
रांची। झारखंड के स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल होने जा रही है। राज्य में पहली बार 2200 बेडों वाला किडनी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किया जाएगा। इस अत्याधुनिक अस्पताल की घोषणा झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने की है। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
कहां बनेगा अस्पताल?
यह अस्पताल रांची में स्थापित किए जाने की योजना है, ताकि पूरे राज्य के मरीजों को इसका लाभ मिल सके। रांची की भौगोलिक स्थिति और बेहतर कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए इसे यहां विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सरकार ने 50 एकड़ भूमि आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
क्यों जरूरी है किडनी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल?
झारखंड और आसपास के राज्यों में किडनी संबंधित बीमारियों के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के कारण किडनी फेल्योर के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक मरीजों को बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई या कोलकाता का रुख करना पड़ता था। इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के बन जाने के बाद नजदीक ही विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध होगा।
क्या होगी अस्पताल की खासियत?
2200 बेड की क्षमता: यह अस्पताल झारखंड का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान होगा।
अत्याधुनिक डायलिसिस यूनिट: एक साथ 500 मरीजों के डायलिसिस की सुविधा।
नेफ्रोलॉजी रिसर्च सेंटर: नई तकनीकों और उपचार पद्धतियों पर रिसर्च।
अंग प्रत्यारोपण (किडनी ट्रांसप्लांट) सुविधा: राज्य में पहली बार बड़े पैमाने पर यह सेवा उपलब्ध होगी।
मल्टी-डिसिप्लिनरी मेडिकल टीम: नेफ्रोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, डाइटिशियन और फिजियोथैरेपिस्ट की विशेषज्ञ टीम।
इको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर: ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित।
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया को बताया, “झारखंड सरकार का उद्देश्य है कि किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए राज्य के मरीजों को बाहर न जाना पड़े। इस अस्पताल के निर्माण से हजारों मरीजों को सीधी राहत मिलेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र में रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे।”
अस्पताल के निर्माण की समयसीमा
सरकार की योजना है कि अगले दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा कर लिया जाए। इसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर काम किया जाएगा। निर्माण कार्य की निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और 2026 तक अस्पताल के प्रारंभिक चरण के शुरू होने की उम्मीद है।
लोगों को कैसे मिलेगा लाभ?
राज्य के गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों के लिए कम लागत पर इलाज।
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त या रियायती इलाज।
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के लिए विशेष सहायता केंद्र।
प्रतिदिन 5000 से अधिक मरीजों के लिए आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (OPD)।
रोजगार और आर्थिक प्रभाव
इस अस्पताल के बनने से लगभग 10,000 लोगों को सीधा और परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, तकनीशियन और सपोर्ट स्टाफ के लिए नए अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
किडनी रोगों से बचाव के उपाय भी सिखाएगा अस्पताल
अस्पताल केवल इलाज तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि प्रिवेंटिव हेल्थकेयर पर भी जोर देगा। यहां नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर, अवेयरनेस प्रोग्राम और जीवनशैली सुधारने के उपायों पर विशेष कैंप लगाए जाएंगे।
झारखंड का यह 2200 बेड वाला किडनी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कदम है। इससे न केवल झारखंड के बल्कि पड़ोसी राज्यों के मरीजों को भी विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। यह अस्पताल चिकित्सा क्षेत्र में झारखंड को एक नई पहचान दिलाएगा।