
नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बार फिर से देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के पाकिस्तान कनेक्शन का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग हथियार और गोलाबारूद की सप्लाई पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए मंगवाता था। इस सनसनीखेज खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया विभागों की चिंता और बढ़ा दी है।
गैंग के करीबी और शूटर मयंक सिंह ने पूछताछ के दौरान यह स्वीकार किया है कि गिरोह की हथियार सप्लाई लाइन पाकिस्तान से जुड़ी हुई थी। कई बार पंजाब और राजस्थान बॉर्डर के रास्ते ड्रोन से हथियार गिराए जाते थे और फिर गैंग के शूटर उन्हें उठाकर अपने ठिकानों तक पहुंचाते थे।
गिरोह और पाकिस्तान के बीच हथियारों की तस्करी
सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई गिरोह पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकी संगठनों और ISI से भी संपर्क में रहा है। तस्करी का पूरा नेटवर्क सीमा पार से ड्रोन तकनीक पर आधारित था। रात के अंधेरे में पाकिस्तान से उड़ाए गए ड्रोन भारतीय सीमा में घुसकर हथियार, ग्रेनेड और नकली करेंसी गिराते थे।
इन हथियारों का इस्तेमाल गैंगस्टर अपने विरोधियों की हत्या, रंगदारी वसूलने और तस्करी को सुरक्षित बनाने के लिए करता था। इससे साफ है कि बिश्नोई गैंग केवल आपराधिक गतिविधियों तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक संगठित आतंकी नेटवर्क की तरह काम कर रहा था।
मयंक सिंह का कबूलनामा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जब मयंक सिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ की, तब उसने खुलासा किया कि—
पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार गिराए जाते थे।
गिरोह के सदस्य पहले से तय जगहों पर मौजूद रहते और हथियार उठाते।
हथियारों को आगे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में सप्लाई किया जाता था।
गिरोह की फंडिंग का एक हिस्सा भी पाकिस्तान से आता था।
इस बयान के बाद जांच एजेंसियों ने पूरे नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग: आपराधिक साम्राज्य
लॉरेंस बिश्नोई का नाम सबसे पहले बॉलीवुड सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुआ। उसके बाद से वह भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों की लिस्ट में शामिल हो गया।
गैंग की विशेषताएं:
हथियारों की अवैध सप्लाई।
अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स नेटवर्क से कनेक्शन।
हाई-प्रोफाइल हत्याएं और फिरौती वसूली।
पाकिस्तान और कनाडा स्थित गैंगस्टरों से गठजोड़।
पाकिस्तान की भूमिका और सुरक्षा पर खतरा
पाकिस्तान लंबे समय से भारत में अशांति फैलाने के लिए आतंकी संगठनों और ड्रग तस्करी का सहारा लेता रहा है। अब गैंगस्टरों को हथियार सप्लाई कराना एक नई रणनीति मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गैंग और आतंकी संगठनों के बीच यह गठजोड़ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। हथियारों का इस्तेमाल न सिर्फ आपराधिक गतिविधियों बल्कि आतंकी हमलों में भी किया जा सकता है।
एजेंसियों की कार्रवाई और आगे की रणनीति
एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और पंजाब पुलिस इस मामले की संयुक्त जांच कर रही हैं। कई बार बॉर्डर इलाकों में ड्रोन गिराए जा चुके हैं। सुरक्षा बलों ने हथियारों और नकली करेंसी की बड़ी खेप जब्त की है।
सरकार अब ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम, सीमा पर नाइट विजन कैमरे और नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा रही है ताकि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार मंगवाना इस बात का सबूत है कि अपराध और आतंकवाद का नेटवर्क अब पहले से ज्यादा खतरनाक हो गया है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
भारत के लिए यह जरूरी है कि न केवल गिरोह के सक्रिय सदस्यों को पकड़ा जाए बल्कि उनके विदेशी सप्लायर और फंडिंग नेटवर्क को भी ध्वस्त किया जाए।