
इंडोनेशिया में समुद्री हादसा: यात्री जहाज में लगी भीषण आग, 280 से अधिक लोग सवार, अफरातफरी का माहौल
तालिस द्वीप (इंडोनेशिया)। इंडोनेशिया से एक दिल दहला देने वाली समुद्री घटना सामने आई है। उत्तरी सुलावेसी के तालिस द्वीप के पास एक पैसेंजर जहाज में अचानक लगी आग से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। यह भीषण हादसा शनिवार को उस वक्त हुआ, जब “केएम बार्सिलोना वीए” नामक जहाज समुद्र में सफर कर रहा था। जहाज में सवार यात्रियों की संख्या 280 से अधिक बताई जा रही है। हादसे के बाद डरे-सहमे यात्री जान बचाने के लिए समुद्र में कूद पड़े।
हादसे के दौरान जहाज पर कई बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी मौजूद थे। आग की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चारों ओर धुंआ फैल गया और आग की लपटें तेजी से जहाज के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लेने लगीं। अचानक हुए इस हादसे से अफरा-तफरी मच गई और यात्रियों ने किसी तरह अपनी जान बचाने के लिए समुद्र में छलांग लगाना शुरू कर दिया।
यात्रियों ने मोबाइल में कैद किया खौफनाक मंजर
इस खतरनाक हादसे के कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें यात्रियों ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया। इन वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह लोग घबराकर समुद्र में कूदते जा रहे हैं और जहाज से धुआं और आग की लपटें उठ रही हैं। किसी ने तैरकर किनारे पहुंचने की कोशिश की, तो किसी ने जहाज पर ही सुरक्षित स्थान की तलाश की। बच्चों और महिलाओं की चीख-पुकार इस भयावहता को और भी डरावना बना रही थी।
बड़े पैमाने पर बचाव अभियान
इंडोनेशियाई खोज और बचाव एजेंसी (BASARNAS) ने इस हादसे के बाद तुरंत एक बड़े स्तर पर बचाव कार्य शुरू किया। नावों, हेलिकॉप्टरों और गश्ती दलों की मदद से समुद्र में कूदे यात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम तेजी से शुरू किया गया। राहत कार्य में स्थानीय मछुआरे और नौसैनिक बल भी जुटे हुए हैं।
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकांश यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। हालांकि, राहत एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि बचाव कार्य अभी जारी है और अंतिम पुष्टि के बाद ही यह बताया जा सकेगा कि सभी लोग सुरक्षित हैं या नहीं।
आग लगने का कारण अभी अज्ञात
अभी तक इस भीषण अग्निकांड के पीछे के कारणों का पता नहीं चल सका है। विशेषज्ञों की टीम हादसे की जांच में जुटी हुई है और जहाज के इंजन कक्ष, विद्युत प्रणाली और सुरक्षा उपकरणों की भी जांच की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि कहीं जहाज में मौजूद किसी तकनीकी गड़बड़ी या लापरवाही के कारण यह हादसा तो नहीं हुआ।
इंडोनेशियाई समुद्री परिवहन विभाग ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अगर इस हादसे में किसी प्रकार की मानवीय लापरवाही या सुरक्षा नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हादसे ने उठाए समुद्री सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा इंडोनेशिया में समुद्री परिवहन की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर रहा है। देश में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जहां यात्रियों से भरे जहाजों में अचानक आग लगने या तकनीकी खामी से हादसे हुए हैं। इंडोनेशिया, जो कि हजारों द्वीपों से घिरा हुआ देश है, वहां जल परिवहन का उपयोग आम है, लेकिन समय-समय पर सामने आने वाले हादसे ये दिखाते हैं कि सुरक्षा मानकों की सख्ती और निगरानी में अभी भी खामियां हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे जहाजों में नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट होना चाहिए और चालक दल को आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। यात्रियों के लिए पर्याप्त जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता और उनकी उपयोगिता की जानकारी देना भी जरूरी है।
यात्रियों और परिजनों में बेचैनी
हादसे की खबर फैलते ही जहाज में सवार लोगों के परिजनों की चिंता बढ़ गई। अनेक लोग बंदरगाह और राहत केंद्रों पर अपनों की तलाश में पहुंचे। बचाव दल द्वारा निकाले गए यात्रियों की पहचान की जा रही है और उन्हें प्राथमिक उपचार भी दिया जा रहा है। कई यात्रियों को सदमा लगा है और उन्हें मनोवैज्ञानिक परामर्श भी मुहैया कराया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस भयावह हादसे की खबर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियों में है। कई देशों ने इस पर चिंता जताई है और इंडोनेशियाई सरकार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। संयुक्त राष्ट्र के समुद्री संगठन (IMO) ने भी इस घटना पर दुख प्रकट किया है और जहाज सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया है।
इंडोनेशिया में हुआ यह जहाज हादसा एक बार फिर समुद्री सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करता है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह घटना न सिर्फ यात्रियों के लिए बल्कि सरकार और प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि अगर समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे हादसे फिर दोहराए जा सकते हैं। हादसे की विस्तृत जांच और भविष्य के लिए ठोस नीतियां ही इस तरह की त्रासदियों को रोक सकती हैं।