आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में शुक्रवार तड़के एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एक वोल्वो स्लीपर बस में अचानक आग लग गई, जिसमें 20 यात्रियों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि 12 लोग किसी तरह खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। हादसा कुरनूल के वेलदुर्थी इलाके के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे हुआ। बस में करीब 33 यात्री सवार थे। जैसे ही बस कुरनूल के वेलदुर्थी मंडल के पास पहुंची, सामने से आ रहे एक दोपहिया वाहन से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक पर सवार दो लोगों की मौके पर मौत हो गई। टक्कर के तुरंत बाद बस के नीचे से चिंगारियां उठीं और कुछ ही सेकंड में आग फैल गई।
आग लगते ही मचा हाहाकार
आग लगते ही बस के भीतर अफरा-तफरी मच गई। नींद में सो रहे यात्री अचानक उठे तो देखा कि चारों ओर धुआं और आग की लपटें थीं। ड्राइवर और क्लीनर ने बस रोकने की कोशिश की, लेकिन आग तेजी से फैल चुकी थी। बताया जा रहा है कि बस के दरवाजे लॉक हो जाने से कई यात्री अंदर ही फंस गए। करीब 12 लोगों ने खिड़कियों से कूदकर किसी तरह जान बचाई, लेकिन बाकी यात्री बाहर नहीं निकल पाए।
दमकल की 4 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद दमकल विभाग की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। बस के अंदर मौजूद यात्रियों के शवों की हालत इतनी खराब थी कि उनकी पहचान मुश्किल हो गई।
प्रशासन और पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही कुरनूल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया ताकि मृतकों की पहचान की जा सके। फिलहाल सभी शवों को कुरनूल के सरकारी अस्पताल में भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि मृतकों में ज्यादातर लोग हैदराबाद और बेंगलुरु के बीच काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारी थे।
कौन सी बस थी यह?
जानकारी के मुताबिक, यह वोल्वो स्लीपर बस हैदराबाद की एक निजी ट्रैवल कंपनी की थी। बस गुरुवार रात करीब 11 बजे हैदराबाद के मीयापुर से निकली थी और शुक्रवार सुबह 6 बजे तक बेंगलुरु पहुंचनी थी। लेकिन कुरनूल पहुंचने से पहले ही यह हादसा हो गया। बस में ज्यादातर आईटी प्रोफेशनल्स और कुछ परिवार सवार थे।
तकनीकी खराबी या लापरवाही?
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बस में डीजल टैंक के पास आग लगी, जो टक्कर के बाद फट गया। इससे आग ने तुरंत बस के अंदरूनी हिस्से को घेर लिया। हालांकि कुछ यात्रियों ने दावा किया कि बस से पहले से ही डीजल की गंध आ रही थी और चालक ने इसे नजरअंदाज कर दिया। पुलिस ने बस कंपनी के मालिक और ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया भयावह मंजर
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने सड़क पर आग की लपटें देखीं और मदद के लिए दौड़े। लेकिन जब तक वे पहुंचे, बस के अंदर चीख-पुकार मच चुकी थी। कई यात्रियों ने खिड़कियों से निकलने की कोशिश की, लेकिन आग की गर्मी ने सब कुछ झुलसा दिया। ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर 12 लोगों को बाहर निकाला।
घायलों का इलाज जारी
घायलों को कुरनूल के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि कुछ यात्रियों की हालत गंभीर है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए हैदराबाद रेफर किया जा सकता है। वहीं, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख मुआवजे की घोषणा की है।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “कुरनूल बस दुर्घटना अत्यंत दर्दनाक है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायल यात्रियों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
अब उठ रहे हैं सवाल
इस भीषण हादसे के बाद फिर एक बार सवाल उठ रहे हैं कि क्या निजी बस ऑपरेटर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह हैं? देशभर में बढ़ते वोल्वो और स्लीपर बस हादसे यात्रियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को बस फिटनेस और इमरजेंसी प्रोटोकॉल की सख्त निगरानी करनी चाहिए।
कुरनूल बस हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि कैसे छोटी सी लापरवाही दर्जनों जिंदगियां छीन सकती है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और निजी कंपनियों दोनों को जिम्मेदारी लेनी होगी ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।
