
रांची/खूंटी। झारखंड पुलिस ने अपराध और अवैध हथियार तस्करी के खिलाफ एक और बड़ी सफलता हासिल की है। खूंटी पुलिस ने डोरंडा इलाके में छापेमारी कर भारी मात्रा में कारतूस और दो पिस्टल बरामद किए हैं। यह कार्रवाई न केवल अपराध पर नकेल कसने का प्रयास है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि पुलिस प्रशासन अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने जिन हथियारों को जब्त किया है, वे किसी बड़े आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा हो सकते थे।
छापेमारी कैसे हुई?
खूंटी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि डोरंडा इलाके में कुछ असामाजिक तत्व बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा छुपाकर रखे हुए हैं। सूचना की पुष्टि होते ही पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने रणनीतिक तरीके से इलाके की घेराबंदी की और छापेमारी शुरू की। इस दौरान दो पिस्टल और कई दर्जन कारतूस बरामद हुए।
बरामदगी में क्या-क्या मिला?
पुलिस के अनुसार, छापेमारी के दौरान दो पिस्टल के साथ भारी मात्रा में कारतूस मिले हैं। ये सभी हथियार अत्याधुनिक नहीं बल्कि देसी और कुछ अर्ध-स्वचालित प्रकार के हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये हथियार अपराधियों को आपूर्ति करने के लिए इकट्ठा किए गए थे।
दो पिस्टल: कथित तौर पर अवैध रूप से खरीदे गए।
भारी मात्रा में कारतूस: अलग-अलग बोर के कारतूस बरामद।
अन्य सामान: कुछ संदिग्ध दस्तावेज और मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।
पुलिस का बयान
खूंटी पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “हमें विश्वसनीय सूचना मिली थी कि डोरंडा क्षेत्र में अवैध हथियारों का भंडारण किया गया है। छापेमारी में दो पिस्टल और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद किए गए हैं। इस मामले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। जिन लोगों का हाथ इस नेटवर्क में है, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
अपराधियों पर क्या कार्रवाई होगी?
पुलिस ने बताया कि इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि ये हथियार किन उद्देश्यों के लिए रखे गए थे।
हथियार तस्करी का बड़ा नेटवर्क?
झारखंड लंबे समय से नक्सली गतिविधियों और अपराधियों के लिए संवेदनशील क्षेत्र रहा है। डोरंडा इलाके में बरामद हुए हथियार यह संकेत देते हैं कि राज्य में अवैध हथियारों की आपूर्ति का नेटवर्क अभी भी सक्रिय है। सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या इन हथियारों का इस्तेमाल किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए किया जाना था।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
छापेमारी की खबर मिलते ही स्थानीय लोग दहशत में आ गए। इलाके के निवासियों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि समय-समय पर ऐसे अभियान चलते रहने चाहिए ताकि अपराधियों के हौसले पस्त हों।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए संकेत
इस बरामदगी से साफ हो गया है कि अपराधी गिरोह लगातार सक्रिय हैं। सुरक्षा एजेंसियों को अब और सतर्क रहने की जरूरत है। इस घटना ने फिर से साबित किया है कि अवैध हथियारों का कारोबार झारखंड के कुछ हिस्सों में गहराई से फैला हुआ है।
भविष्य की रणनीति
पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों में ऐसे अपराधियों के खिलाफ और भी सख्त अभियान चलाया जाएगा। खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है और ग्रामीण व शहरी दोनों इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।