रांची: झारखंड सरकार की अगली मंत्रिपरिषद (Cabinet Meeting) की बैठक 3 नवंबर 2025 को होने जा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है। इस कैबिनेट बैठक में कई बड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिनका सीधा असर राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार से जुड़ी योजनाओं पर पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, बैठक का आयोजन मुख्यमंत्री आवास में किया जाएगा, जिसमें सभी विभागों के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। बैठक में राज्य सरकार के अब तक के विकास कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ नए वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित योजनाओं पर भी चर्चा होगी।
क्या हैं झारखंड कैबिनेट बैठक के प्रमुख एजेंडे
इस बार की बैठक में लगभग 25 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा की संभावना जताई जा रही है। इनमें कुछ प्रमुख प्रस्ताव इस प्रकार हैं:
1. शिक्षा विभाग से जुड़ा बड़ा फैसला:
राज्य के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है।
2. कृषि एवं सिंचाई योजनाओं पर फोकस:
झारखंड के कई जिलों में सूखा जैसी स्थिति को देखते हुए किसानों को राहत पैकेज देने और नई सिंचाई योजनाओं के निर्माण पर विचार किया जा सकता है।
3. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए नई स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना और चिकित्सकों की भर्ती से संबंधित प्रस्ताव भी शामिल होंगे।
4. नए रोजगार सृजन पर जोर:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए विशेष योजना ‘झारखंड रोजगार मिशन 2.0’ को हरी झंडी दे सकती है। इसके तहत विभिन्न विभागों में संविदा और स्थायी दोनों तरह की नौकरियों के अवसर सृजित किए जाएंगे।
5. महिलाओं के लिए विशेष योजना:
राज्य में महिला सशक्तिकरण को लेकर नई योजनाओं की घोषणा संभव है, जिनमें स्वरोजगार और सुरक्षा से संबंधित प्रावधान शामिल होंगे।
राज्य विकास और नीति निर्धारण पर चर्चा
कैबिनेट बैठक में आगामी विधानसभा सत्र से पहले कई नीति स्तर के निर्णय लिए जा सकते हैं। इसमें झारखंड औद्योगिक नीति, खनन नीति में संशोधन, और निवेश आकर्षण योजनाओं से जुड़े प्रस्ताव भी टेबल पर रखे जाएंगे। सरकार का फोकस राज्य में निवेश के अनुकूल माहौल तैयार करने पर रहेगा ताकि झारखंड में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित हों और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें।
विपक्ष की नजर भी बैठक पर
राजनीतिक तौर पर भी यह कैबिनेट बैठक काफी महत्वपूर्ण है। विपक्षी दल बीजेपी, एजेएसयू और कांग्रेस के भीतर के गुटीय समीकरणों पर नजर रखते हुए हेमंत सरकार अपने निर्णयों से मजबूत संदेश देना चाहती है।
बीजेपी ने पहले ही आरोप लगाया था कि सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में सरकार की यह बैठक विपक्ष के आरोपों का जवाब देने का भी एक अवसर मानी जा रही है।
वित्तीय प्रस्तावों पर भी मुहर संभव
वित्त विभाग ने कई लंबित प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखे हैं। इनमें कर्मचारियों के वेतनमान सुधार, पेंशन योजना, और पंचायत स्तर पर विकास योजनाओं के लिए अतिरिक्त फंडिंग जैसे मसले शामिल हैं।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने से राज्य के वित्तीय ढांचे को स्थायित्व मिलेगा और जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
हेमंत सरकार का फोकस ‘लोगों तक पहुंच’ पर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में कहा था कि “राज्य सरकार का लक्ष्य सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारना है ताकि आम जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।”
इस दिशा में यह कैबिनेट बैठक एक निर्णायक कदम मानी जा रही है, जिसमें प्रशासनिक सुधारों से लेकर नागरिक कल्याण योजनाओं तक कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
संभावित घोषणाएं
राज्य के सभी जिलों में जन संवाद केंद्रों की स्थापना।
आदिवासी समुदायों के लिए विशेष छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण योजना।
झारखंड में नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास परियोजनाओं को प्राथमिकता देना।
पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय द्वारा “Discover Jharkhand” पहल की शुरुआत।
जनता की उम्मीदें
झारखंड के लोग इस बैठक से बड़ी घोषणाओं की उम्मीद लगाए बैठे हैं। खासकर शिक्षक नियुक्ति, रोजगार योजना, बिजली व्यवस्था और सड़क निर्माण को लेकर जनता की नजरें कैबिनेट के फैसलों पर टिकी हैं।
रांची, बोकारो, धनबाद और जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहरों में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार किस तरह के निर्णय लेती है, यह देखना दिलचस्प रहेगा।
03 नवंबर को होने वाली झारखंड कैबिनेट बैठक राज्य के विकास और शासन व्यवस्था के भविष्य को दिशा देने वाली साबित हो सकती है।
हेमंत सोरेन सरकार के लिए यह अवसर है कि वह जनता के बीच अपनी छवि को और मजबूत करे और विपक्ष को करारा जवाब दे।
