
शिकोहपुर जमीन घोटाले में बड़ी कार्रवाई: रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी की चार्जशीट, 43 प्रॉपर्टी अटैच।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बहुचर्चित शिकोहपुर लैंड स्कैम मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ बड़ी कानूनी कार्रवाई की है। ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा समेत कुल 11 लोगों और कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इनमें वाड्रा की कंपनी Skylight Hospitality Pvt. Ltd. भी शामिल है। इस चार्जशीट में ईडी ने 43 संपत्तियों को अटैच करने का उल्लेख किया है।
हालांकि कोर्ट ने अभी इस चार्जशीट पर औपचारिक रूप से संज्ञान नहीं लिया है, लेकिन इस कानूनी कदम से रॉबर्ट वाड्रा और उनके करीबी सहयोगियों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।
क्या है शिकोहपुर जमीन घोटाला?
यह मामला साल 2008 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी द्वारा हरियाणा के गुरुग्राम (पुराना गुड़गांव) के सेक्टर-83 स्थित शिकोहपुर गांव में जमीन की खरीद से जुड़ा है। आरोप है कि वाड्रा की कंपनी Skylight Hospitality ने लगभग 3.53 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी, लेकिन इस सौदे में कई अनियमितताएं सामने आई हैं।
ईडी का आरोप है कि इस जमीन की खरीद के दौरान फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी का सहारा लिया गया। इसके साथ ही, यह भी आरोप है कि कंपनी ने तत्कालीन सरकार में अपने प्रभाव और रसूख का इस्तेमाल करते हुए कमर्शियल कॉलोनी का लाइसेंस भी हासिल कर लिया।
किसका था शासनकाल?
जब यह सौदा हुआ, उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे। आरोपों के अनुसार, इसी शासनकाल में वाड्रा की कंपनी को न केवल जमीन की मंजूरी मिली, बल्कि उसे बाद में बढ़ी हुई कीमत पर अन्य कंपनियों को बेचकर भारी मुनाफा भी कमाया गया।
क्या कहती है ईडी की जांच?
ईडी की जांच के अनुसार, यह सौदा न केवल गंभीर धोखाधड़ी और बेनामी लेनदेन से जुड़ा हुआ है, बल्कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के भी सबूत मिले हैं। इसी आधार पर ईडी ने 43 संपत्तियां अटैच की हैं, जो वाड्रा और उनकी कंपनियों के नाम पर दर्ज हैं।
ईडी का मानना है कि ये संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अवैध रूप से अर्जित की गई हैं, और इन्हें जब्त कर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा।
राजनीतिक हलचल तेज
ईडी की इस कार्रवाई के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दल इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रहे हैं, जबकि भाजपा इसे कानून के मुताबिक कार्रवाई बता रही है।
हालांकि रॉबर्ट वाड्रा या उनकी ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
आगे की प्रक्रिया
अब अदालत यह तय करेगी कि ईडी की चार्जशीट पर कब संज्ञान लिया जाए और आगे की कानूनी प्रक्रिया कैसे चले। अगर अदालत चार्जशीट को स्वीकार कर लेती है, तो रॉबर्ट वाड्रा और अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया जा सकता है।
शिकोहपुर जमीन घोटाले को लेकर लंबे समय से जांच चल रही थी, लेकिन अब ईडी की इस सख्त कार्रवाई से यह मामला एक नए कानूनी मोड़ पर पहुंच गया है, जो रॉबर्ट वाड्रा के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।