
*महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसा विधायक का बेटा: भाजपा विधायक गोलू शुक्ला साथ थे; टोके जाने पर कर्मचारी को धमकाया
उज्जैन | महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, एक बार फिर विवादों में आ गया है। ताजा मामला भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे से जुड़ा है, जो रविवार को जबरन गर्भगृह में घुस गया। इस दौरान विधायक स्वयं भी मौजूद थे। नियमों के खिलाफ इस हरकत को रोकने की कोशिश जब मंदिर कर्मचारी ने की, तो उसे न केवल रोका गया बल्कि धमकाया भी गया।
घटना का पूरा विवरण
घटना उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की है, जहां पर आम श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह में प्रवेश सख्त नियमों और निर्धारित समय के अनुसार होता है। लेकिन रविवार को विधायक गोलू शुक्ला अपने बेटे और समर्थकों के साथ मंदिर पहुंचे। मंदिर प्रशासन के अनुसार, विधायक का बेटा बिना अनुमति सीधे गर्भगृह में घुस गया। जब ड्यूटी पर तैनात एक कर्मचारी ने उन्हें रोका, तो उसे राजनीतिक रसूख दिखाकर चुप रहने को कहा गया।
मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गर्भगृह में प्रवेश को लेकर मंदिर प्रशासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, लेकिन विधायक के बेटे ने VIP होने का हवाला देकर सीधे अंदर प्रवेश कर लिया।
कर्मचारी को मिली धमकी
घटना के समय मंदिर का एक कर्मचारी जब ड्यूटी के पालन में उन्हें रोकने पहुंचा, तो उसे कथित रूप से धमकाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि विधायक के बेटे ने गुस्से में आकर कहा – “तू जानता नहीं मैं कौन हूं। चुपचाप अपना काम कर, वरना देख लेना।”
इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गर्भगृह में अवैध प्रवेश और बहस की स्थिति देखी जा सकती है।
प्रशासन और पुजारियों की तीखी प्रतिक्रिया
मंदिर समिति के एक सदस्य ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके धार्मिक अनुशासन को तोड़ा गया। मंदिर कोई राजनीतिक मंच नहीं, बल्कि आस्था का केंद्र है।”
वहीं पुजारियों ने भी इसे आस्था का अपमान बताया और कहा कि “गर्भगृह केवल पुजारियों, विशेष अनुमति प्राप्त भक्तों या तीर्थ दर्शन हेतु नियमबद्ध श्रद्धालुओं के लिए होता है। इससे उल्लंघन करना शास्त्रों और परंपरा दोनों का अपमान है।”
कांग्रेस ने साधा निशाना
घटना के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता का अहंकार अब भगवान के घर तक जा पहुंचा है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने ट्वीट कर लिखा, “जब जनता की सेवा का संकल्प लेकर गए नेता मंदिर में भी नियमों को तोड़ने लगें, तो समझिए सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है।”
मंदिर प्रबंधन समिति की चुप्पी सवालों में
हालांकि वीडियो सामने आने के बाद भी मंदिर प्रबंधन ने अब तक कोई स्पष्ट कार्रवाई या बयान जारी नहीं किया है, जिससे आम श्रद्धालुओं में नाराजगी देखी जा रही है। कई लोगों का कहना है कि नियम सभी के लिए समान होने चाहिए, चाहे वह आम नागरिक हो या कोई जनप्रतिनिधि।
सुरक्षा और नियमों की उड़ रही धज्जियां
महाकाल मंदिर को हाल ही में ‘महाकाल लोक’ परियोजना के तहत हाईटेक सुरक्षा और नए व्यवस्थागत रूप में तैयार किया गया था। लेकिन लगातार सामने आ रहे ऐसे VIP हस्तक्षेप वाले मामले मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। इससे पहले भी कई बार VIP विजिटर्स द्वारा नियमों का उल्लंघन कर गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के मामले सामने आ चुके हैं।
श्रद्धालुओं की मांग – सख्त कार्रवाई हो
इस घटना के बाद आम श्रद्धालुओं का कहना है कि “अगर आम जनता को नियमों का पालन करना पड़ता है, तो VIP लोगों पर भी वही नियम लागू होने चाहिए। यह धार्मिक अनुशासन की बात है, राजनीति की नहीं।”
महाकालेश्वर जैसे धार्मिक स्थलों पर राजनीतिक हस्तक्षेप और रसूखदारी से हो रही अनुशासनहीनता चिंताजनक है। यह घटना न केवल मंदिर की परंपराओं का उल्लंघन है, बल्कि धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ भी है। सवाल यह है कि क्या इस पर कोई सख्त कार्रवाई होगी, या फिर यह भी एक और VIP कल्चर का हिस्सा बनकर रह जाएगा?