
लातेहार जिले से बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बने उग्रवादियों पर अब नकेल कसनी शुरू हो गई है। झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के कुख्यात जोनल कमांडर रविंद्र यादव ने आखिरकार सरेंडर कर दिया। इस सरेंडर को लातेहार पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
कौन है जोनल कमांडर रविंद्र यादव?
रविंद्र यादव उर्फ मास्टर कई उग्रवादी घटनाओं में शामिल रहा है। पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, उसके खिलाफ कई जिलों में एक दर्जन से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे। लातेहार, गढ़वा, पलामू और चतरा जिलों में उसकी सक्रियता ने लंबे समय तक दहशत का माहौल बनाए रखा था। उस पर लाखों रुपये का इनाम भी घोषित था।
क्यों किया सरेंडर?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लगातार चल रही विशेष नक्सल उन्मूलन अभियान, बढ़ते दबाव और पुलिस की रणनीतिक कार्ययोजना के कारण उसने हथियार डालने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस की तरफ से उसे मुख्यधारा में लौटने के लिए कई बार समझाया गया था। इसके अलावा, सरकार की पुनर्वास नीति ने भी उसे सरेंडर करने के लिए प्रेरित किया।
सरेंडर के वक्त क्या हुआ?
लातेहार जिला मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उसने अपने हथियार अधिकारियों के सामने रख दिए। मौके पर मौजूद पुलिस कप्तान और CRPF के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का भरोसा दिलाया। इस दौरान कई स्थानीय लोग और मीडिया प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
सरेंडर का प्रभाव – इलाके में राहत की सांस
JJMP लंबे समय से लातेहार और आसपास के जिलों में लेवी वसूलने, धमकी, अपहरण और हत्या जैसी वारदातों में लिप्त था। रविंद्र यादव जैसे बड़े कमांडर के सरेंडर के बाद न केवल संगठन को बड़ा झटका लगा है बल्कि इलाके के लोगों ने भी राहत की सांस ली है।
सरकार की सरेंडर और पुनर्वास नीति का असर
झारखंड सरकार ने उग्रवादियों को हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए विशेष पुनर्वास नीति बनाई है। इसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को आर्थिक सहायता, सुरक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, रविंद्र यादव को भी इस योजना के तहत लाभ दिए जाएंगे।
रविंद्र यादव के अपराध – पुलिस रेकॉर्ड में दर्ज खौफनाक घटनाएं
पुलिस गश्ती दल पर हमला और विस्फोट
ठेकेदारों से लेवी वसूली
जंगलों में हथियारबंद प्रशिक्षण
सरकारी विकास कार्यों में बाधा डालना
ग्रामीणों को डराकर अपने संगठन में भर्ती करना
स्थानीय लोगों ने जताई उम्मीद
गांव के लोगों ने कहा कि इस सरेंडर से इलाके में शांति और विकास के रास्ते खुलेंगे। लंबे समय से भय के साये में जी रहे ग्रामीण अब उम्मीद कर रहे हैं कि सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों का विकास तेजी से होगा।
पुलिस की रणनीति बनी कारगर
पुलिस ने बताया कि हाल के महीनों में नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए कई सर्च ऑपरेशन और इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर कार्रवाई की गई। इससे संगठन की कमर टूटने लगी। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में और भी उग्रवादी सरेंडर कर सकते हैं।
सरेंडर के बाद क्या होगा?
रविंद्र यादव को सरकार की नीति के तहत सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाएगा। उसे समाज में पुनः स्थापित करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार मुहैया कराया जाएगा। साथ ही, उस पर चल रहे मुकदमों की सुनवाई न्यायालय के दिशा-निर्देशों के तहत होगी।
भविष्य के लिए संदेश
इस सरेंडर से एक बड़ा संदेश गया है कि हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वालों के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं। पुलिस ने भी अन्य उग्रवादियों से अपील की है कि वे हथियार छोड़कर शांति और विकास की राह चुनें।
लातेहार में JJMP के जोनल कमांडर रविंद्र यादव का सरेंडर राज्य में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस कदम से जहां संगठन को कमजोर करने में मदद मिलेगी, वहीं स्थानीय लोग भी भयमुक्त वातावरण में अपनी जिंदगी को नए सिरे से संवार सकेंगे।