
पीएम नरेंद्र मोदी विकास मिशन चलो गांव की ओर संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने सपरिवार मलेशिया में मनाया योग दिवस।
देवघर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर “पीएम नरेंद्र मोदी विकास मिशन चलो गांव की ओर” संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन ने मलेशिया में सपरिवार योग कर इस दिवस को श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी डॉ. पूजा राय और पुत्र पुण्य श्लोक भी योग सत्र में शामिल हुए।
इस अवसर पर डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग आज एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री के उस आह्वान को दोहराया जिसमें योग के ज़रिए आंतरिक शांति को वैश्विक नीति बनाने की बात कही गई है। साथ ही उन्होंने योग को वैश्विक साझेदारी और मानव कल्याण का माध्यम बताया।
इस वर्ष योग दिवस की थीम “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” रखी गई, जो धरती और मानव स्वास्थ्य के पारस्परिक संबंध को उजागर करती है। यह थीम सीमाओं, उम्र या पृष्ठभूमियों से परे, दुनिया को जोड़ने का संदेश देती है।
डॉ. रंजन ने कहा कि आज योग भारत की सीमाओं से निकलकर पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने इसे “मानवता के लिए योग 2.0” की शुरुआत करार दिया।
इस मौके पर भारत समेत दुनियाभर में लाखों लोगों ने योग में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहाँ मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी उनके साथ मौजूद रहे।
देशभर में 100 ऐतिहासिक और 50 सांस्कृतिक स्थलों पर विशेष योग सत्र आयोजित किए गए। इनमें असम का चराईदेव मोइदम, गुजरात की रानी की वाव व धोलावीरा, मध्य प्रदेश का सांची स्तूप, ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर, महाराष्ट्र की एलीफेंटा गुफाएं और तमिलनाडु का वृहदेश्वर मंदिर प्रमुख रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उधमपुर में सेना के जवानों के साथ योग किया, तो वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में भाग लिया। सुप्रीम कोर्ट परिसर में भी न्यायाधीशों, डॉक्टरों और छात्रों ने सामूहिक योगाभ्यास किया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी योग दिवस की व्यापक गूंज रही। अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित टाइम्स स्क्वायर पर भव्य योग कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि योग अब भारत की परंपरा भर नहीं, बल्कि विश्व की साझा सांस्कृतिक धरोहर बन चुका है। इस बार 175 से अधिक देशों के 12 लाख स्थानों पर 10 करोड़ से अधिक लोगों ने योग दिवस कार्यक्रमों में भाग लेकर इसे ऐतिहासिक बना दिया।