
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और आसपास के जिलों में इस साल की सबसे भीषण बारिश ने 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर के कई इलाकों में जलजमाव हो गया है, जिससे ट्रैफिक घंटों जाम रहा। वहीं, जलभराव के बीच करंट लगने से सात लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
बारिश से जनजीवन ठप
कोलकाता नगर निगम (KMC) के अनुसार, महेशतला, टॉलीगंज, दमदम, बेलगाछिया, बालीगंज, हावड़ा और सियालदह इलाकों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे। सड़कें नदी जैसी नजर आ रही हैं। वहीं, अस्पतालों और स्कूलों में भी पानी घुस गया है।
परिवहन व्यवस्था पर असर
बारिश और जलजमाव का सबसे बड़ा असर परिवहन सेवाओं पर पड़ा है।
रेलवे सेवा: हावड़ा और सियालदह से चलने वाली लोकल ट्रेनें घंटों लेट हुईं। कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।
मेट्रो सेवा: दमदम से न्यू गड़िया रूट पर पानी भरने के कारण मेट्रो सेवा कई घंटों तक बाधित रही।
हवाई सेवा: नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 50 से अधिक फ्लाइट प्रभावित हुईं। कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा जबकि कुछ को दूसरे शहरों में डायवर्ट किया गया।
मौत और हादसे
पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, कोलकाता और हावड़ा में करंट लगने से सात लोगों की मौत हो गई है। कई जगह बिजली के खंभों में करंट दौड़ने की वजह से खतरा बढ़ गया है। निगम ने लोगों से अपील की है कि जलभराव वाले इलाकों में बिजली के उपकरणों और तारों से दूरी बनाकर रखें।
40 साल का रिकॉर्ड टूटा
मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि 24 घंटे में कोलकाता में 250 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। यह पिछले 40 साल में सितंबर महीने में हुई सबसे ज्यादा बारिश है। 1985 में सितंबर में 220 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
स्कूल-कॉलेज बंद
बारिश की वजह से राज्य सरकार ने कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिले में स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं, ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आईटी और प्राइवेट कंपनियों ने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा देने का निर्देश दिया है।
व्यापार और बाजार पर असर
बरसात से व्यापार और बाजार पर भी असर पड़ा है। बराबाजार, गड़ियाहाट और न्यू मार्केट में पानी घुस गया, जिससे दुकानदारों का लाखों का सामान खराब हो गया। फल, सब्जियों और दूध की सप्लाई भी बाधित हुई है।
सरकार और प्रशासन अलर्ट
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालात पर नजर रखने के लिए आपात बैठक बुलाई है। नगर निगम, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। KMC ने 100 से अधिक पंपिंग स्टेशन चालू कर दिए हैं ताकि जलजमाव कम किया जा सके।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 24 से 48 घंटे तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है। दक्षिण बंगाल के जिलों — हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
लोगों की मुश्किलें
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार बारिश ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। कई परिवारों को घर छोड़कर रिश्तेदारों या राहत शिविरों में जाना पड़ा है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भी भारी दिक्कत हो रही है।
विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया की वजह से लगातार बारिश हो रही है। यह सिस्टम अगले दो दिन तक सक्रिय रह सकता है। इसके चलते स्थिति और खराब हो सकती है।
राहत और बचाव अभियान
राज्य सरकार ने एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम को तैनात किया है। जलजमाव वाले इलाकों में नावों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। साथ ही, मेडिकल टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है।
कोलकाता की बारिश ने 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। सरकार और प्रशासन राहत-बचाव में जुटा है, लेकिन हालात सामान्य होने में समय लग सकता है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे घरों से बाहर कम निकलें और सुरक्षित रहें।