
JAMSHEDPUR NEWS: झारखंड में हरियाली की नई उड़ान: पहली बार ड्रोन से हुआ पौधरोपण, दलमा में बांस और फलदार पौधों के बीजों की बारिश!
जमशेदपुर। झारखंड में पर्यावरण संरक्षण और वनों की हरियाली को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। राज्य में पहली बार ड्रोन तकनीक की मदद से पौधरोपण किया गया है, जो तकनीक और प्रकृति के संगम का अनूठा उदाहरण बन गया है।
दलमा वन क्षेत्र में ड्रोन के जरिए बांस और विभिन्न फलदार पौधों के बीज युक्त ‘सीड बॉल्स’ गिराए गए, जिससे जंगल की खाली जमीनों पर स्वतः अंकुरण होकर पौधे विकसित होंगे। यह पहल जलवायु परिवर्तन से लड़ने और जैव विविधता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
5 लाख से अधिक पौधों का लक्ष्य
पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के तहत 5 लाख से अधिक पौधों का रोपण लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। इस तकनीक से पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में भी आसानी से पौधे रोपे जा सकते हैं, जहाँ सामान्य तरीकों से पहुंचना मुश्किल होता है।
क्या होते हैं सीड बॉल्स?
सीड बॉल्स (बीज गोले) मिट्टी और खाद से बने छोटे-छोटे गोले होते हैं जिनमें पौधे के बीज होते हैं। इन्हें फेंकने के बाद बारिश या नमी मिलने पर इनमें से पौधे अंकुरित हो जाते हैं। ये तकनीक लागत में किफायती और पर्यावरण के अनुकूल मानी जाती है।
सामूहिक प्रयास का नतीजा
इस अभियान में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन, पर्यावरण प्रेमियों और तकनीकी विशेषज्ञों की संयुक्त भागीदारी रही। इससे राज्य में ग्रीन कवर बढ़ाने और जंगलों को पुनर्जीवित करने में बड़ी मदद मिलेगी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई पहल
पर्यावरणविदों और सामाजिक संगठनों ने इस पहल की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि आने वाले वर्षों में झारखंड को हरा-भरा बनाने के लिए यह तकनीक मील का पत्थर साबित होगी।