
भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग में कई ऐसे प्रसंग रहे हैं, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं। बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले राजेश खन्ना ने 70 और 80 के दशक में अपने अभिनय से लाखों दिलों पर राज किया। उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ हमेशा सुर्खियों में रही। इन्हीं सुर्खियों में एक समय उनका नाम अभिनेत्री मौसमी चटर्जी के साथ भी जुड़ा। यह कोई रोमांटिक अफेयर नहीं, बल्कि एक विवाद था जिसने लंबे समय तक खबरों में जगह बनाई।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब राजेश खन्ना ने एक इंटरव्यू के दौरान मौसमी चटर्जी की प्रेग्नेंसी को लेकर एक भद्दा कमेंट कर दिया। उस दौर में यह बयान न केवल मीडिया की सुर्खियों में आया बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में भी हलचल मचा दी।
मौसमी चटर्जी, जो अपने समय की बेहतरीन और लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक थीं, ने इस पर चुप्पी साधने के बजाय करारा जवाब दिया। उन्होंने साफ कहा कि एक महिला की प्रेग्नेंसी को लेकर इस तरह के कमेंट करना न केवल असंवेदनशील है बल्कि यह किसी के निजी जीवन में हस्तक्षेप भी है। उनके इस बयान को महिला सम्मान और आत्मसम्मान के लिए बड़ा कदम माना गया।
राजेश खन्ना और मौसमी चटर्जी ने कई फिल्मों में साथ काम किया था। दोनों के बीच ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री अच्छी मानी जाती थी। लेकिन यह विवाद उनके रिश्तों में कड़वाहट का कारण बना। हालांकि, इस विवाद के बावजूद दोनों कलाकारों ने अपने पेशेवर रुख को प्राथमिकता दी और फिल्मों में साथ काम करना जारी रखा।
इस घटना ने बॉलीवुड के उस दौर की कार्यसंस्कृति और महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण पर भी सवाल खड़े किए। कई महिला कलाकारों ने मौसमी चटर्जी के समर्थन में आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि एक अभिनेत्री के निजी जीवन पर टिप्पणी करना गलत है और इससे उनकी पेशेवर छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
राजेश खन्ना का यह बयान आज भी बॉलीवुड के विवादित बयानों की सूची में शामिल है। हालांकि, बाद में उन्होंने इस मुद्दे पर सफाई दी थी कि उनका उद्देश्य मौसमी चटर्जी को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि उनका बयान मजाक के तौर पर दिया गया था। लेकिन तब तक यह विवाद तूल पकड़ चुका था।
मौसमी चटर्जी ने इस विवाद के बाद कई बार इंटरव्यू में कहा कि महिलाओं को अपने लिए आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि “अगर हम चुप रहेंगे तो ऐसे कमेंट्स देने वालों को लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।”
इस विवाद ने न केवल राजेश खन्ना की छवि को प्रभावित किया बल्कि यह भी दिखा दिया कि बॉलीवुड में महिलाओं को लेकर किस तरह की सोच उस समय प्रचलित थी। मौसमी चटर्जी ने इस पूरे मामले को एक सबक के तौर पर लिया और अपने अभिनय करियर पर ध्यान केंद्रित रखा।
आज भी जब राजेश खन्ना और मौसमी चटर्जी के करियर की चर्चा होती है, तो यह विवाद भी उसमें एक अध्याय के रूप में शामिल रहता है। हालांकि दोनों ही कलाकार अपनी-अपनी प्रतिभा और उपलब्धियों के लिए याद किए जाते हैं, लेकिन यह घटना उनके रिश्तों के इतिहास में एक कड़वी याद के रूप में दर्ज हो गई।
यह विवाद उस दौर के बॉलीवुड की सच्चाई को भी सामने लाता है, जब महिला कलाकारों को अपने हक के लिए खुलकर बोलना पड़ता था। मौसमी चटर्जी ने दिखा दिया कि वह सिर्फ पर्दे पर ही नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में भी मजबूत और आत्मनिर्भर महिला हैं।