
रांची : झारखंड में एक बार फिर मानसूनी गतिविधियाँ तेज होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि विश्वकर्मा पूजा (17 सितंबर 2025) तक राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। इसके साथ ही मौसम केंद्र रांची ने येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मानसून की सक्रियता और मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) रांची के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से उठी नम हवाएँ झारखंड में नमी बढ़ा रही हैं। इसी कारण 13 से 17 सितंबर तक गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कई जिलों में हल्की बारिश होगी, जबकि कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हो सकती है।
येलो अलर्ट का मतलब है कि मौसम सामान्य से अलग रहेगा और लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत है। विभाग ने खासतौर पर किसानों, यात्रियों और त्योहार की तैयारियों में लगे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
किन जिलों में होगी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, रांची, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, पलामू और चतरा जिले में बारिश की संभावना ज्यादा है। वहीं, झारखंड के उत्तरी इलाकों में कहीं-कहीं भारी बारिश भी दर्ज की जा सकती है।
विश्वकर्मा पूजा और बारिश का असर
हर साल 17 सितंबर को देशभर में विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। झारखंड के शहरों और ग्रामीण इलाकों में इस दिन विशेष कार्यक्रम होते हैं। फैक्ट्रियों, कारखानों, वर्कशॉप्स, ऑटोमोबाइल गैराज, मशीनरी प्रतिष्ठानों और निर्माण कार्यों में लगे लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।
बारिश की संभावना को देखते हुए कई जगहों पर तैयारी प्रभावित हो सकती है। पंडालों की सजावट, मूर्तियों की स्थापना, शोभायात्राओं और जुलूसों पर भी मौसम का असर पड़ेगा। हालांकि, श्रद्धालु उत्साह में कमी नहीं आने देंगे और पूजा धूमधाम से आयोजित की जाएगी।
किसानों पर प्रभाव
झारखंड एक कृषि प्रधान राज्य है और इस समय धान की फसल खेतों में लगी हुई है। बारिश का किसानों पर दोहरा असर होगा।
जिन इलाकों में बारिश की कमी है, वहां यह पानी फायदेमंद साबित होगा।
लेकिन, जिन क्षेत्रों में पहले से ही अधिक नमी है, वहां अधिक बारिश फसल को नुकसान पहुँचा सकती है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि फसल बर्बाद न हो।
यातायात और आम जनजीवन पर असर
बारिश से सड़क यातायात और रेल सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है। रांची, धनबाद और जमशेदपुर जैसे बड़े शहरों में जलजमाव की समस्या हो सकती है।
रांची नगर निगम और अन्य नगर निकायों ने दावा किया है कि बारिश से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, लेकिन पिछली बार के अनुभव बताते हैं कि भारी बारिश से कई कॉलोनियों में पानी भर जाता है।
स्वास्थ्य से जुड़ी सावधानियाँ
बरसात के मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल फीवर जैसी बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गड्ढों और खाली बर्तनों में पानी जमा न होने दें।
विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर का महीना मानसून की विदाई का होता है। लेकिन, इस बार बंगाल की खाड़ी में लगातार सिस्टम बनने से झारखंड में देर तक बारिश हो रही है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सिंह ने कहा, “विश्वकर्मा पूजा तक राज्य में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहेंगी। लोगों को यात्रा के दौरान सतर्क रहना चाहिए और त्योहारों की तैयारियों में मौसम को ध्यान में रखना जरूरी है।”

लोगों की तैयारी

लोगों की तैयारी
रांची और जमशेदपुर में कई पूजा समितियों ने पंडालों में वॉटरप्रूफ शेड्स और टेंट लगाने शुरू कर दिए हैं। वहीं, मूर्तिकारों का कहना है कि बारिश से मूर्तियों को बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
स्थानीय दुकानदार भी तैयारियों में जुट गए हैं। बाजारों में पूजा की सामग्री, फूल, माला और सजावट के सामान की बिक्री तेज हो गई है। बारिश से खरीदारों की आवाजाही थोड़ी प्रभावित हो सकती है, लेकिन उत्साह बरकरार है।
झारखंड में विश्वकर्मा पूजा तक बारिश की संभावना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन साथ ही यह फसल और पर्यावरण के लिए राहत भी ला सकती है। मौसम विभाग के येलो अलर्ट ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में सतर्क रहना जरूरी है। पूजा समितियाँ, किसान और आम लोग सभी बारिश से निपटने की तैयारी कर रहे हैं।