
एनएसयूआई ने पाटन के व्यापारी पर कार्रवाई की मांग की, मंत्री ने कहा- जांच होगी, दोषी नहीं बचेंगे
पलामू, झारखंड के पलामू जिले में जीएसटी चोरी के गंभीर आरोपों को लेकर सियासत गर्मा गई है। झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने एनएसयूआई (NSUI) के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि राज्य में जीएसटी चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
एनएसयूआई का यह प्रतिनिधिमंडल पाटन प्रखंड के एक बड़े कारोबारी द्वारा कथित तौर पर की जा रही जीएसटी चोरी को लेकर मंत्री से मिला था। संगठन के नेताओं ने व्यापारी पर टैक्स चोरी के अलावा प्रशासनिक मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। प्रतिनिधिमंडल ने लिखित ज्ञापन सौंपते हुए मंत्री से अविलंब कार्रवाई की मांग की।
वित्त मंत्री ने दिया भरोसा
वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने एनएसयूआई नेताओं की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को जांच का निर्देश देने की बात कही। उन्होंने कहा, “झारखंड सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। जीएसटी चोरी राज्य को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का अपराध है, और इसमें शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
मंत्री ने यह भी कहा कि यदि किसी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो उस पर भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाएगी ताकि सच्चाई सामने आ सके।
एनएसयूआई ने उठाए गंभीर सवाल
एनएसयूआई पलामू जिलाध्यक्ष राजीव रंजन ने प्रेस को बताया कि पाटन में एक बड़े व्यवसायी द्वारा वर्षों से जीएसटी चोरी की जा रही है। उनका आरोप है कि इस व्यापारी ने करोड़ों की संपत्ति बनाई है, लेकिन राज्य को मिलने वाले करों से लगातार बचता रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब संभव हो पाया है।
राजीव रंजन ने कहा, “हमने वित्त मंत्री से मिलकर सारी जानकारी उपलब्ध कराई है। अगर सरकार इस पर तुरंत एक्शन नहीं लेती है, तो हम आंदोलन करेंगे। पाटन की जनता अब जागरूक हो चुकी है और कर चोरी बर्दाश्त नहीं करेगी।”
स्थानीय व्यापारी पर गंभीर आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिस व्यापारी पर आरोप लगे हैं, वह पाटन प्रखंड में लंबे समय से कारोबार कर रहा है और कथित रूप से नकली बिलिंग, रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी, और कागजों में हेरफेर कर बड़ी मात्रा में टैक्स चोरी कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके खिलाफ कई बार शिकायत की गई लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
एक अन्य स्थानीय नेता ने कहा, “यह व्यापारी खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द जांच बैठाए और टैक्स की भरपाई कराए।”
विपक्ष ने भी साधा निशाना
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरा है। भाजपा नेता श्याम बाबू दुबे ने कहा कि राज्य सरकार जीएसटी राजस्व में वृद्धि के दावे करती है, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मामले में न्यायिक जांच कराए और दोषियों को जेल भेजे।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में जिला प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोग और एनएसयूआई कार्यकर्ता यह आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी टैक्स चोरी संभव नहीं हो सकती। लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर क्यों अब तक इस व्यापारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
वित्त विभाग की नजर
राज्य के वाणिज्य कर विभाग ने इस मामले में फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो अब विभाग सतर्क हो गया है और पाटन के व्यापारियों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जल्द ही एक जांच टीम गठित की जाएगी जो मौके पर जाकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।
जनता की मांग- टैक्स चोरों पर लगे लगाम
झारखंड में टैक्स चोरी एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। राज्य को सालाना करोड़ों रुपये का नुकसान केवल इसी वजह से होता है। जनता की मांग है कि सरकार ऐसे टैक्स चोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करे।
एनएसयूआई द्वारा उठाया गया यह मामला न केवल पाटन या पलामू तक सीमित है, बल्कि यह पूरे झारखंड में फैली टैक्स चोरी की व्यापक समस्या की ओर इशारा करता है। वित्त मंत्री का आश्वासन उम्मीद जगाता है, लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।