झारखंड में अगले दो दिनों के लिए मौसम ने चेतावनी दी है। Cyclone Montha (चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’) के असर के चलते राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत-भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इस बीच मौसम विभाग एवं राज्य प्रशासन ने सतर्कता बरतने का आग्रह किया है।
तूफान ‘मोंथा’ का परिचय और पथ
चक्रवाती तूफान मोंथा बंगाल की खाड़ी में विकसित हुआ था। इसे विकसित होने से पहले एक ‘गहरी अवस depression ’ के रूप में पहचाना गया था और बाद में जल्द ही एक गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) बन गया।
मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफान आज भारत के पूर्वी तट से टकरा चुका है और अब इसके असर का दायरा मध्य-पूर्व भारत की ओर बढ़ रहा है।
झारखंड पर असर और अलर्ट
जबकि मोंथा का मूल टकराव क्षेत्र पूर्वी तट (विशेषकर आंध्र प्रदेश, ओड़िशा) रहा, इसके बाद इसका प्रभाव अंदर-देशी राज्यों तक महसूस हो रहा है। राज्य में आज मौसम विभाग ने भारी-बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, झारखंड में 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को ऐसे इलाके हैं जहाँ बारिश के साथ-साथ तूफानी-हवा एवं गर्जना-चमक की संभावना भी बनी हुई है।
उदाहरण के लिए, रांची और आसपास के क्षेत्रों में आज सुबह तक “थंडरस्टॉर्म और बिजली, ३०-४० किमी/घंटा तक की हवाएँ” का येलो–वॉच जारी की गई है।
प्रभावित जिलों का विवरण
मौसम विभाग ने विशेष रूप से उन जिलों में चेतावनी जारी की है जहाँ भू-भाग, पहाड़ी-झर्रा इलाकों व नदी-किनारे क्षेत्रों में बारिश का खतरा अधिक है। उदाहरण स्वरूप:
सिमडेगा
पश्चिमी सिंहभूम
खूंटी
इन जगहों पर “भारी बारिश” की संभावना अधिक बताई गई है।
राजधानी रांची सहित अन्य जिलों में भी रविवार और सोमवार को बारिश बढ़ने की आशंका है।
क्या करें-क्या न करें: प्रशासन एवं नीति
राज्य प्रशासन ने मौसम-विभाग की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए पाठशालाओं, सरकारी और गैर-सरकारी गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाई है। इसके साथ ही नागरिकों को सुझाव दिए गए हैं:
कम-से-कम दो दिन के लिए लंबी अवधि की यात्रा / घुमने-फिरने की योजना बिना मौसम अपडेट के न बनाएं।
बंजर-पहाड़ी, नदी-किनारे, जंगलों के आसपास स्थित रहने वाले लोग विशेष सतर्क रहें।
बिजली-मवाली लाइटिंग या पेड़ों के पास न रुकें। यदि तेज़ हवा-बारिश हो रही हो तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएँ।
प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें — जैसे कि यदि रिलेफ-शेल्टर खोलने का आदेश हो, तो समय पर पहुँचना।
जनजीवन पर प्रभाव
मौसम में यह बदलाव न केवल जन-परिस्थितियों को प्रभावित करेगा बल्कि कुछ उस आर्थिक गतिविधियों को भी झकझोर सकता है:
कृषि-उपज वाले क्षेत्रों में हल्की-मध्यम बारिश भी फसल को प्रभावित कर सकती है।
पहाड़ी-नदीवर्ती इलाकों में बारिश के बाद भूस्खलन या नदी-उफान का जोखिम बढ़ जाता है।
जनता को जलभराव, सड़क टूट-फूट, बिजली कटौती जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
आगे का मौसम तथा सुझाव
मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों के लिए “कीवर्ड” चेतावनियाँ जारी की हैं कि तूफान अब कमजोर हो रहा है लेकिन इसके बाद भी अंदर-देशी राज्यों में बारिश-तूफान जारी रह सकता है।
नागरिकों को दो दिन तक अचानक बढी हुई बारिश तथा गर्जना-चमक के लिए तैयार रहना चाहिए।
विशेषकर शाम-रात के समय हवा-बारिश तेज हो सकती है — इस अवधि में बाहर रहने से बचें।
किसानों को खेत में कार्य समय-बद्ध करना चाहिए, और पानी-भराव वाले इलाके से बचना चाहिए।
यदि आप पहाड़ी-घाटी-नदीवर्ती इलाके में रहते हैं, तो बारिश के दौरान बेसमेंट, गड्ढों से दूरी बनाएं रखें।
चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का असर अब झारखंड तक महसूस हो रहा है — अगले दो दिनों में राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश एवं तूफानी हवा की संभावना बनी हुई है। प्रशासन, मौसम विभाग और स्थानीय जनता को मिलकर सतर्क रहना है। हमें उम्मीद है कि इस चेतावनी-प्रक्रिया के चलते बड़ी कठिनाइयों से बचा जा सकेगा।
