मुर्शिदाबाद में आयोजित एक विशाल जनसभा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर तीखा हमला बोला। सभा में भारी भीड़ मौजूद थी और लोगों की आवाजाही से मैदान खचाखच भरा नज़र आया। जनता के बीच पहुंचकर ममता ने केंद्र की नीतियों, SIR मुद्दे और चुनावी सियासत पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर ऐसी नीतियां थोप रही है, जो राज्य के लोगों में भ्रम और तनाव पैदा कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने सबसे बड़ा सवाल यह उठाया कि आखिर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले ही SIR को क्यों लागू किया गया? उन्होंने कहा कि इसका समय चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसे राज्य की जनता बखूबी समझती है। उनके मुताबिक, “SIR कोई सामान्य नियम नहीं बल्कि एक राजनीतिक हथकंडा है, जिसे केंद्र सरकार बंगाल की शांति और स्थिरता के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।”
केंद्र सरकार पर सियासी हमला
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य की स्वायत्तता का सम्मान नहीं कर रही और ऐसे फैसले ले रही है जिनका फायदा केवल बीजेपी को चुनावी मैदान में मिल सके। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्र ने राज्य में चुनावों से ठीक पहले विवादित कदम उठाए हों।
उन्होंने कहा, “दिल्ली की सरकार को बंगाल की संस्कृति, हमारी जमीन की राजनीति और हमारे लोगों की भावना समझने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर दिलचस्पी होती तो चुनाव से इतने कम समय पहले SIR जैसे नियम को लागू नहीं किया जाता। इसका लक्ष्य साफ है—राज्य में भ्रम फैलाना और डर का माहौल बनाना।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि SIR का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है और इसका असर जमीनी स्तर पर लोगों की मानसिक स्थिति पर पड़ रहा है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि “केंद्र सरकार को जनता के मुद्दों से मतलब नहीं है, उसे सिर्फ अपनी राजनीति साधनी है।”
SIR को लेकर उठाए गंभीर सवाल
ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि SIR लागू होने के बाद राज्य में तनाव और भय का माहौल पैदा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR की वजह से पहले ही कई लोग तनाव और डर के कारण प्रभावित हुए हैं और समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
उन्होंने कहा, “जब चुनाव सिर पर हों और जनता पहले ही आर्थिक समस्याओं से जूझ रही हो, तब ऐसे निर्णय केवल नुकसान पहुंचाते हैं। SIR से जनता का भला नहीं, बल्कि राजनीतिक फ़ायदा लेने की कोशिश स्पष्ट नजर आती है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र ने SIR पर राज्य सरकार को विश्वास में नहीं लिया और न ही स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। इससे पंचायत स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक असमंजस की स्थिति बनी रही।
बीजेपी पर तीखा वार
अपने वक्तव्य में ममता बनर्जी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी जब भी चुनावों के करीब आती है, तो राज्य में विवाद और तनाव पैदा करने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि बंगाल शांति का प्रदेश है और यहां की जनता राजनीतिक तनाव पसंद नहीं करती।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी बंगाल की सामाजिक संरचना को कमज़ोर करने का प्रयास कर रही है। “दिल्ली की सरकार अपने फायदे के लिए बंगाल की जनता को मुश्किल में डाल रही है। SIR सिर्फ एक उदाहरण है। इससे पहले भी CAA, NRC और तरह-तरह की योजनाओं से केंद्र सरकार ने लोगों को डराने की कोशिश की है,” उन्होंने कहा।
जनता से किया शांति बनाए रखने का आह्वान
ममता बनर्जी ने सभा में मौजूद लोगों से अपील की कि वे किसी भी उकसावे में न आएं और राज्य की शांति को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि बीजेपी की राजनीति नफरत पर आधारित है, लेकिन बंगाल की संस्कृति प्यार, भाईचारे और एकता की मिसाल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आने वाले चुनावों में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी और SIR को लेकर केंद्र की मंशा पर सवाल उठाएगी। उन्होंने दावा किया कि बंगाल की जनता इस तरह के कदमों को अच्छी तरह समझती है और आने वाले चुनावों में इसका जवाब देगी।
विकास कार्यों का किया जिक्र
अपने भाषण में ममता बनर्जी ने राज्य में चल रहे विकास कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि TMC सरकार ने बीते कई वर्षों में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सुरक्षा और सामाजिक सुविधाओं को मजबूत किया है।
उन्होंने कहा, “राज्य की जनता जानती है कि किसने उनके लिए काम किया है और कौन चुनावों से पहले सिर्फ वादों का पुलिंदा लेकर आता है। बंगाल विकास चाहता है, विवाद नहीं।”
आखिर क्या है SIR विवाद?
जनसभा में तरह-तरह की चर्चाओं के बीच SIR मुद्दा प्रमुखता से बना रहा। मुख्यमंत्री ने लोगों को बताया कि यह नियम अचानक लागू कर दिया गया और इससे कई गलतफहमियां फैल रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके प्रभावों की समीक्षा कर रही है और जरूरत पड़ने पर केंद्र से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग भी कर सकती है।
सियासी तापमान और बढ़ने की आशंका
चुनाव नजदीक हैं और सभी दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। ऐसे में ममता बनर्जी के इस बयान से राजनीतिक माहौल और गरम होने की संभावना है। बीजेपी इस बयान का पलटवार कर सकती है और SIR को लेकर अपनी सफाई भी दे सकती है।
फिलहाल मुर्शिदाबाद की यह रैली साबित करती है कि पश्चिम बंगाल की राजनीति चुनावी मोड में प्रवेश कर चुकी है और आने वाले दिनों में सियासी बयानबाज़ी और तेज़ होगी।
