
Morari Bapu: काशी में मोरारी बापू के चरणों में बाबा रामदेव: बोले– अपने ही संतों की आलोचना क्यों कर रहे सनातनी?
वाराणसी। काशी की पावन धरती पर आयोजित राम कथा में संत मोरारी बापू के चरणों में बैठकर योग गुरु बाबा रामदेव ने सनातन धर्म और साधु-संतों के सम्मान को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ सनातनी लोग भी बापू जैसे संतों की आलोचना कर रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाबा रामदेव ने कहा, “अगर कोई मुसलमान या किसी अन्य पंथ का व्यक्ति बापू जी की बुराई करता है, तो हम समझ सकते हैं कि वह हमारी परंपरा, विचारधारा और संस्कृति को नहीं समझता। लेकिन जब कोई सनातन धर्म को मानने वाला, जो खुद को ‘धर्मरक्षक’ कहता है, वही अपने ही संतों की आलोचना करता है, तो यह चिंता का विषय बन जाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “बापू जैसे संत जिन्होंने जीवन भर राम नाम का प्रचार किया, प्रेम और करुणा की बात की, अगर उन पर भी सवाल उठेंगे तो फिर समाज में श्रद्धा का स्थान कहां बचेगा?” बाबा रामदेव ने यह बातें हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में मंच से कही, जहां मोरारी बापू की रामकथा का आयोजन हो रहा है।
इस दौरान बाबा रामदेव ने मोरारी बापू के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए उनके चरणों में बैठकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि बापू ने जिस तरह पूरी दुनिया में रामकथा और भारतीय संस्कृति को फैलाया है, वह अद्वितीय है और संतों को राजनीति या आलोचना की दृष्टि से देखना धर्म के लिए घातक हो सकता है।
बाबा रामदेव ने सनातन धर्म को एकता, सहिष्णुता और ज्ञान का प्रतीक बताते हुए लोगों से आह्वान किया कि वे संतों का सम्मान करें और किसी भी प्रकार के वैमनस्य से बचें। उन्होंने कहा, “अगर हम अपने ही गुरुओं और संतों पर प्रश्नचिह्न लगाने लगेंगे, तो हमारी संस्कृति की नींव कमजोर हो जाएगी।”
कार्यक्रम के अंत में बाबा रामदेव ने मोरारी बापू से आशीर्वाद लिया और रामकथा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं से सनातन मूल्यों के संरक्षण और प्रसार की अपील की।