नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर में मनाए जा रहे छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं और कहा कि छठ पूजा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि प्रकृति, पर्यावरण और मातृ शक्ति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। पीएम मोदी ने कहा, “छठ पर्व हमारी परंपरा और संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार नदियों, सूर्य और पर्यावरण की महत्ता को दर्शाता है। मैं सभी देशवासियों को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।”
‘वोकल फॉर लोकल’ की मिली नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि इस बार देशभर में त्योहारों के दौरान स्वदेशी वस्तुओं की जबरदस्त खरीददारी हुई है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश की मजबूत होती सोच को दर्शाता है।उन्होंने बताया कि दीपावली, दशहरा, नवरात्र और अब छठ जैसे त्योहारों में लोगों ने बड़ी संख्या में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को प्राथमिकता दी है। पीएम ने कहा, “जब हम स्वदेशी उत्पाद खरीदते हैं तो केवल सामान नहीं, बल्कि किसी भारतीय के परिश्रम को भी सम्मान देते हैं।” मोदी ने कहा कि छोटे दुकानदार, स्थानीय कारीगर, बुनकर और शिल्पकार अब महसूस कर रहे हैं कि उनके उत्पादों को लोग पसंद कर रहे हैं। इससे ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को एक नई गति मिली है।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
पीएम मोदी ने छठ पूजा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने की सीख देता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज केवल नीति नहीं, बल्कि जीवन शैली का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा, “छठ पर्व में सूर्य उपासना और जल पूजा का संदेश यह है कि हम प्रकृति के साथ सामंजस्य रखकर ही आगे बढ़ सकते हैं। आने वाले समय में भारत को ‘ग्रीन एनर्जी’ और ‘क्लीन एनर्जी’ का वैश्विक केंद्र बनाना है।”
युवा पीढ़ी को नवाचार के लिए प्रेरित किया
मन की बात के इस एपिसोड में प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के युवा आज हर क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं, चाहे वह स्टार्टअप सेक्टर हो, स्पेस मिशन या डिजिटल टेक्नोलॉजी। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ के तहत हो रहे कामों की सराहना करते हुए कहा कि युवाओं की मेहनत से भारत आज विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे युवा भारत के भविष्य के निर्माता हैं। उन्हें अपने नवाचार से देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देना चाहिए।”
विज्ञान और तकनीक में भारत की प्रगति
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत अंतरिक्ष और रक्षा तकनीक में बड़ी प्रगति कर रहा है।उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत ने कई अंतरिक्ष अभियानों में सफलता हासिल की है और यह गर्व की बात है कि देश के वैज्ञानिक अब वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, “भारत के वैज्ञानिकों और नवाचारकर्ताओं ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
सामाजिक एकता और सद्भाव का संदेश
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सामाजिक एकता और सद्भाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता और एकता में है। उन्होंने कहा, “हमारा देश त्योहारों का देश है। हर त्योहार हमें जोड़ता है, समाज को एक साथ लाता है। छठ महापर्व भी इसका एक उदाहरण है, जो सामूहिकता और सहयोग की भावना को बढ़ाता है।”
मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि त्योहारों के दौरान स्वच्छता और पर्यावरण का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि यह समय केवल उत्सव का नहीं बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का भी है।
अंत में प्रधानमंत्री का संदेश
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों की सकारात्मक सोच और ऊर्जा ही भारत की असली शक्ति है। उन्होंने कहा, “जब देश का हर नागरिक देश की प्रगति में अपनी भूमिका निभाता है, तभी भारत विश्व गुरु बनने की ओर आगे बढ़ता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले महीनों में कई महत्वपूर्ण अवसर और त्योहार आने वाले हैं, और उन्हें विश्वास है कि देशवासी इन्हें उत्साह और सद्भाव के साथ मनाएंगे।
‘मन की बात’ का 127वां एपिसोड एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस भाव को दर्शाता है जिसमें वे जनसामान्य से जुड़कर देश के विकास, पर्यावरण, आत्मनिर्भरता और एकता की भावना को सशक्त करने का संदेश देते हैं।
छठ महापर्व की शुभकामनाओं से लेकर स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार तक, पीएम मोदी का यह संबोधन देश को आत्मनिर्भरता और संस्कृति के मेल की राह पर आगे बढ़ाने वाला साबित हुआ है।
