मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। वर्ष 2025 की यह आखिरी पूर्णिमा आज 4 दिसंबर को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रदेव, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मार्गशीर्ष को अगहन मास भी कहा जाता है, और इस पूर्णिमा को ‘अगहन पूर्णिमा’ या ‘बत्तीसी पूर्णिमा’ के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना बढ़कर मिलता है, इसलिए श्रद्धालु स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष ध्यान रखते हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है – “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात् महीनों में मार्गशीर्ष सबसे श्रेष्ठ है। इसी कारण इस महीने की पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ उनके कृष्ण स्वरूप की पूजा का विशेष विधान बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चंद्रदेव भी इस पूर्णिमा को अमृतमय हो जाते हैं, इसलिए चंद्रमा की उपासना से मन में शांति और सौभाग्य का आगमन होता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का अत्यधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। कहा जाता है कि इस तिथि पर किया गया दान सामान्य दिनों की अपेक्षा 32 गुना अधिक फल देता है। इसी वजह से श्रद्धालु इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, अनाज और दक्षिणा प्रदान करते हैं। धार्मिक मान्यताओं में यह भी कहा गया है कि यदि इस दिन कुछ विशेष गलतियां की जाएं, तो माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और जीवन में आर्थिक एवं मानसिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।
आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किन कार्यों को करने से अवश्य बचना चाहिए और क्यों यह तिथि विशेष महत्व रखती है।
पूर्णिमा के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां
1. बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से बचें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन बाल, दाढ़ी या नाखून काटने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। ऐसा करने से दरिद्रता बढ़ सकती है और लक्ष्मी कृपा में बाधा माना जाता है।
2. सुबह देर तक न सोएं
पूर्णिमा के दिन देर तक सोना अशुभ माना गया है। धार्मिक नियमों के अनुसार, इस तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और पूजा करने से पूरे महीने सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
3. तामसिक भोजन का सेवन न करें
अगहन पूर्णिमा के दिन मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित है। साथ ही शराब और किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों से दूरी रखना आवश्यक है, क्योंकि यह दिन सात्त्विक आचरण के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
4. गरीब या जरूरतमंद का अपमान न करें
पूर्णिमा के दिन किसी गरीब या अतिथि का अपमान करना अत्यंत अशुभ बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी कुपित हो जाती हैं और जीवन में आर्थिक बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
5. काले रंग के कपड़ों से परहेज करें
इस दिन काले रंग के वस्त्र पहनना शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और इससे मानसिक तनाव तथा जीवन में बाधाओं की वृद्धि हो सकती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
मार्गशीर्ष माह को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की विशेष पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। स्नान-दान करने वाले लोगों को सालभर सौभाग्य और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मिलता है। यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है।
Margashirsha Purnima 2025: साल की आखिरी पूर्णिमा पर क्या करें और क्या नहीं। जानें मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व, पूजा नियम और वे गलतियां जो माता लक्ष्मी को नाराज कर सकती हैं।
