भोपाल, 13 नवंबर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जब बिहार में विधानसभा चुनाव चल रहे थे, तब राहुल गांधी राजनीति करने के बजाय मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में छुट्टियां मना रहे थे। मोहन यादव का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के चुनावी रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस को जनता से जुड़ने की बजाय “आराम और छुट्टियों की राजनीति” की आदत हो गई है। उन्होंने कहा कि जब देश के कई राज्यों में चुनावी माहौल गर्म है, तब कांग्रेस के शीर्ष नेता सैर-सपाटा कर रहे हैं।
मोहन यादव का आरोप — “जनता की समस्याओं से दूर हैं राहुल गांधी”
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ चुनाव आने पर सक्रिय होते हैं, और जब जनता को उनकी जरूरत होती है, तब वे विदेश या पहाड़ों की सैर पर निकल जाते हैं।
मोहन यादव ने कहा,
“राहुल गांधी को जनता से ज्यादा फोटोशूट और पिकनिक की चिंता रहती है। कांग्रेस पार्टी आज अपनी दिशा और दशा दोनों खो चुकी है।”
उन्होंने आगे कहा कि बिहार चुनाव के दौरान जब बीजेपी और एनडीए के नेता दिन-रात मेहनत कर रहे थे, तब राहुल गांधी पचमढ़ी में आराम कर रहे थे।
‘जनसेवा नहीं, पर्यटन यात्रा बन गई है राहुल की राजनीति’
मोहन यादव ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जनता की समस्याओं को दिखाने का दावा किया, लेकिन उनकी यात्राएं “जनसेवा से ज्यादा पर्यटन यात्रा” बन गई हैं।
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि राहुल गांधी को भारत घूमने का इतना ही शौक है तो “भारत भ्रमण” के बजाय “भारत जोड़ो जिम्मेदारी” निभाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता जानती है कि किसने विकास किया और कौन सिर्फ भाषण देकर भाग जाता है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की सरकार जनता के लिए दिन-रात काम कर रही है जबकि कांग्रेस सिर्फ ट्विटर और छुट्टियों की राजनीति में व्यस्त है।
बीजेपी नेताओं ने किया समर्थन, कांग्रेस ने पलटवार किया
मोहन यादव के बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने भी राहुल गांधी को निशाने पर लिया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब ज़मीनी राजनीति से पूरी तरह कट चुका है।
बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी को अगर राजनीति करनी है, तो जनता के बीच रहना होगा, न कि “हिल स्टेशन” के रिजॉर्ट में।
वहीं, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को राहुल गांधी की हर गतिविधि से डर लगने लगा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा,
“मोहन यादव को राहुल गांधी की लोकप्रियता से परेशानी है। राहुल गांधी जहां भी जाते हैं, वहां भीड़ उमड़ पड़ती है, इसलिए बीजेपी नेताओं को जलन होती है।”
कांग्रेस ने यह भी कहा कि राहुल गांधी देश के युवाओं, किसानों और गरीबों की आवाज उठाने में हमेशा सबसे आगे रहे हैं, जबकि बीजेपी सिर्फ झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करती है।
चुनावी माहौल में बयानबाजी तेज
बिहार चुनाव के दौरान राहुल गांधी पर यह तंज ऐसे समय आया है जब कांग्रेस और बीजेपी दोनों राज्यों में अपनी रणनीति को मजबूत करने में जुटे हैं।
मोहन यादव का यह बयान न केवल मध्य प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक सुर्खियां बटोर रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान बीजेपी की “कांग्रेस-फ्री इंडिया” रणनीति का हिस्सा है। राहुल गांधी की छवि को ‘असंवेदनशील नेता’ के रूप में दिखाने की कोशिश की जा रही है, ताकि मतदाताओं के मन में कांग्रेस की गंभीरता पर सवाल उठे।
पचमढ़ी क्यों चर्चा में आया?
पचमढ़ी, जिसे मध्य प्रदेश का “क्वीन ऑफ़ सटपुड़ा” कहा जाता है, एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। यह अक्सर राजनेताओं और हस्तियों के लिए आराम की जगह रहा है।
राहुल गांधी के वहां मौजूद होने की चर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद बीजेपी नेताओं ने इसे मुद्दा बना लिया।
कई यूजर्स ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि जब बिहार में चुनावी गर्मी थी, तब कांग्रेस नेता ठंडी वादियों का आनंद ले रहे थे।
जनता की नजर में क्या असर पड़ेगा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी पर ऐसे बयान कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर उन राज्यों में जहां पार्टी पहले से कमजोर स्थिति में है।
वहीं, बीजेपी इस बयानबाजी को चुनावी रणनीति के रूप में देख रही है।
मोहन यादव के समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने सही कहा — “जनसेवा मैदान में होती है, पहाड़ों पर नहीं।”
वहीं, कांग्रेस समर्थक इसे “भ्रम फैलाने की कोशिश” बता रहे हैं।
मोहन यादव का राहुल गांधी पर यह बयान निश्चित रूप से आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस को और तेज करेगा।
जहां बीजेपी इसे “जनता के मुद्दों से जुड़ा सच” बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे “राजनीतिक साजिश” करार दे रही है।
एक ओर मोहन यादव “जनसेवा” और “जमीनी राजनीति” की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर राहुल गांधी का “पचमढ़ी प्रवास” विपक्ष के लिए चर्चा का केंद्र बन गया है।
अब देखना होगा कि राहुल गांधी इस बयान का जवाब कैसे देते हैं और कांग्रेस इस आरोप को किस तरह संभालती है।
