
देवघर। शारदीय नवरात्र के आठवें दिन मंगलवार को महाष्टमी के अवसर पर देवघर शहर भक्ति और श्रद्धा में डूबा रहा। सुबह से ही शहर के सभी पूजा पंडालों, बेदी घरों और मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने माता के आठवें रूप महागौरी की भव्य पूजा-अर्चना की और परिवार की सुख-समृद्धि व मंगल कामना की।
महागौरी की पूजा का महत्व
नवरात्र की अष्टमी तिथि को शास्त्रों में विशेष महत्व प्राप्त है। मान्यता है कि इस दिन मां भगवती की पूजा करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। मंगलवार को महाष्टमी के मौके पर शहरभर के पूजा पंडालों और मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं।
सुहागिन महिलाओं ने इस अवसर पर डलिया चढ़ाकर मां भगवती की पूजा की। बेदी घरों में डलिया चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की कतारें एक किलोमीटर से अधिक लंबी देखी गईं। हर उम्र के लोग—बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग—मां भगवती के दर्शन कर अपने जीवन और परिवार की मंगल कामना करते रहे।
51 स्थानों पर दुर्गा पूजा का आयोजन
देवघर शहर में इस वर्ष कुल 51 स्थानों पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इनमें प्रमुख स्थानों में बाबा मंदिर भीतरखंड कार्यालय स्थित दुर्गा मंदिर, बाबा मंदिर पूर्व गेट स्थित खरीदार घर, बांग्ला पर भीतर पड़ा भैयादलान, डोम स्थित दुर्गा मंदिर, बिलासी सिद्ध दुर्गाबाड़ी मंदिर और बैद्यनाथपुर दुर्गा मंदिर शामिल हैं।
इसके अलावा कृष्णापुरी, ऊपर बिलासी, गौशाला, धोबिया टोला, जय हिंद क्लब, विजय मार्टिन, बैद्यनाथ लेन और भूरभुरा चौक स्थित हृदय पीठ दुर्गा मंदिर सहित कई जगहों पर मां भगवती की पूजा-अर्चना की गई। पूरे शहर में भक्ति और उल्लास का माहौल छाया रहा।
महाष्टमी पर भक्ति का अनूठा दृश्य
सुबह से लेकर देर शाम तक सभी पूजा पंडालों और मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही। सजावट से सजे पंडालों में मां भगवती का भव्य रूप देखने को मिला। मां के दर्शन के लिए भक्त बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ पहुंचे। इस दौरान ढोल-नगाड़े, शंख और घंटियों की ध्वनि से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
अन्नपूर्णा अष्टमी पर उमड़ी भीड़
महाष्टमी के साथ ही देवघर में अन्नपूर्णा अष्टमी का भी विशेष आयोजन किया गया। बाबा मंदिर परिसर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्तों ने माता अन्नपूर्णा की पूजा कर अपने घर में अन्न-समृद्धि की कामना की।
महिलाओं ने परंपरागत तरीके से माता को वस्त्र और अन्न अर्पित किया। मान्यता है कि अन्नपूर्णा अष्टमी पर माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और समृद्धि बनी रहती है।
श्रद्धालुओं की आस्था और भीड़
अन्नपूर्णा मंदिर में अष्टमी के दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। भक्तों ने माता के चरणों में प्रसाद और नैवेद्य अर्पित किए। महिलाओं ने विशेष रूप से अपने परिवार की समृद्धि और जीवन में सुख-शांति की कामना की।
पूरे बाबा मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ और धार्मिक माहौल देखने लायक था। अन्नपूर्णा मंदिर की सजावट और माता का रूप भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।
देवघर में नवरात्र का उल्लास
देवघर को शिव और शक्ति की नगरी कहा जाता है। यहां हर वर्ष शारदीय नवरात्र का आयोजन धूमधाम से होता है। इस बार भी शहर के विभिन्न मोहल्लों और पंडालों में नवरात्र की छटा देखते ही बन रही है। जगह-जगह भक्ति गीतों और दुर्गा स्तुति की गूंज सुनाई दी।
सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस भी मुस्तैद दिखी। सभी प्रमुख पूजा पंडालों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी, ताकि भक्त शांतिपूर्ण तरीके से मां के दर्शन कर सकें।
महाष्टमी और अन्नपूर्णा अष्टमी के अवसर पर देवघर में श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। मां महागौरी और माता अन्नपूर्णा की भव्य पूजा-अर्चना ने पूरे शहर को धार्मिक ऊर्जा से भर दिया।
देवघर के पूजा पंडालों और मंदिरों में उमड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि नवरात्रि केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक है।