
झारखंड (Jharkhand) के मौसम में अगले कुछ दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 15 सितंबर से 18 सितंबर 2025 तक राज्य में गरज-चमक (Thunderstorm) और भारी बारिश (Heavy Rainfall) की चेतावनी जारी की है। इस दौरान कई जिलों में वज्रपात (Lightning Strike) और तेज हवाएं (Strong Winds) चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने किसानों, यात्रियों और आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
झारखंड मौसम विभाग का ताजा पूर्वानुमान
मौसम विभाग रांची केंद्र (Ranchi Meteorological Centre) की रिपोर्ट के अनुसार –
15 से 18 सितंबर तक झारखंड में लगातार बारिश होगी।
उत्तर और मध्य झारखंड के कुछ जिलों में भारी बारिश (Heavy Rainfall Alert) की संभावना है।
गरज-चमक के साथ वज्रपात (Thunderstorm & Lightning Alert) का खतरा रहेगा।
कई जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट (Yellow & Orange Alert) जारी किया गया है।
किन जिलों में होगी ज्यादा बारिश?
झारखंड के इन जिलों में अगले 4 दिनों तक भारी बारिश और वज्रपात की संभावना जताई गई है:
रांची (Ranchi)
धनबाद (Dhanbad)
बोकारो (Bokaro)
गिरिडीह (Giridih)
हजारीबाग (Hazaribagh)
चतरा (Chatra)
रामगढ़ (Ramgarh)
लोहरदगा (Lohardaga)
गुमला (Gumla)
सिमडेगा (Simdega)
पूर्वी सिंहभूम (Jamshedpur)
पश्चिमी सिंहभूम (Chaibasa)
सरायकेला-खरसावां (Seraikela-Kharsawan)
मौसम विभाग का अलर्ट (IMD Alert)
15 सितंबर: हल्की से मध्यम बारिश, कुछ जगहों पर गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना।
16 सितंबर: रांची, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह और हजारीबाग में भारी बारिश और तेज हवाएं।
17 सितंबर: पूरे राज्य में गरज-चमक के साथ बारिश, कई जगहों पर बिजली गिरने का खतरा।
18 सितंबर: उत्तरी और दक्षिणी झारखंड में व्यापक बारिश।
बारिश से जनजीवन पर असर
लगातार होने वाली बारिश का असर झारखंड के लोगों के दैनिक जीवन पर पड़ सकता है।
1. यातायात व्यवस्था (Traffic Disruption):
कई सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनेगी।
हाईवे और ग्रामीण सड़कों पर कीचड़ और फिसलन का खतरा रहेगा।
2. खेती-किसानी पर असर (Impact on Agriculture):
धान की फसल (Paddy Crop) को बारिश से फायदा होगा।
लेकिन बिजली गिरने से खेतों में काम कर रहे किसानों की जान का खतरा बढ़ सकता है।
3. बिजली आपूर्ति पर असर (Power Supply):
वज्रपात और तूफानी हवाओं के कारण कई जिलों में बिजली कटौती की समस्या हो सकती है।
4. स्वास्थ्य पर असर (Health Impact):
लगातार बारिश से डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार जैसे रोग फैल सकते हैं।
किसानों के लिए सलाह
मौसम विभाग ने झारखंड के किसानों के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की है –
बारिश के दौरान खेतों में काम करने से बचें।
बिजली गिरने से बचने के लिए खुले मैदान और पेड़ों के नीचे शरण न लें।
धान और सब्जी की फसलों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
बीज और खाद को सुरक्षित जगह पर रखें।
यात्रियों और आम जनता के लिए सलाह
सफर पर निकलने से पहले मौसम की अपडेट जरूर देखें।
बिजली कड़कने के समय मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल न करें।
बच्चों और बुजुर्गों को खुले मैदान में जाने से रोकें।
घरों में बिजली उपकरणों को सुरक्षित रखे
झारखंड में बिजली गिरने के मामले
झारखंड में हर साल बड़ी संख्या में लोग वज्रपात (Lightning Strike) का शिकार होते हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के आंकड़ों के मुताबिक,
झारखंड बिजली गिरने से होने वाली मौतों में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है।
ग्रामीण इलाकों में खेतों में काम कर रहे किसानों पर सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
इसलिए सरकार और प्रशासन लगातार अलर्ट और जागरूकता अभियान चलाता है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
गांवों में लोगों को जागरूक करने के लिए माइकिंग और घोषणाएं की जा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड तैयार रखने को कहा गया है।
बिजली विभाग को ट्रांसफार्मर और ग्रिड की मरम्मत के लिए अलर्ट किया गया है।
झारखंड का मानसून 2025 (Monsoon 2025 in Jharkhand)
इस साल झारखंड में मानसून सामान्य से बेहतर रहा है।
अब सितंबर के दूसरे पखवाड़े में बारिश बढ़ने से जलस्तर (Water Level) में सुधार होगा।
ग्रामीण इलाकों में धान की खेती को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) से बन रहे कम दबाव के क्षेत्र (Low Pressure Area) के कारण झारखंड में भारी बारिश हो रही है।
यह सिस्टम अगले 3-4 दिनों तक सक्रिय रहेगा।
इससे झारखंड के साथ-साथ बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी बारिश होगी।
15 से 18 सितंबर तक झारखंड में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। किसान, यात्री और आम जनता सुरक्षा नियमों का पालन करके इस खराब मौसम से बच सकते हैं।