देवघर। मोंथा चक्रवात के कारण जिले में लगातार बारिश और खराब मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने जानकारी दी है कि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में अत्यधिक वर्षा और वज्रपात की संभावना बनी हुई है। ऐसे में सभी अधिकारियों को सतर्क रहकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जन-धन की हानि से बचा जा सके। उपायुक्त ने जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों और संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य एवं सड़क व्यवस्था पर विशेष निगरानी रखी जाए और किसी भी आपात सूचना की स्थिति में तुरंत वरीय अधिकारियों को सूचित किया जाए।
आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के निर्देश
लगातार हो रही बारिश से कई इलाकों में जलजमाव और आवागमन बाधित होने की संभावना के मद्देनज़र उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि जहां भी सड़कें या रास्ते बंद हों, वहां त्वरित कार्रवाई कर मार्ग को बहाल किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों के ढहने की आशंका बनी हुई है। ऐसी स्थिति में यदि किसी व्यक्ति या परिवार को आश्रय की आवश्यकता हो, तो उन्हें तुरंत नजदीकी स्कूल, पंचायत भवन या अन्य उपयुक्त सरकारी भवन में अस्थायी राहत शिविरों में सुरक्षित ठहराया जाए। उपायुक्त ने यह भी कहा कि प्रखंड और अंचल स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैयारियां पूरी रखी जाएं। किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में समुचित व्यवस्था के साथ प्रशासनिक टीम मौके पर मौजूद रहे ताकि समय पर मदद पहुंचाई जा सके।
जनता से घरों में रहने की अपील
जिलावासियों से अपील करते हुए उपायुक्त ने कहा कि खराब मौसम के दौरान लोग अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। भारी बारिश और तेज हवाओं के समय अपने परिजनों के साथ घर के भीतर ही रहें। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश से खतरे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए हर नागरिक को सतर्क रहना चाहिए और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन हर स्तर पर निगरानी रख रहा है, लेकिन जनता का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल जिला नियंत्रण कक्ष या संबंधित अधिकारी को सूचित करें ताकि तुरंत राहत उपलब्ध कराई जा सके।
वज्रपात से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां
उपायुक्त ने कहा कि बरसात के मौसम में वज्रपात (आकाशीय बिजली) का खतरा अधिक बढ़ जाता है, खासकर खुले क्षेत्रों, खेतों और जलाशयों के पास। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कुछ सरल उपाय अपनाकर इस खतरे से बच सकते हैं।
घर के भीतर होने पर ध्यान दें:
बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें।
तार वाले टेलीफोन का उपयोग न करें।
खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें तथा बरामदे या छत पर न जाएं।
धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा और वाश बेसिन जैसी वस्तुओं से दूरी बनाए रखें।
घर के बाहर होने पर सावधानी रखें:
पेड़ों के नीचे या ऊंची इमारतों के पास आश्रय न लें।
बिजली चमकते समय समूह में न खड़े हों, अलग-अलग होकर किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
संभव हो तो किसी भवन के अंदर शरण लें।
सफर के दौरान अपने वाहन में ही रहें, खुले छत वाले वाहन से बचें।
बिजली के खंभे, तार, मशीन, तालाब या जलाशयों से दूर रहें।
उपायुक्त ने कहा कि खेतों में काम करने वाले किसान विशेष रूप से सावधानी बरतें। बारिश या बिजली चमकते समय खेतों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
प्रशासन की पूरी टीम सतर्क
जिला प्रशासन की टीम को चौबीसों घंटे निगरानी के लिए अलर्ट पर रखा गया है। नियंत्रण कक्ष के माध्यम से लगातार मौसम की जानकारी ली जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि बारिश के दौरान किसी भी प्रकार की जनस्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर त्वरित कार्रवाई करें। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। किसी भी आपदा या दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीम तुरंत मौके पर पहुंचेगी और राहत कार्य शुरू करेगी।
लगातार बारिश और खराब मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। उपायुक्त के निर्देश पर सभी अधिकारी अलर्ट मोड में हैं। जनता से भी अपील की गई है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और सुरक्षित रहें। सावधानी और सतर्कता ही किसी भी आपदा से बचने का सबसे बेहतर उपाय है।
