जिले में स्मार्ट बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने और उपभोक्ताओं को पारदर्शी एवं बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा तेजी से स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है। उपायुक्त-cum-जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि जिले में स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं को अनेक सुविधाएं मिल रही हैं, जिनसे न केवल उपभोक्ताओं का समय बचेगा बल्कि बिजली खपत में भी महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल रहा है।

उन्हाेंने कहा कि वर्तमान समय में ऊर्जा प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट मीटर एक अहम कदम साबित हो रहे हैं। पुराने मीटरों की जगह आधुनिक और डिजिटल स्मार्ट मीटर पूरी तरह निःशुल्क लगाए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ रहा है।
स्मार्ट मीटर देगा रियल टाइम खपत की जानकारी
स्मार्ट मीटर का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह उपभोक्ताओं को वास्तविक समय (Real Time) में बिजली खपत की पूरी जानकारी प्रदान करता है। इससे लोग अपनी खपत पर निगरानी रख सकते हैं और अनावश्यक बिजली उपयोग को कम कर ऊर्जा की बचत कर सकते हैं। इसके साथ ही बिलिंग प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित होने से त्रुटि की संभावना समाप्त हो जाती है। उपभोक्ताओं को अनुमानित बिल के बजाय सटीक यूनिट और वास्तविक खपत के आधार पर बिल प्राप्त होता है।
बिजली चोरी पर लगेगी लगाम
उपायुक्त ने बताया कि स्मार्ट मीटर बिजली चोरी रोकने में भी बेहद प्रभावी हैं। बिजली चोरी के कारण होने वाले तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान को रोकने में यह तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जिल प्रशासन उपभोक्ताओं से अपील कर रहा है कि वे बिजली चोरी जैसे अवैध कार्य से बचें, क्योंकि यह न केवल कानूनन दंडनीय है, बल्कि बिजली व्यवस्था को भी अस्थिर करता है। उन्होंने कहा कि जब सरकार द्वारा हर महीने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, तो बिजली चोरी का कोई औचित्य नहीं रह जाता। उपभोक्ता कानूनी कार्रवाई से स्वयं को बचाने और सुरक्षित रहने के लिए बिजली का उपयोग ईमानदारी से करें।
स्मार्ट मीटर से जुड़े भ्रम और सत्य
प्रशासन ने आम जनता में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए स्पष्ट जानकारी साझा की है—
भ्रम 1: स्मार्ट मीटर लगाने का शुल्क देना पड़ता है।
सत्य: स्मार्ट मीटर पूरी तरह निःशुल्क लगाया जाता है।
भ्रम 2: स्मार्ट मीटर तेज चलता है, जिससे बिल ज्यादा आता है।
सत्य: स्मार्ट मीटर सटीक और पारदर्शी रीडिंग देता है। उपभोक्ता केवल उतनी ही बिजली के लिए भुगतान करते हैं, जितनी वे उपयोग करते हैं।
भ्रम 3: किराएदार स्मार्ट मीटर नहीं लगवा सकते।
सत्य: बिजली बिल यदि किराएदार खुद भरता है, तो वह स्मार्ट मीटर लगवा सकता है। मकान मालिक की सहमति प्रक्रिया को सुगम बनाती है।
भ्रम 4: बिजली बिल भरने के लिए विभागीय कार्यालय जाना जरूरी है।
सत्य: स्मार्ट मीटर के जरिए अब घर बैठे मोबाइल ऐप से ऑनलाइन रिचार्ज और भुगतान संभव है। लंबी कतारों से मुक्ति मिलती है।
स्मार्ट मीटर के प्रमुख फायदे
1. रोजाना बिजली खपत की सटीक जानकारी
उपभोक्ता किसी भी समय अपनी बिजली खपत चेक कर सकते हैं।
2. बिलिंग में पारदर्शिता
स्मार्ट मीटर अनुमान आधारित नहीं, बल्कि सटीक यूनिट गिनता है।
3. पुराने व खराब मीटरों से छुटकारा
अक्सर शिकायत आती थी कि पुराने मीटर रीडिंग नहीं देते या अटक जाते हैं। स्मार्ट मीटर इन समस्याओं का स्थायी समाधान हैं।
4. भुगतान में आसानी
अब उपभोक्ताओं को विभागीय कार्यालयों में कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं। मोबाइल ऐप से मिनटों में भुगतान संभव है।
5. ऊर्जा की बचत का अवसर
जब आप खपत को रियल टाइम में देखेंगे तो अनावश्यक बिजली उपयोग खुद-ब-खुद कम होने लगेगा।
1.64 करोड़ से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं
देशभर में अब तक 1.64 करोड़ से अधिक स्मार्ट मीटर इंस्टॉल किए जा चुके हैं। यह सरकार की डिजिटल बिजली व्यवस्था की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। अब जिले में भी तेजी से यह प्रक्रिया जारी है और बहुत जल्द सभी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
उपायुक्त ने लोगों से आग्रह किया कि स्मार्ट मीटर लगाने वाली टीमों को सहयोग दें, क्योंकि यह सुविधा सीधे जनता के लाभ के लिए है।
स्मार्ट मीटर अपनाएँ—स्मार्ट बिजली उपयोग करें
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर बिजली उपयोग का नया और सुरक्षित भविष्य है। इससे उपभोक्ताओं के समय, धन और ऊर्जा की बचत होती है। पारदर्शी बिजली व्यवस्था और आधुनिक तकनीक का लाभ उठाने के लिए हर उपभोक्ता को इसे अपनाना चाहिए।
किसी भी प्रकार की जानकारी, शिकायत या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क किया जा सकता है।
जिला प्रशासन की अपील है—
“स्मार्ट मीटर अपनाएं, डिजिटल बिजली से जुड़े और स्मार्ट जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।”
