देवघर: चक्रवाती तूफान मेंथा ने झारखंड के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में लहलहा रही धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इसी नुकसान का जायजा लेने शनिवार को झारखंड सरकार की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की देवघर जिले के सारवां प्रखंड अंतर्गत रामपुर जियाखाड़ा गांव पहुंचीं। उन्होंने खुद खेतों में उतरकर किसानों के नुकसान का आकलन किया और हर संभव सरकारी सहायता देने का भरोसा दिलाया।
किसानों के साथ खेतों में उतरीं मंत्री
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मौके पर किसानों से मुलाकात की और उनके दर्द को सुना। उन्होंने कहा कि “यह एक प्राकृतिक आपदा है जिसमें न किसी का नियंत्रण है, न सरकार का। लेकिन झारखंड सरकार अपने किसानों के साथ हर स्थिति में खड़ी है।”
मंत्री ने बताया कि उन्हें पहले यह सूचना मिली थी कि 20-25% फसल का नुकसान हुआ है, लेकिन जब उन्होंने मौके पर खुद स्थिति देखी तो नुकसान लगभग 40% से अधिक नजर आया। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन-चार दिनों में सर्वे पूरा होने के बाद यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है।
अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
जमीनी हकीकत देखने के बाद मंत्री ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि तीन से चार दिनों के भीतर विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि सभी अंचल कार्यालयों को आदेश दिया गया है कि पंचायत सचिवों की टीम बनाकर प्रभावित किसानों की फसल हानि का सटीक आंकलन करें।
इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी सहित कई विभागीय कर्मी उपस्थित थे।
किसानों को मिलेगा मुआवजा — मंत्री
मंत्री नेहा तिर्की ने कहा कि झारखंड सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए दो स्तरों पर मुआवजे की व्यवस्था की है —
1. बीरसा फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को उनके नुकसान का मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाएगा।
2. आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से भी प्रभावित किसानों को ₹3000 प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि देवघर जिले के करीब 75% किसान पहले ही बीरसा फसल बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड हो चुके हैं, और जो किसान अभी वंचित हैं, उनके लिए भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है ताकि कोई किसान लाभ से वंचित न रह जाए।
सरकार किसानों के साथ — नेहा तिर्की
पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा —
“राज्य सरकार किसानों की स्थिति को लेकर बेहद गंभीर है। मेंथा तूफान से जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद हालात की समीक्षा कर रहे हैं। हमारे अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों की स्थिति का आकलन कर रहे हैं ताकि सही लोगों तक राहत पहुंचाई जा सके।”
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, सरकार हर किसान के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि किसानों को न केवल मुआवजा मिलेगा बल्कि आगामी फसल सीजन के लिए अतिरिक्त सहायता देने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि किसान फिर से अपने खेतों में मजबूती से लौट सकें।
ग्रामीणों ने जताया आभार
गांव के किसान रामेश्वर मंडल, संतोष यादव और कमलदेव सिंह ने कहा कि “हमारे खेतों में धान पूरी तरह बर्बाद हो गया। पहली बार कोई मंत्री खुद हमारे खेतों में आकर हालात देखीं और भरोसा दिलाया कि मुआवजा मिलेगा, इससे मनोबल बढ़ा है।”
मौके पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष मुकुंद दास, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. उदय प्रकाश, प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र राय, दिवाकर पासवान, दिनेश मंडल सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
बीरसा बीमा योजना और आपदा प्रबंधन का तालमेल
मंत्री ने स्पष्ट किया कि बीरसा फसल बीमा योजना और आपदा प्रबंधन विभाग में आपस में तालमेल बनाकर काम किया जा रहा है। फसल बीमा में पंजीकृत किसानों को बीमा के तहत मुआवजा दिया जाएगा, जबकि जो किसान बीमा योजना से बाहर हैं, उन्हें आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर किसान तक राहत जल्द से जल्द पहुंचे।
मेंथा तूफान ने झारखंड के किसानों को गहरा झटका दिया है, लेकिन झारखंड सरकार इस आपदा से उबरने के लिए तेजी से कार्ययोजना पर काम कर रही है। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का यह दौरा न सिर्फ किसानों के लिए एक राहत संदेश है बल्कि सरकार की किसान-हितैषी नीति की झलक भी पेश करता है।
