
लातेहार: आवासीय बालिका विद्यालय के हॉस्टल में लगी भीषण आग, बाल-बाल बचीं छात्राएं।
लातेहार जिले में शनिवार देर रात एक बड़ी दुर्घटना होते-होते टल गई। जिले के एक आवासीय बालिका विद्यालय के हॉस्टल में अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते पूरे हॉस्टल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। हॉस्टल में उस समय 80 से अधिक छात्राएं मौजूद थीं। गनीमत रही कि समय रहते छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। हालांकि हॉस्टल में रखे बेड, किताबें, कपड़े और अन्य सामान जलकर राख हो गए।
घटना कैसे घटी
जानकारी के अनुसार, यह घटना देर रात करीब 11 बजे हुई जब अधिकांश छात्राएं सो चुकी थीं। अचानक हॉस्टल के एक कमरे से धुआं उठने लगा। कुछ ही मिनटों में धुएं ने पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। छात्राओं ने तुरंत शोर मचाकर वार्डन और अन्य शिक्षकों को बुलाया। वार्डन ने हिम्मत दिखाते हुए तत्काल छात्राओं को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान कुछ बच्चियां धुएं से बेहोश होने की कगार पर थीं, लेकिन स्टाफ और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें बाहर लाया गया।
दमकल की टीम ने पाया काबू
घटना की सूचना मिलते ही लातेहार अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लगभग डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। फायर ब्रिगेड अधिकारियों का कहना है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है। चूंकि हॉस्टल भवन में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा इंतजाम नहीं थे, इसलिए आग तेजी से फैली।
छात्राओं में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद से हॉस्टल की छात्राओं में दहशत का माहौल है। कई छात्राएं रातभर डर के कारण सो नहीं पाईं। कुछ छात्राओं ने बताया कि जब आग लगी तो उन्हें लगा कि उनकी जान नहीं बचेगी। हालांकि शिक्षकों और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। जिला प्रशासन ने तुरंत सभी छात्राओं को पास के सरकारी स्कूल भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिया है।
जिला प्रशासन ने की जांच की घोषणा
लातेहार उपायुक्त ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की आशंका है, लेकिन विस्तृत जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि छात्राओं की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपायुक्त ने यह भी कहा कि सभी आवासीय विद्यालयों की विद्युत व्यवस्था और अग्नि सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जाएगी।
अभिभावकों की चिंता बढ़ी
इस घटना की खबर लगते ही छात्राओं के अभिभावकों में हड़कंप मच गया। दूर-दराज के गांवों से आए कई परिजन तुरंत विद्यालय पहुंचे और अपनी बेटियों की सुरक्षित होने की पुष्टि की। कुछ अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि अगर आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता तो बड़ी त्रासदी हो सकती थी।
लाखों का सामान खाक
हॉस्टल के अंदर रखे लकड़ी के बेड, गद्दे, किताबें, यूनिफॉर्म और बच्चों का व्यक्तिगत सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया। विद्यालय प्रशासन का कहना है कि लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार और प्रशासन से मदद मिलने के बाद बच्चों को दोबारा जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाएगा।
भविष्य में सुरक्षा के उपाय
इस हादसे ने आवासीय विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रावासों में अग्निशमन यंत्र, आपातकालीन निकास द्वार और नियमित विद्युत जांच की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। घटना के बाद जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी छात्रावासों को सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने का निर्देश जारी किया है।
बड़ी त्रासदी टली
यह घटना लातेहार जिले के लिए एक बड़ा सबक है। अगर स्टाफ और स्थानीय लोगों की तत्परता न होती तो सैकड़ों छात्राओं की जान पर बन आती। अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वे आवासीय विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि बच्चों की सुरक्षा केवल प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी भी है। समय रहते उठाए गए कदमों ने लातेहार में एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया, लेकिन यह भी सच है कि इस हादसे ने आगाह कर दिया है—सुरक्षा में एक छोटी-सी चूक भी भारी पड़ सकती है।