निकाय चुनाव में देरी पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त: “लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रही है सरकार”

निकाय चुनाव में देरी पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त: “लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रही है सरकार

रांची। झारखंड में लंबे समय से स्थगित नगर निकाय चुनावों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि राज्य सरकार जानबूझकर अदालत के आदेशों की अनदेखी कर रही है, जिससे ‘कानून का शासन’ (Rule of Law) और लोकतांत्रिक व्यवस्था दोनों ही खतरे में पड़ रहे हैं। हाईकोर्ट की यह टिप्पणी झारखंड में प्रशासनिक निष्क्रियता और संवैधानिक जिम्मेदारियों की अनदेखी पर एक गंभीर सवाल बनकर उभरी है.यह टिप्पणी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई। याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार कोर्ट के निर्देशों के बावजूद नगर निकाय चुनाव कराने में जानबूझकर देरी कर रही है। इससे न केवल जनप्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया रुक गई है, बल्कि जनता के अधिकारों का भी हनन हो रहा है।”लोकतंत्र की नींव हिल रही है
इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आनंद सेन की एकलपीठ ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा:
सरकार का रवैया सवालों के घेरे मेंअदालत ने कहा कि निष्पक्ष और समयबद्ध चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ होते हैं, और जब सरकार इन प्रक्रियाओं को ही टालने लगे तो यह उसके संवैधानिक कर्तव्यों से पलायन जैसा है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कारण या तर्क प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे कोर्ट और अधिक नाराज हो गई।
याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया को लटकाया है, ताकि राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। यह न केवल प्रशासनिक निष्क्रियता को दर्शाता है, बल्कि शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
स्थानीय शासन ठप, जनता बेहाल निकाय चुनावों में देरी के कारण स्थानीय प्रशासनिक ढांचा लगभग ठप हो गया है। वार्ड स्तर पर न तो निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और न ही जनहित की योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो रही हैं। इससे स्थानीय नागरिकों की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो पा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि शहरी विकास, जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़क निर्माण जैसी बुनियादी सेवाओं के संचालन के लिए नगर निकायों का गठन आवश्यक है। चुनावों में देरी से यह पूरा तंत्र प्रभावित हो रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नगर निकाय चुनावों को टालने के पीछे राजनीतिक मंशा भी हो सकती है। सत्तारूढ़ दल की रणनीति शायद यह है कि वह कुछ परिस्थितियों को अपने पक्ष में अनुकूल बनाकर चुनाव कराना चाहता है। हालांकि, इस प्रक्रिया में लोकतंत्र और जनता के अधिकार दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं
इस मामले में दायर याचिका अवमानना की है, जिसका अर्थ है कि सरकार ने जानबूझकर न्यायालय के पूर्व आदेशों की अवहेलना की है। भारत के संविधान में न्यायपालिका को यह अधिकार है कि वह अपने आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सके। मुख्य सचिव को अदालत में तलब करना इस बात का संकेत है कि कोर्ट अब इस मामले में और विलंब सहन नहीं करेगी।
संवैधानिक संकट की आहट
अगर राज्य सरकार न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना जारी रखती है, तो यह स्थिति आगे चलकर संवैधानिक टकराव का कारण बन सकती है। ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर संवैधानिक सलाह-मशविरा की आवश्यकता पड़ सकती है। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं मानी जाती, खासकर तब जब जनता की भागीदारी का सबसे बुनियादी माध्यम – स्थानीय चुनाव – ही बाधित हो जाए।
यह पूरा मामला केवल नगर निकाय चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों की परीक्षा भी है। यदि सरकारें समयबद्ध चुनाव न कराएं, तो यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव को कमजोर करता है। हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी और कार्रवाई इस बात की ओर संकेत करती है कि न्यायपालिका लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों की रक्षा को लेकर गंभीर है।
अब आगे क्या?
अब सबकी नजरें 25 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं, जब मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना है। यदि सरकार ठोस कदम उठाने में फिर विफल रहती है, तो अदालत संभवतः अवमानना की कार्यवाही आगे बढ़ा सकती है। इसका प्रभाव न केवल चुनाव प्रक्रिया पर पड़ेगा, बल्कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर सकता है।

  • Related Posts

    रांची: अजरबैजान से फरार आरोपी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को लेकर लौटी ATS की टीम।

    रांची। झारखंड की राजधानी रांची में एक बड़ी कार्रवाई के तहत राज्य की एटीएस (Anti-Terrorist Squad) टीम अजरबैजान से फरार आरोपी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को लेकर वापस…

    रांची: लगातार बारिश से डैम का जलस्तर बढ़ा, धुर्वा डैम का खोला गया फाटक

    Contentsजलस्तर बढ़ने का कारण – मानसूनी बारिश ने बढ़ाई परेशानीधुर्वा डैम फाटक खोलने से संभावित प्रभावप्रशासन ने जारी किया अलर्टमौसम विभाग का पूर्वानुमाननागरिकों के लिए सुझावधुर्वा डैम का महत्वक्या हो…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *