
रांची: झारखंड के लिए गर्व का क्षण है जब राज्य के होनहार छात्र शांतनु को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप प्राप्त हुआ है। शांतनु को लंदन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय है।
शांतनु की सफलता की कहानी
शांतनु झारखंड के एक छोटे से कस्बे से आते हैं। उन्होंने बचपन से ही पढ़ाई में गहरी रुचि दिखाई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। स्कॉलरशिप पाने के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, लगन और परिवार का सहयोग प्रमुख रहा।
स्कूलिंग: शांतनु ने अपनी स्कूली शिक्षा राज्य के प्रतिष्ठित विद्यालय से पूरी की।
उच्च शिक्षा की तैयारी: इंजीनियरिंग और प्रबंधन के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने वर्षों तक तैयारी की।
रिसर्च और प्रोजेक्ट्स: कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार जीते।
स्कॉलरशिप का महत्व
यह स्कॉलरशिप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दी जाने वाली प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप्स में से एक है। इस स्कॉलरशिप की राशि 1 करोड़ रुपये है, जो शांतनु की ट्यूशन फीस, रहने-खाने और अन्य खर्चों को कवर करेगी।
फंडिंग का स्रोत:
स्कॉलरशिप एक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक फाउंडेशन द्वारा प्रदान की गई है।
उद्देश्य:
प्रतिभाशाली और मेधावी छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान करना।
लाभार्थी: हर साल दुनिया भर के चुनिंदा छात्रों को ही यह स्कॉलरशिप मिलती है।
लंदन में पढ़ाई की तैयारी
शांतनु अब लंदन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ाई करेंगे। उनका लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में रिसर्च करना है।
कोर्स: मास्टर्स इन कंप्यूटर साइंस (एआई स्पेशलाइजेशन)।
विश्वविद्यालय: यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL)।
अवधि: दो वर्ष।
झारखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा
शांतनु की यह उपलब्धि झारखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा है। राज्य के कई युवा उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं, लेकिन जानकारी और संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं। शांतनु ने साबित किया है कि कठिन परिश्रम, सही मार्गदर्शन और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
सरकारी योजनाएं:
राज्य सरकार ने भी विदेश में पढ़ाई के लिए कई योजनाएं चलाई हैं।
मार्गदर्शन
विशेषज्ञ बताते हैं कि स्कॉलरशिप पाने के लिए छात्रों को समय पर आवेदन और तैयारी करनी चाहिए।
परिवार और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
शांतनु के माता-पिता ने इस उपलब्धि पर गर्व जताया है। उनके पिता एक शिक्षक हैं और मां गृहिणी। दोनों ने बताया कि शांतनु हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं।
शांतनु के शिक्षकों ने भी कहा कि वह मेहनती और अनुशासित छात्र हैं। उनकी यह सफलता उनके समर्पण का परिणाम है।
भविष्य की योजना
शांतनु का कहना है कि लंदन से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे भारत लौटकर देश की प्रगति में योगदान देना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि एआई आधारित टेक्नोलॉजी से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाया जाए।
शांतनु की यह उपलब्धि झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगी। 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप न केवल उनकी मेहनत की पहचान है बल्कि यह संदेश भी देती है कि अगर लगन और दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।