
IRAN ISRAEL WAR: ईरान-इजराइल टकराव चरम पर: ईरान ने किया मोसाद हेडक्वार्टर पर हमला, मिलिट्री इंटेलिजेंस को भी बनाया निशाना; इजराइल ने ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर को मार गिराया।
तेहरान। मध्य पूर्व में हालात लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी खुफिया और सैन्य जंग अब खुले संघर्ष में तब्दील होती नजर आ रही है। ताजा घटनाक्रम में ईरान ने इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर को निशाना बनाकर हमला किया है। यही नहीं, मिलिट्री इंटेलिजेंस की एक अहम बिल्डिंग पर भी ईरानी हमले की पुष्टि हुई है।
ईरान के हमले के जवाब में इजराइल ने भी कड़ा कदम उठाते हुए ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर को निशाना बनाकर मार गिराया है। दोनों देशों के बीच यह अब तक की सबसे बड़ी और प्रत्यक्ष जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है।
मोसाद हेडक्वार्टर पर ईरान का सटीक हमला
सूत्रों के अनुसार, ईरानी ड्रोन और मिसाइल यूनिट्स ने इजराइल के खुफिया नेटवर्क पर गुपचुप तरीके से निगरानी रखी थी और फिर अचानक मोसाद के मुख्यालय पर हमला कर दिया। इस हमले में इमारत को भारी नुकसान पहुंचने की खबर है, हालांकि इजराइल की ओर से आधिकारिक तौर पर नुकसान की पुष्टि नहीं की गई है।
मिलिट्री इंटेलिजेंस सेंटर भी आया निशाने पर
सिर्फ मोसाद ही नहीं, ईरानी मिसाइलों का अगला निशाना इजराइली सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस बिल्डिंग थी, जो एक अत्यंत संवेदनशील और हाई-सेक्योरिटी क्षेत्र में स्थित है। यह हमला इजराइल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।
इजराइल की जवाबी कार्रवाई में ईरानी डिप्टी कमांडर ढेर
ईरान के हमले का जवाब देने में इजराइल ने देर नहीं लगाई। कुछ ही घंटों के भीतर इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर को एक लक्षित ऑपरेशन में मार गिराया। यह कार्रवाई सीमापार की गई या ड्रोन के जरिये, इसकी पुष्टि अभी तक गोपनीय रखी गई है।
तनाव बढ़ने की आशंका, अंतरराष्ट्रीय चिंता
इन हमलों के बाद मध्य पूर्व में युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। अमेरिका, रूस, चीन और यूरोपीय यूनियन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस टकराव को विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा बताया है।
ईरान और इजराइल के बीच छिड़ा यह टकराव अब सिर्फ खुफिया या परोक्ष हमलों तक सीमित नहीं रहा। दोनों देश अब खुलकर एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। अगर समय रहते कूटनीतिक प्रयास नहीं किए गए, तो यह संघर्ष किसी बड़े युद्ध का रूप ले सकता है, जो पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।