बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। alliance को मिली प्रचंड जीत ने न केवल बिहार की राजनीति में नया अध्याय जोड़ा है, बल्कि कई बड़े नेताओं की भूमिका को भी मजबूत किया है। इसी कड़ी में एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जीत के बाद आज सुबह पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका और बिहार की जनता का आभार व्यक्त किया।

चिराग पासवान सुबह करीब 9 बजे पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचे, जहां उन्होंने शांतिपूर्वक अरदास में शामिल होकर राज्य में शांति, समृद्धि और स्थिरता की कामना की। चुनावी भागदौड़ और सियासी हलचल के बीच उनका यह धार्मिक दौरा कई राजनीतिक मायनों में अहम माना जा रहा है।
धार्मिक स्थल पर चिराग के पहुंचने का संदेश
विशेष बात यह रही कि चिराग पासवान ने गुरुद्वारा में मीडिया से सीधी बातचीत नहीं की, लेकिन उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि यह दौरा आत्मिक शांति और जनता के प्रति आभार जताने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार जिस तरह एनडीए पर विश्वास जताया है, वह ऐतिहासिक और प्रेरणादायक है।
गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर एक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा—
“बिहार की जनता ने हमारे गठबंधन को जो प्यार और भरोसा दिया है, वह मेरे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं। आज पटना साहिब में अरदास कर राज्य की तरक्की के लिए प्रार्थना की।”
एनडीए की शीर्ष नेतृत्व बैठक की तैयारियों में भी तेजी
बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। एनडीए नेताओं की बैठकें लगातार जारी हैं, और जल्द ही मुख्यमंत्री पद को लेकर आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इस बीच चिराग पासवान की यह गुरुद्वारा यात्रा एक सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण संदेश के रूप में सामने आई है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चिराग पासवान पिछले कुछ वर्षों में बिहार राजनीति के एक ‘जनप्रिय चेहरे’ के रूप में उभरे हैं। एनडीए की जीत में युवा वोटर्स को जोड़ने और चुनावी प्रचार को धार देने में उनकी भूमिका को काफी अहम माना जा रहा है।
चिराग पासवान की बढ़ती राजनीतिक पकड़
चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत ने कई नेताओं को नई ताकत प्रदान की है। खासकर चिराग पासवान के लिए यह चुनाव एक बड़ा अवसर साबित हुआ।
उनकी पार्टी एलजेपी (रामविलास) ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसने एनडीए की सीटों में अच्छा योगदान दिया।
चिराग पासवान ने अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाते हुए गठबंधन की एक मजबूत कड़ी बनने की ओर कदम बढ़ाया है। पटना गुरुद्वारा में मत्था टेकने का उनका यह कदम बिहार की विविध धार्मिक भावनाओं को सम्मान देने का संकेत भी माना जा रहा है।
गुरुद्वारा साहिब में भारी सुरक्षा व्यवस्था
चिराग पासवान की यात्रा को देखते हुए पटना साहिब गुरुद्वारा परिसर में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर पुलिस बल को तैनात किया गया ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गुरुद्वारा कमेटी के सदस्यों ने चिराग का स्वागत किया और उन्हें ‘सरोपा’ से सम्मानित किया।
जनता से जुड़े मुद्दों पर काम करने की प्रतिबद्धता
मत्था टेकने के बाद जारी बयान में चिराग पासवान ने कहा:
“बिहार के हर वर्ग, हर जाति और हर क्षेत्र की समान प्रगति मेरे लिए प्राथमिकता है। हम सब मिलकर एक विकसित और सक्षम बिहार की ओर बढ़ेंगे।”
उन्होंने रोजगार, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और युवाओं की समस्याओं पर तेज गति से काम करने का वादा भी किया।
एनडीए सरकार से जनता की अपेक्षाएं बढ़ चुकी हैं, और चिराग पासवान समेत सभी नेता इस जनादेश को अपने लिए ‘जिम्मेदारी’ मानते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
चिराग पासवान के गुरुद्वारे दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
कई यूज़र्स ने उन्हें जीत की बधाई देते हुए लिखा—
“चिराग जी जमीन से जुड़े नेता हैं, धर्म और समाज दोनों को सम्मान देते हैं।”
कुछ ने यह भी लिखा कि चुनावी शोरगुल के बाद किसी नेता का धार्मिक स्थल पर जाना उनके विनम्र स्वभाव का संकेत है।
एनडीए की जीत का व्यापक राजनीतिक प्रभाव
एनडीए की इस शानदार जीत से बिहार की राजनीतिक दिशा आने वाले वर्षों में तय होगी।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि चिराग पासवान की भूमिका केवल लोकसभा या बिहार राजनीति तक सीमित नहीं होगी, बल्कि वह एनडीए की केंद्रीय रणनीतियों में भी महत्वपूर्ण किरदार निभा सकते हैं।
आगे क्या?
एनडीए की सरकार के जल्द ही शपथ लेने की उम्मीद है। पटना में बड़े समारोह की तैयारी शुरू हो चुकी है।
चिराग पासवान आने वाले मंत्रिमंडल में किस तरह की भूमिका निभाएंगे, इस पर भी सबकी नजरें टिकी हैं।
फिलहाल उनका धार्मिक दौरा इस जीत का ‘आत्मिक आभार’ माना जा रहा है और उनके समर्थकों के बीच उत्साह की लहर है।
