वारा बदले की कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।
DHS की चेतावनी और हाई अलर्ट
गृह सुरक्षा विभाग ने National Threat Advisory System के तहत 22 जून से देशभर में हाई अलर्ट की स्थिति लागू कर दी है, जो कम से कम 22 सितंबर तक प्रभावी रहेगी। इस चेतावनी के अनुसार, ईरान या उससे सहानुभूति रखने वाले चरमपंथी तत्व अमेरिका में ‘लोन वुल्फ’ हमलों को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं। DHS का मानना है कि यदि ईरानी धार्मिक नेतृत्व कोई फतवा जारी करता है, तो यह घरेलू चरमपंथ को और अधिक उकसा सकता है।
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष सतर्कता
4 जुलाई को अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस समारोह पूरे देश में बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाते हैं, जिनमें परेड, आतिशबाजी, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। इन आयोजनों में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिससे सुरक्षा की चुनौती कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए सभी बड़े शहरों में सुरक्षा एजेंसियां पहले से सतर्क हैं और अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
संघीय जांच एजेंसी (FBI), आंतरिक सुरक्षा विभाग (DHS) और स्थानीय पुलिस बल संयुक्त रूप से संभावित खतरों का विश्लेषण कर रहे हैं। संवेदनशील स्थानों पर निगरानी ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों और खुफिया एजेंसियों की मदद से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा बैरिकेड्स, चेकिंग पॉइंट्स और विशेष गश्ती दल तैनात किए गए हैं।
अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस से पहले जारी ‘लोन वुल्फ’ हमले की चेतावनी ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार और नागरिकों दोनों को सतर्क कर दिया है। ईरान के साथ तनावपूर्ण रिश्तों और हालिया हमलों की पृष्ठभूमि में यह अलर्ट बेहद गंभीर माना जा रहा है। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और संभावित खतरों को समय रहते निष्प्रभावी करना है। आने वाले दिनों में देशभर में सुरक्षा गतिविधियां और तेज हो सकती हैं।