
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जहां अवैध रूप से घर में पटाखा बनाने के दौरान जोरदार ब्लास्ट हो गया। धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि आसपास के मकानों की खिड़कियां तक हिल गईं और कई लोग घायल हो गए। इस हादसे ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोग अब यहां रहने से डरने लगे हैं।
कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब घर के भीतर पटाखों की टेस्टिंग की जा रही थी। अचानक एक चिंगारी ने सभी सामग्री को आग लगा दी और कुछ ही सेकेंड में जोरदार धमाका हो गया। धमाका इतना तेज था कि पूरे मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई।
मां ने बेटे को बचाया, खुद झुलसी
हादसे में एक दिल दहला देने वाला दृश्य भी देखने को मिला। धमाके के समय जब आग तेजी से फैलने लगी, तो एक मां ने अपने मासूम बेटे को बचाने के लिए उसे सीने से लगाकर ढक लिया। इस दौरान मां गंभीर रूप से झुलस गई, जबकि बच्चे की जान बच गई। मां को फिलहाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
धमाके की गूंज से सहमे लोग
धमाका होते ही आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। कई लोगों ने अपने घर खाली कर दिए। स्थानीय निवासी संजय वर्मा ने कहा, “हमने कभी सोचा भी नहीं था कि यहां पटाखे बन रहे हैं। अब बच्चों को लेकर डर लग रहा है।”
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने के बाद पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया। लखनऊ पुलिस के एसीपी ने बताया कि यह पटाखा निर्माण अवैध था और घर के भीतर बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री रखी गई थी। फिलहाल मलबे को हटाया जा रहा है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
कितने लोग घायल, कितनी मौतें?
धमाके में अब तक 4 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, घायलों का इलाज जारी है। किसी की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन दो लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
पड़ोसियों का गुस्सा और डर
इलाके के लोगों का कहना है कि कई दिनों से घर में अजीब सी गंध आ रही थी। कुछ लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी भी दी थी, लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं हुई। अब लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर सख्त रोक लगाई जाए।
सरकार क्या कर रही है?
राज्य सरकार ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने और अवैध पटाखा फैक्ट्रियों पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने फैक्ट्री संचालक सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में छापेमारी कर रही हैं।
पटाखा हादसों से सीख क्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों के अवैध निर्माण में बारूद का सही अनुपात न होने से विस्फोट का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। घरों में बिना लाइसेंस और सुरक्षा उपायों के पटाखे बनाना कानूनन अपराध है और इससे न सिर्फ जान-माल का नुकसान होता है, बल्कि पूरे मोहल्ले की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।