
देवघर। झारखंड। देश के वीर पुत्र अग्निवीर नीरज चौधरी का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव कजरा, मधुपुर पहुंचा। जैसे ही तिरंगे में लिपटा शव आर्मी की टीम लेकर गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। हर कोई अपने लाल को नम आँखों से विदा करने आया था।
तिरंगे में लिपटा शव पहुंचा गांव
रामगढ़ छावनी से आर्मी की गाड़ी जब नीरज चौधरी का पार्थिव शरीर लेकर मधुपुर पहुंची, तो वहां से लेकर गांव तक दोनों ओर युवाओं की भीड़ तिरंगा लहराते खड़ी थी। नारे गूंज रहे थे – भारत माता की जय, नीरज चौधरी अमर रहें। जैसे ही शव घर पहुंचा, परिवार के रोने की आवाज़ें और शोकाकुल माहौल ने हर किसी की आँखें नम कर दीं।
परिवार का दर्द, गांव का गम
घर पर पहुंचते ही मां-बाप और परिजन बेसुध हो गए। गांव की महिलाएं रो-रोकर पुत्र की शहादत पर मातम मना रही थीं। पिता का सीना गर्व से चौड़ा तो था, पर आँखें बेटे की याद में भींग चुकी थीं। परिवार का कहना था कि नीरज बचपन से ही देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत था।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
इसके बाद शव यात्रा पूरे गांव में निकाली गई। हाथों में तिरंगा लिए युवा, महिलाएं और बच्चे सभी शामिल हुए। रास्ते में लोगों ने फूलों से शहीद का स्वागत किया। वातावरण गम और गर्व दोनों से भरा था। हर कोई कह रहा था – यह बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा।
घाट पर अंतिम संस्कार
नीरज चौधरी की अंतिम यात्रा पत्रों नदी के घाट तक पहुंची। यहां पहले आर्मी के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद तिरंगा परिजनों को सौंपा गया। पूरा घाट गूंज उठा – नीरज चौधरी अमर रहें, वंदे मातरम। चाचा द्वारा मुखाग्नि दी गई और शहीद की अंतिम विदाई हो गई।
व्यक्तित्व और स्मृतियां
गांव के लोग नीरज को याद करते हुए बताते हैं कि वह बेहद सरल और मिलनसार स्वभाव के थे। हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे। दोस्तों और पड़ोसियों के बीच लोकप्रिय थे। सेना में भर्ती होने के बाद भी जब भी छुट्टी में आते तो गांव के बच्चों को प्रेरित करते थे।
गांव और जिले में शोक की लहर
शहादत की खबर मिलते ही पूरा जिला गमगीन हो गया। आसपास के गांवों से भी लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। स्थानीय लोगों का कहना है कि नीरज की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, उनका नाम हमेशा सम्मान से लिया जाएगा।
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की श्रद्धांजलि
अंतिम संस्कार स्थल पर मौजूद अधिकारियों ने कहा कि नीरज ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। हमें गर्व है कि झारखंड की धरती ने ऐसा वीर सपूत दिया। जनप्रतिनिधियों ने भी परिवार को सांत्वना दी और कहा कि शहीद के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
राष्ट्र के लिए अमर बलिदान
नीरज चौधरी की शहादत यह संदेश देती है कि सीमा पर तैनात जवान हर पल देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने को तैयार रहते हैं। उनका यह बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
आज पूरा कजरा गांव और देवघर जिला अपने लाल की शहादत पर गर्व और शोक दोनों महसूस कर रहा है। तिरंगे में लिपटी अंतिम यात्रा ने हर किसी की आँखें नम कर दीं। लेकिन गर्व इस बात का है कि नीरज चौधरी ने अपने प्राण देश की रक्षा में समर्पित कर दिए। उनकी शहादत हमेशा अमर रहेगी और उनका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।