
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के 126वें एपिसोड को संबोधित किया। इस बार के संबोधन में उन्होंने महिलाओं की उपलब्धियों, त्योहारों की खुशियों और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि छठ पूजा और दिवाली जैसे बड़े पर्व नजदीक हैं और इस दौरान हमें देशी उत्पादों को प्राथमिकता देकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।
सागर परिक्रमा करने वाली दो अफसरों का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारतीय महिलाओं की शक्ति और साहस की मिसाल से की। उन्होंने उन दो अफसरों का उल्लेख किया जिन्होंने भारतीय नौसेना की सागर परिक्रमा पूरी कर देश का नाम रोशन किया। पीएम मोदी ने कहा कि देश की बेटियां हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रही हैं। उन्होंने इन अफसरों के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।
त्योहारों का जिक्र – छठ पूजा और दिवाली
संबोधन में पीएम मोदी ने आने वाले त्योहारों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराएं हमारे पर्वों में झलकती हैं। नवरात्रि के बाद दशहरा, दीपावली और छठ पूजा जैसे पर्व देशवासियों के जीवन में उत्साह और एकजुटता लेकर आते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि त्योहार केवल आनंद के लिए नहीं बल्कि समाज और परिवार को जोड़ने वाले अवसर भी होते हैं।
स्वदेशी खरीदने की अपील
पीएम मोदी ने एक बार फिर ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर देते हुए कहा कि दिवाली और छठ पूजा पर बाजारों में रौनक रहती है। ऐसे समय में हमें अपने कारीगरों, किसानों और स्थानीय उत्पाद बनाने वालों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे दीपावली पर मिट्टी के दिए जलाएं, खादी और हैंडलूम के कपड़े खरीदें और देशी खिलौने व सामान को प्राथमिकता दें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी देशवासी लोकल खरीदकर त्यौहारों को खास बनाएंगे। उन्होंने कहा, “जब हम स्वदेशी उत्पाद खरीदते हैं तो सिर्फ एक वस्तु नहीं लेते बल्कि किसी किसान, कारीगर और मजदूर की मेहनत को सम्मान देते हैं।”
जनभागीदारी और सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि त्योहारों के दौरान हमें स्वच्छता और पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि प्लास्टिक से दूरी बनाएं और प्रदूषण कम करने में योगदान दें।
साथ ही उन्होंने दीपावली के मौके पर दीयों से घर और मोहल्ले को सजाने की परंपरा को पर्यावरण हितैषी बताते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति की खूबसूरती है।
महिला शक्ति और प्रेरणा
सागर परिक्रमा का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। खेल से लेकर सेना और विज्ञान तक, भारतीय बेटियां अपनी मेहनत से देश का नाम रोशन कर रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण नए भारत की सबसे बड़ी ताकत है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि आज दुनिया भारत को एक सशक्त, आत्मनिर्भर और नेतृत्वकारी राष्ट्र के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, परंपराएं और लोकल उत्पाद दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
‘मन की बात’ से जुड़ी खास बातें
126वें एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी उत्पादों के महत्व पर जोर दिया।
महिलाओं की सागर परिक्रमा जैसी उपलब्धियों की सराहना की।
छठ पूजा और दिवाली को पर्यावरण अनुकूल और लोकल आधारित तरीके से मनाने की अपील की।
स्वच्छता और जनभागीदारी को सामाजिक जिम्मेदारी बताया।
प्रधानमंत्री मोदी का मन की बात का यह एपिसोड पूरी तरह से प्रेरणा, संस्कृति और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित रहा। आने वाले त्योहारों के मद्देनजर उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश दोहराते हुए लोगों को भारतीय उत्पाद अपनाने की अपील की। यह संदेश केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक गौरव और पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ा हुआ है।
त्योहारों की रौनक और महिला शक्ति का यह संगम देश को नए आत्मविश्वास और ऊर्जा से भरता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय अगर लोकल को ग्लोबल बनाने का संकल्प ले तो भारत निश्चित रूप से विश्व मंच पर नई ऊंचाइयों को छुएगा।