
लातेहार, झारखंड।
झारखंड के लातेहार जिले में पुलिस को नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। जिले में सक्रिय प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के 9 नक्सलियों ने पुलिस और प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह आत्मसमर्पण नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
आत्मसमर्पण कार्यक्रम: प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में हुई ऐतिहासिक घटना
आत्मसमर्पण का यह कार्यक्रम जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया। इस दौरान लातेहार के पुलिस अधीक्षक, जिला प्रशासन के अधिकारी, अर्धसैनिक बल के वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जताई। आत्मसमर्पण करने वाले सभी उग्रवादियों को झारखंड सरकार की नक्सली पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिए जाएंगे।
कौन हैं ये नक्सली और क्यों चुना आत्मसमर्पण का रास्ता?
आत्मसमर्पण करने वाले 9 नक्सली लंबे समय से जिले के विभिन्न इलाकों में JJMP संगठन के लिए सक्रिय थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये नक्सली लातेहार, मनिका, बालूमाथ और चंदवा क्षेत्र में फिरौती वसूलने, सड़क निर्माण कार्यों में बाधा डालने और ग्रामीणों को डराने-धमकाने जैसे अपराधों में शामिल थे।
पुलिस की लगातार कार्रवाई, गांव-गांव चलाए जा रहे जनजागरण अभियान और सरकार की पुनर्वास नीति ने इन नक्सलियों को हथियार छोड़ने के लिए प्रेरित किया।
पुलिस की रणनीति और सफलता के पीछे का कारण
पिछले कुछ वर्षों से लातेहार पुलिस ने नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार अभियान तेज किया है। सुरक्षाबलों ने न केवल जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाए, बल्कि विकास योजनाओं को भी जमीनी स्तर पर लागू किया।
गांवों में सड़क, बिजली और शिक्षा की सुविधाओं में सुधार
युवाओं को स्वरोजगार और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ना
नक्सली परिवारों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास
इन प्रयासों ने स्थानीय युवाओं में नक्सलवाद के प्रति मोहभंग पैदा किया और आत्मसमर्पण की राह आसान हुई।
कितने अपराधों में शामिल थे ये नक्सली?
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर हत्या, रंगदारी, आगजनी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं। इन पर कई जिलों की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी।
पुलिस का मानना है कि इनके आत्मसमर्पण से JJMP की गतिविधियों को बड़ा झटका लगेगा और संगठन की पकड़ कमजोर होगी।
आत्मसमर्पण करने वालों को क्या मिलेगा लाभ?
झारखंड सरकार की नक्सली पुनर्वास नीति के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे:
नकद प्रोत्साहन राशि
व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार सहायता
सुरक्षित आवास और सुरक्षा की गारंटी
उनके परिवारों के लिए पुनर्वास योजनाएं
इस नीति का उद्देश्य है कि जो युवा गलत राह पर चले गए हैं, वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सम्मानजनक जीवन जी सकें।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया: राहत और उम्मीद की किरण
स्थानीय ग्रामीणों ने इस आत्मसमर्पण का स्वागत किया है। गांवों में डर का माहौल लंबे समय से व्याप्त था, जहां आए दिन नक्सली धमकियां और वसूली की घटनाएं होती थीं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की सख्ती और विकास योजनाओं के चलते अब माहौल बदल रहा है।
एक स्थानीय शिक्षक ने बताया, “अब बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं और लोग रात में चैन की नींद सो पा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।”
जिले के विकास पर क्या होगा असर?
नक्सलवाद लातेहार जिले के विकास में सबसे बड़ी बाधा रहा है। सड़क निर्माण, खनन कार्य, उद्योग और शिक्षा जैसी योजनाएं अक्सर नक्सली हिंसा की वजह से बाधित होती रही हैं।
9 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से जहां सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है, वहीं विकास कार्यों को भी नई गति मिलने की उम्मीद है।
सरकार और पुलिस का संदेश: हिंसा छोड़ें, विकास की राह अपनाएं
पुलिस और प्रशासन ने एक बार फिर संदेश दिया है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाने वालों का स्वागत है। लातेहार के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हम उन सभी युवाओं को पुनर्वास का मौका देंगे जो हथियार छोड़कर समाज की सेवा करना चाहते हैं। जो लोग हिंसा करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
JJMP संगठन को लगा बड़ा झटका
JJMP नक्सली संगठन पिछले कई वर्षों से लातेहार और आसपास के इलाकों में सक्रिय रहा है। यह संगठन जबरन वसूली और हिंसा के लिए कुख्यात रहा है। 9 सक्रिय सदस्यों के आत्मसमर्पण से इसकी कमर टूटने की संभावना है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह शुरुआत है, आने वाले समय में और भी नक्सली हथियार डालेंगे।
भविष्य की रणनीति: नक्सलवाद मुक्त लातेहार की ओर कदम
लातेहार पुलिस का लक्ष्य आने वाले समय में जिले को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाना है। इसके लिए:
गांव-गांव में जागरूकता अभियान
सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाना
युवाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास योजनाओं से जोड़ना
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
इन उपायों के जरिए पुलिस और प्रशासन नक्सलवाद की जड़ें पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नई शुरुआत का संकेत
लातेहार में JJMP के 9 नक्सलियों का आत्मसमर्पण सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि बदलाव का संकेत है। यह दिखाता है कि सही नीति, पुलिस की दृढ़ इच्छाशक्ति और विकास के प्रयास नक्सलवाद जैसी समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
स्थानीय लोगों को अब एक नये भविष्य की उम्मीद है—जहां डर नहीं, विकास होगा; हिंसा नहीं, शांति होगी।