
हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। आज जब इस मंदिर में भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की जान चली गई, तो एक बार फिर लोगों के मन में यह सवाल उठा कि आखिर मनसा देवी मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है? इस मंदिर की महत्ता केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पौराणिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत विशेष मानी जाती है।
कहां स्थित है मनसा देवी मंदिर?
मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित है और यह मंदिर शिवालिक पर्वतमाला की बिल्व पर्वत की चोटी पर बना हुआ है। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर दर्शन के प्रमुख स्थलों में से एक होता है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हैं या फिर रोपवे (उड़न खटोला) की मदद लेते हैं। यह मंदिर हरिद्वार के पंच तीर्थों में भी शामिल है, जिसमें मनसा देवी, माया देवी, चंडी देवी, हर की पौड़ी और भीमगौड़ा कुंड आते हैं।
मनसा देवी कौन हैं?
मनसा देवी को नागों की देवी, सिद्धि की देवी और मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हें शक्ति की अवतार और महादेव की मानस पुत्री माना जाता है। ‘मनसा’ का अर्थ होता है ‘इच्छा’ या ‘मन की कामना’, और मान्यता है कि सच्चे मन से यहां प्रार्थना करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है।
पौराणिक कथा क्या है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मनसा देवी का जन्म भगवान शिव की इच्छा शक्ति से हुआ था, ताकि वह नागों को नियंत्रित कर सकें और मानव जाति की रक्षा कर सकें। एक अन्य कथा के अनुसार, देवी मनसा महर्षि कश्यप की पुत्री थीं और उन्हें भगवान शंकर की तपस्या से सिद्धि प्राप्त हुई थी।
कहते हैं कि उन्होंने घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और वरदान में लोगों की मनोकामना पूर्ण करने की शक्ति प्राप्त की। यही कारण है कि भक्तगण देवी के दर्शन कर अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं और मंदिर में नारियल, चुनरी व धागा चढ़ाते हैं।
क्या है मंदिर की विशेषता?
मंदिर के गर्भगृह में देवी की मूर्ति के दर्शन के साथ भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना करते हैं।
यहां पर श्रद्धालु एक विशेष पेड़ पर धागा बांधते हैं, जिससे उनकी प्रार्थना देवी तक पहुंचे और वह पूरी हो।
मनसा देवी मंदिर से हरिद्वार का विहंगम दृश्य भी देखा जा सकता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक और आकर्षण है।
नवरात्रि में होती है विशेष भीड़
नवरात्रि, श्रावण मास और अन्य त्योहारों के दौरान यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। विशेष पूजा, हवन और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
मनसा देवी मंदिर की प्रसिद्धि का कारण
आस्था और विश्वास का अद्भुत संगम
मनोकामना पूर्ण करने की मान्यता
पौराणिक आधार और शिव-पार्वती से जुड़ा इतिहास
हरिद्वार की पंच तीर्थ यात्राओं का एक अनिवार्य हिस्सा
मनसा देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। यहां आने वाले भक्तों की आँखों में आस्था और मन में उम्मीद होती है। यही कारण है कि हरिद्वार की यह पवित्र भूमि हजारों वर्षों से श्रद्धा, विश्वास और भक्ति की लौ जलाए हुए है।
Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य जानकारी प्रदान करना है, न कि किसी प्रकार की अंधविश्वास को बढ़ावा देना।