
रांची। झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार लाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य में 6 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की गई है। इस ऐतिहासिक फैसले पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुदीव्य कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि यह पहल झारखंड की आने वाली पीढ़ियों को बेहतर चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
सुदीव्य कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा की दूरदर्शिता का परिणाम है कि झारखंड को मेडिकल सेक्टर में इतनी बड़ी सौगात मिली है। यह न सिर्फ राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं के लिए मेडिकल शिक्षा के नए अवसर भी खोलेगा।
झारखंड को मिलने वाले फायदे
विशेषज्ञों का मानना है कि झारखंड जैसे राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीण इलाकों तक पहुंचेंगी। नए कॉलेजों के साथ-साथ नए अस्पतालों का निर्माण होगा, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी से छात्रों को बाहर राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर राष्ट्रीय मानकों के करीब पहुंचेगा।
राज्य में रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर खुलेंगे।
कौन-कौन से जिले होंगे लाभान्वित
सूत्रों के अनुसार, ये मेडिकल कॉलेज झारखंड के अलग-अलग जिलों में स्थापित किए जाएंगे, ताकि पूरे राज्य को समान रूप से लाभ मिले। अनुमान है कि रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, दुमका और हजारीबाग जैसे प्रमुख जिलों को प्राथमिकता दी जा सकती है। हालांकि आधिकारिक घोषणा जल्द की जाएगी।
मंत्री सुदीव्य कुमार का बयान
स्वास्थ्य मंत्री सुदीव्य कुमार ने कहा,
“झारखंड की जनता लंबे समय से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग कर रही थी। केंद्र सरकार ने इस मांग को समझा और 6 मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। यह झारखंड की आने वाली पीढ़ियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”
मेडिकल सेक्टर में नया अध्याय
झारखंड में पहले से मौजूद मेडिकल कॉलेज सीमित संख्या में हैं और यहां के छात्रों को पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है। इस पहल से झारखंड के मेडिकल सेक्टर में नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 5-10 वर्षों में झारखंड मेडिकल हब के रूप में विकसित हो सकता है।
रांची से लेकर दुमका तक, लोग इस घोषणा का स्वागत कर रहे हैं। मेडिकल पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों का कहना है कि अब उन्हें अन्य राज्यों में भारी खर्च कर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का सीधा लाभ गरीबों तक पहुंचेगा।
झारखंड में 6 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव होने की उम्मीद है। यह कदम राज्य के युवाओं, मरीजों और पूरे समाज के लिए एक बड़ी राहत है। सुदीव्य कुमार का यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले समय में झारखंड बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा।