
इराक के कुट शहर में भीषण अग्निकांड: सपनों का मॉल बना मौत का फंदा, 60 की दर्दनाक मौत, प्रशासन पर उठे सवाल।
इराक के वासियों के लिए 16 जुलाई 2025 का दिन इतिहास के पन्नों में एक दर्दनाक हादसे के रूप में दर्ज हो गया, जब कुट शहर के एक नए खुले शॉपिंग मॉल में लगी भयावह आग ने 60 से अधिक लोगों की जान ले ली और 11 लोग अब भी लापता हैं। यह हादसा न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि मुनाफाखोरी की दौड़ में अक्सर जनसुरक्षा को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
पांच दिन पहले ही उद्घाटन हुआ था मॉल
इस हादसे को और भी दुखद बनाता है यह तथ्य कि जिस मॉल में यह दुर्घटना हुई, वह सिर्फ पांच दिन पहले ही आम जनता के लिए खोला गया था। रंग-बिरंगी रोशनी, आकर्षक डिस्काउंट और नई शुरुआत की उमंग में वहां सैकड़ों लोग खरीदारी और घूमने के लिए पहुंचे थे। लेकिन एक छोटी सी चिंगारी ने उस पूरे माहौल को तबाह कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि लोग जान बचाने के लिए दरवाजों और खिड़कियों की ओर भागे, लेकिन मॉल की डिजाइन और आपात निकासी के इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
मृतकों की पहचान में परेशानी
इराक की सरकारी समाचार एजेंसी INA और रॉयटर्स के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 60 शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से 59 की पहचान हो चुकी है, लेकिन एक शव बुरी तरह जल चुका है, जिससे उसकी पहचान कर पाना मुश्किल हो गया है।
मरने वालों में बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग और सुपरमार्केट के कर्मचारी शामिल हैं। कई परिवारों के सभी सदस्य एक साथ इस हादसे में मारे गए हैं, जिससे पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है।
प्रशासन और दमकल विभाग की देरी
घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन अग्निशमन व्यवस्था की कमी और मॉल की ऊंचाई के कारण आग पर काबू पाने में समय लगा। जब तक आग बुझाई गई, तब तक पूरी इमारत जलकर राख हो चुकी थी।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी, मालिक पर केस दर्ज
घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि मॉल में न तो पर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपकरण लगे थे और न ही आपात निकासी के लिए पर्याप्त द्वार थे। मॉल मालिक और प्रबंधन की ओर से आग लगने की स्थिति में कोई आपात योजना नहीं बनाई गई थी, जो इस हादसे की सबसे बड़ी वजह बनी।
इलाके के गवर्नर ने मॉल के मालिक और प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की पुष्टि की है। मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है।
लापता लोगों की तलाश जारी
फिलहाल 11 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ के मलबे में दबे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना और सुरक्षा बलों की मदद ली जा रही है। वहीं मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की गई है।
जनता में गुस्सा और शोक
इस हादसे के बाद कुट शहर में जनता का गुस्सा फूट पड़ा है। स्थानीय लोग मॉल प्रशासन और सरकारी एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। कई लोग इसे ‘पूर्व नियोजित लापरवाही’ बता रहे हैं और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा छाया हुआ है, जहां लोग प्रशासनिक चूक, निर्माण मानकों की अनदेखी और लापरवाही की आलोचना कर रहे हैं।
कुट का यह हादसा न केवल एक मौलिक त्रासदी है, बल्कि यह एक व्यवस्थागत विफलता की मिसाल भी है। यह घटना पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा के बगैर कोई भी विकास अधूरा और खतरनाक होता है।
जब तक मुनाफे की अंधी दौड़ में जनसुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक ऐसे हादसे दोहराते रहेंगे। कुट का मॉल अब इतिहास में सपनों के उजड़ने और प्रशासनिक असफलता के प्रतीक के रूप में जाना जाएगा।
सपनों की मंजिल, मौत की मंज़र बन गई — और 60 परिवारों की ज़िंदगी में हमेशा के लिए सन्नाटा भर गया।