
रांची। झारखंड में अगले चार दिनों तक मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी से उठे निम्न दबाव के कारण झारखंड के विभिन्न हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।
किन जिलों में ज्यादा असर पड़ेगा?
मौसम विभाग के अनुसार, रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, गिरिडीह, गढ़वा, पलामू, चतरा, गुमला, लोहरदगा, दुमका और साहिबगंज समेत कई जिलों में अगले चार दिनों तक तेज बारिश हो सकती है। साथ ही कहीं-कहीं गरज और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
ऑरेंज अलर्ट का मतलब क्या है?
भारतीय मौसम विभाग के अलर्ट सिस्टम में ऑरेंज अलर्ट का मतलब है – “सतर्क रहें और जरूरी कदम उठाएं”। इसका संकेत है कि मौसम खतरनाक हो सकता है और सामान्य जीवन पर असर डाल सकता है। झारखंड के लोगों को इस दौरान सावधान रहने की सलाह दी गई है।
बारिश से क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं?
कई जिलों में सड़कों पर पानी भरने और यातायात प्रभावित होने की आशंका।
निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
बिजली गिरने और आंधी-तूफान से जनहानि का खतरा।
किसानों की फसलों पर भी भारी बारिश का असर पड़ेगा। धान की फसल को नुकसान हो सकता है।

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और आम लोगों को खेतों या खुले इलाकों में बिजली गिरने के दौरान न जाने की सलाह दी गई है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में लोगों से जलभराव वाले इलाकों से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया गया है।
विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दबाव प्रणाली की वजह से झारखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इस सिस्टम के कारण नमी बढ़ रही है और लगातार बारिश हो रही है। अगर बारिश का यह सिलसिला जारी रहा तो नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है।
किसानों पर असर
झारखंड एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है। भारी बारिश से खरीफ सीजन की धान और मक्का की फसल प्रभावित हो सकती है। खेतों में पानी भरने से फसल खराब होने का खतरा है। हालांकि, जिन इलाकों में अब तक बारिश कम हुई थी, वहां यह बारिश फायदेमंद भी साबित हो सकती है।
बिजली गिरने का खतरा
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में झारखंड में बिजली गिरने से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों ने लोगों को सावधान रहने और गरज-चमक के दौरान खुले मैदान, पेड़ के नीचे या बिजली के खंभे के पास खड़े न होने की सलाह दी है।
यातायात पर असर
लगातार बारिश से कई जिलों में सड़कें जलमग्न हो सकती हैं। पहाड़ी और खनन क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका भी है। रांची, धनबाद और जमशेदपुर जैसे शहरी इलाकों में ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाएगी। रेल और हवाई सेवा भी प्रभावित हो सकती है।
आम जनता के लिए जरूरी सावधानियां
मौसम विभाग के अलर्ट को नजरअंदाज न करें।
अनावश्यक यात्रा से बचें और घर पर सुरक्षित रहें।
मोबाइल में मौसम विभाग का ऐप डाउनलोड करें और अपडेट चेक करते रहें।
खेतों, पेड़ों और खुले मैदानों में गरज-चमक के दौरान न जाएं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।

नदियों का बढ़ सकता है जलस्तर

नदियों का बढ़ सकता है जलस्तर
राज्य की कई प्रमुख नदियां जैसे दामोदर, स्वर्णरेखा, कोयल और बराकर में जलस्तर बढ़ने की संभावना है। प्रशासन ने बांधों और तटबंधों की निगरानी तेज कर दी है। अगर लगातार बारिश होती रही तो निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ सकता है।
पिछले साल भी हुआ था नुकसान
पिछले साल भी मानसून के दौरान झारखंड में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति बनी थी। कई जिलों में फसलें बर्बाद हो गई थीं और सड़क मार्ग बाधित हुए थे। इस बार भी स्थिति कुछ वैसी ही बनने का खतरा है, इसलिए सरकार पहले से ही सतर्क हो गई है।
झारखंड में अगले चार दिनों तक भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों को सतर्क रहने, प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और अनावश्यक जोखिम से बचने की जरूरत है।